तमिल हीरे पद्य
शिक्षा ---
१. तमिल मूल --आर्कली उलकत्तु मक्कटकेल्लाम ओतलिन चिरन्तनरू ओळुक्क मुड मै।
कवि --मदुरै कुडलूर किलार ; पति नेन कील कनक्कु ग्रन्थ का नाम :--मुतु मोलिककाञ्ची।
हिंदी अनुवाद --
समुद्र से घिरे इस संसार में ,शिक्षा से बढ़कर कोई है तो अनुशासन। .बड़े बड़े ग्रन्थ पढ़कर
बिना अनुशासन के कोई लाभ नहीं है। बदनाम ही शेष रहेगा।
२.धर्म कर्म -- कवियित्री --अव्वैयार ग्रन्थ --न ळवलि।
आरु इडुम मेडुम मडुवाउमाम शेल्वम
मारिडुम एरिडुम मानिलात्तीर --सोरिडुम
तांणीरूम वारुं तरुम मे सारबाका
उल निरमै विरुम उयरन्तु।
हिंदी अनुवाद ---
नदी के बहते बहते रेत के टीले और गड्ढे बनते हैं।
वैसे ही धन घटकर बढ़कर चला जाएगा। मनुष्य का धर्म कर्म
जैसे अन्नदान ,नीर दान आदि स्थायी सुख देगा। धन अस्थायी है.
संतोष देगा , अतः पुण्य कर्म फल स्थायी है। धन न बचाकर दान देने से
धन घटेगा नहीं ,बढ़ेगा ही।
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