तिरुक्कुरल में मनुष्य गुण।
- अनुशासन और शील ही जीवन साथी है।
- मनुष्य की चाह दूर होगी तो उसके कार्य में सफलता मिलेगी।
- आलसी मनुष्य के घर में ज्येष्ठा देवी वास करेगी।
- शील और अच्छी चाल-चलन ही उत्थान का मार्ग है।शील और मान जान से श्रेष्ठ है।
- धर्म और वीर का साथी प्रेम है।
- अपनी विधि को भी सतत प्रयास बदल सकता है। ईश्वर साथ न देने पर भी प्रयत्न साथ देगा।
- विधि की विडम्बना सबल है। विधि से बचने के प्रयत्न के पहले ही विधि अपनी क्रिया शुरू कर देगी।
- सत्य बोलनेवाला ही तपस्वी और दानी से श्रेष्ठ है.
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