Friday, August 3, 2012

अर्द्धांगिनी तिरुक्कुरल


अर्द्धांगिनी  तिरुक्कुरल
१.
आदर्श गुणवती पत्नी वहीं है,जो अपने पति  की आमदनी  के अनुकूल मितव्यय करके  गृहस्थ चलाती है.
२. 
  १.  गृहस्थ  जीवन के योग्य गुणवती पत्नी एक पुरुष  को नहीं मिलें तो 
     उस पति को पद-धन -जो भी श्रेष्ठता  हो,उनसे कोई लाभ नहीं है.
३..
अर्द्धांगिनी  चरित्र हीन और अगुणी होने पर ,कुटुंब में सब सुविधाएं होने पर भी  वह परिवार  सुखी नहीं है.घर की धन-दौलत का भी कोई महत्व नहीं हैं.
अच्छी  पत्नी के अभाव में घर शून्य ही रहेगा.
४.
गृहस्थ  जीवन में पति व्रता नारी  मिल जायेगी तो उससे बढ़कर  
विशेषता और कुछ नहीं हैं.
५.
पतिव्रत नारी समय पर की वर्षा के सामान है.उसके कारण परिवार हरा-भरा हो जाएगा.
६.
आदर्श अर्द्धाग्नी वही है  जो अपनी पतिव्रता धर्म की  और पति के यश की 
रक्षा करते हुए दृढ़ चित से जीवन -क्रम निभाती है.
7.
एक नारी की रक्षा अंगरक्षकों से नहीं होगा.वह चाहती तो वह खुद अपने को बचा सकती है.अतः एक नारी को अबला कहना अनुचित है.
८.
योग्य पत्नी को योग्य चरित्रवान  पति के  मिलने पर  उसका गृहस्थ  जीवन एक नया संसार हो जाएगा.
९.
पत्नी  चरित्रहीनता  होने पर  पति घमंड  से  चल-फिर नहीं सकता.
१०.
एक आदर्श गृहस्थी   के लिए उस परिवार में जन्म लेनेवाली 
अच्छी संतानें ही विशेष  हैं.

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