पट्टी नत्तार -शैव - सिद्धांत
तमिलनाडु के संत पट्टी नततार के पद्य संग्रह का भावार्थ
तेरे जन्म हुए अनेक.हर जनम में ,
की तूने कई जीवों की हत्याएं.
उन जीवों ने की तेरी हत्या.
उन जीवों को तूने खाया.
उन जीवोने तुझे. खाया.
तूने सबको पैदा किया.
सब ने तुझे .
सब को तूने पाला.
सबने तुझे.
दौलत पाकर खुश हुए.
गरीबी में दुखी.
देव लोक में तू थे.
नरक में तू थे.
इस व्याप्त जग में
,तू ने सुख का अनुभव किया.
तूने दुःख का भी.किसी को न तजकर
सबका अनुभव किया.
भंवर -सा इस सांसारिक जीवन में,
सबको स्थाय्यी मानी.
तुझे न लगा की तू एक किनारे पर हो?
वह भी घृणित संसार है.
यह श्री पुण्य-पाप का पिंजड़ा.
लेकिन तूने सो चा
यह पत्थर-सा टिकावु है.
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