Tuesday, August 14, 2012

विवेक चिंतामणि

विवेक चिंतामणि

तमिल भाषा में कई कवितायें मनुष्य के आदर्श जीवन के मार्ग दर्शक हैं. वैसे ही जीवन से सम्बंधित कविता संग्रह है विवेक चिंतामणि. इस कविता संग्रह के कवि नाम का पता नहीं है.यह कविता संग्रह विनय भगवान की प्रार्थना से आरम्भ होता है.

तिरुवरुनै गोपुर में विराजे,विनायक भगवान् से प्रार्थना करें तो,

मात्रु गर्भ से जन्मे इस जन्म के सकल दुखों से मिलेगी मुक्ति.

प्रारब्ध कर्म के पाप मिटेंगे.पीडाएं सारी दूर हट जायेंगी.

அல்லல்போம் வல்வினைபோம் அன்னை வயிற்றில் பிறந்த தொல்லை போம்.

போகாத்துயரம் போம்.;நல்ல குணமதிக மாமருணைக் கோபுரத்துள் மேவும்

கணபதியைக் கை தொழுதக் கால்.
==============================

सातों से लाभ नहीं,

बच्चा संकट में सहायता नहीं करता, तो उससे नहीं प्रयोजन.
भोजन अति भूख के समय भूख नहीं मिटाता तो उससे नहीं प्रयोजन.
पानी प्यास नहीं बुझाता तो उससे नहीं प्रयोजन.
स्त्री दरिद्रिय नहीं जानती तो उससे नहीं प्रयोजन.
राजा क्रोधी है तो उससे नहीं प्रयोजन.
शिष्य गुरु की बात नहीं मानता तो उससे नहीं प्रयोजन
तीर्थ पाप नहीं मिटाता तो उससे प्रयोजन नहीं.
उपर्युक्त सातों से नहीं कोई प्रयोजन.जो आवश्यक समय पर साथ नहीं देता.

ஆபத்துக்குதவாப்பில்லை,அரும்பசிக்கு உதவா அன்னம்,
தாபத்தைத் தீராத் தண்ணீர்,தரிந்திரம் அறியாப் பெண்டிர்
கோபத்தை அடக்கா வேந்தன் குருமொழி கொள்ளாச் சீடன்
பாபத்தை தீராத் தீர்த்தம் பயனிலை எழுந்தானே.

No comments: