नमस्ते वणक्कम।
आराधना,पूजा,उपासक।
तीनों में फर्क है ।
भगवान की आराधना में
विविध लोग विविध प्रकार से आते हैं।
वे ही पुजारी द्वारा पूजा कराते हैं।
देवी उपासक,हनुमान उपासक।
वे ईश्वरीय शक्ति प्राप्त दिव्य पुरुष।
ढोंगियों की बात अलग।।
वास्तविक उपासक बाह्याडंबर से दूर।
ढोंगी उपासक पैसे के पीछे पागल।।
स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन,चेन्नै
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