१.
सज्जनों की बोली मीठी और प्यार भरी होती है.उनकी बोली में ठगने की बात नहीं रहेगी.
२.
हँस -मुख़ मीठी बातें बोलनेवाले के दिल से प्रकट होनेवाली बातें मधुर होती हैं साथ ही देनेवाली सामग्री से श्रेष्ठ होती है.
३.
खिले मुख़ से अंतर -मन से मधुर वचन कहना ही धर्म है.
४.
दूसरों को सुख देनेवाली मधुर बोली बोलनेवालों की गरीबी दूर हो जायेगी.वे कभी दुखी नहीं होंगे.
५.
विनम्र और मधुर बोली बोलना एक व्यक्ति का आभूषण है.
६.
पाप मिटकर धर्म बढ़ने का एक मात्र मंत्र है मीठी बोली बोलना.
७.
दूसरों को लाभप्रद ,सुमार्ग के मधुर वचन बोलनेवालों को भी हित पहुंचाकर
उपकार करेगा.
८.
नीच विचारों के बिना बोलनेवाली मीठी बातें केवल इस जन्म कोही नहीं अगले जन्म कोभी सुख देगा.
९.
जो मधुर वचन से आनेवाले सुख समझ लेता है,फिर वह क्यों कठोर
वचन का प्रयोग करता है.नहीं करेगा.
१०
मधुर वचन के होते कठोर वचन बोलना,फल होने पर भी कच्चा फल उखड़ने के सामान है.
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