नमस्ते। वणक्कम।
विषय_-मन पसंद।
विधा--भावाभिव्यक्ति अपनी शैली।
मन पसंद बातें,
मान मर्यादा प्रद होनी चाहिए।
मनमानी न होनी चाहिए।
मन माननी चाहिए।
सर्व मान्य बात समाज में।
मन व्यक्तिगत और समाज गत।
परिस्थितियों के अनुकूल।
बात दबानी चाहिए।
बात बतानी चाहिए।
मनपसंद चाहें पूरी होने,
भगवान का अनुग्रह चाहिए।
मन पसंद सब के सब मिलने पर,
भगवान को मानता कौन?
अन्याय से डरता कौन?
स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।
No comments:
Post a Comment