भगवान है कि नहीं,
हैं तो अन्याय क्यों?
अधर्म विचार क्यों?
आचार विचार में
भेद क्यों ?
मजहबी कट्टरता क्यों?
क्यों? क्यों? क्यों?
असुरों को वर पद क्यों?
अधर्मियों को सुखी जीवन कैसे?
भक्तों की ग़रीबी क्यों?
बाघ अहिंसा
नहीं मान सकता।
गाय माँसाहारी नहीं बन सकता।
अंग जग में हिंसा अहिंसा क्यों?
ईश्वर की सृष्टियों की सूक्ष्मता का ज्ञान समझ में आता नहीं क्यों?
स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक
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