नमस्ते। वणक्कम।
११-२-२०२१
आम के आम ,गुठले का दाम।
यह मुहावरा कितना सत्य ,कितना असत्य।
अनुभव मेरे विपरीत।
किसीको आज तक जिंदगीभर
आम के आम गुठली के दाम मिले ही नहीं।
एक खोकर दूसरा पाना,
कैसे आम का आम गुठली का दाम होगा।
एक करोड़ की पूँजी ,धंधे में लाभ।
फिर व्यापार बढ़ाने की चिंता .
एक करोड़ सांसद ,आम के आम गुठलियों के दाम।
फिर अगलेचुनाव में लड़ने पैसे जोड़ना
बदनाम से बचने की चिंता।
मेरे एक दोस्त ने आम तोड़ने पत्थर फेंका,
आम मिले पर पत्थर वहाँ खड़े पुलिस केसिर पर.
आम लेने दोस्त झुका तो पुलिस की लाठी दोस्त केसिर पर.
सोचा तो सब जो क्षणिक लाभ मिलते हैं
सोचते हैं अपनेदोनों हाथों में हैं लड्डू।
मानव का सुख ,संतोष, भरा -पूरा परिवार।
आम का आम गुठलियों के दाम।
कितने भाग्यवानों को पता नहीं।
स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन , चेन्नै।
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