नमस्ते वणक्कम।
शहनाई मंगल वाद्य।
वह शाह से है तो
शहनाई का शाह
बिस्मिल्लाह खान।।
वह वाद्य यंत्र हिंदी साहित्य के
भक्तिकाल से अति प्रचलित।।
अति आनंदप्रद वाद्य।
हमारे तमिलनाडु में नादस्वरम्।
मंगल के दिन अमंगल स्वर
अमंगल वार्तालाप
कानों पर सुनाई न पड़े,
जोर से। मंगल वाद्य।
पूर्वजों का सूझबूझ अनुकरणीय।
शहनाई के मंगल स्वर में
सहभागी और सहभोजी बनेंगे।
स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।
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