नमस्ते वणक्कम।
शब्द।
शब्द भेदी बाण,
गोरी मुहम्मद की जान निकाली।
कुंभ कर्ण का शब्द दोष,
निद्रा भंग कर दिया।।
अश्वत्थामा "कुंजर:"
धीमा आवाज़ द्रोणाचार्य की जान ली।
घड़े में पानी भरने की आवाज़
एक अंधे माँ बाप के
इकलौते बेटे की जान ली ,
महाराजा दशरथ को
पुत्र शोक में मरना पड़ा।
शब्दों के उच्चारण गल्तियाँ
आदी,आदि,आधी कितना अर्थ भेद।।
बाप,भाप पाप ,हंस,हँस चन्द्रबिन्दु,बिंदु
हँस मुख,हंस मुख कितना बड़ा भेद।
सावधान!शब्द करना,
शब्द ग़लत उच्चारण होगा बड़ा पाप।।
स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन,चेन्नै। तमिलनाडु
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