Friday, December 19, 2025

तमिल हिंदी सेवा

 तमिल हिंदी सेवा =தமிழ் ஹிந்தி பணி

ஆலயங்கள் = आलयंकल =मंदिर 

 மசூதிகள்  मसूदिकळ्= मस्जिद 

 சர்ச்கள்= चर्चकळ् 

 பெருகுவதால்  पेरुकुवताल्==  बढ़ने से 

 பக்தி  பெருகுகிறது  भक्ति पेरुकुकिऱतु= भक्ति  बढ़ता है ।

 நியாயம் नियायम = न्याय 

 தானம் தர்மம்  दानम् धर्मम्।  =दान धर्म 

 அதிகரிக்கிறது अधिकरिक्किरती=  बढ़ता है

 என்று கூறமுடியாது. =कूरमुडियातु  =कह नहीं सकते।

அவைகளைச் अवैकलैच् =उनको 

 சுற்றி   चुट्रि=   घेरकर 

 அங்காடிகள் अंगाडिकळ्==  दूकानें

 உணவகங்கள்  उणवहंकळ =भोजनालय 

 பிரசாத விற்பனைகள்

प्रसाद विऱपनैकल्  प्रसाद विर्पनैकळ् = प्रसाद बिक्री 

 அனைத்துமே अनैत्तुमे =  सभी

 வணிக= वणिक=  वाणिज्य 

 நோக்கமே= नोक्कमे=. उद्देश्य ही।

  பக்தி என்பது  =भक्ति माने

நந்தனார் போல் नंदनवार पोल =नंदनवार के जैसे

 ஆண்டாள் போல்  आंडाल् पोल् = आंडाल् जैसे 

 மீரா போல मीरा जैसे  == मीरा के जैसे 

பக்த தியாகராசர் 

भक्त त्यागराज पोल। भक्त त्यागराज जैसे 

 ரமண மஹரிஷி போல்

रमण महर्षि के जैसे 

  இறைவனை மட்டுமே 

इरैवनै मट्टुमे =भगवान को मात्र 

 நினைக்க வேண்டும்.

निनैक्क वेंडुम्।

   கபீர் சொல்கிறார் 

कबीर चैल्किऱार् 

कबीर कहते हैं 

 வேதங்கள்  वेदंकळ् =वेद् 

படித்தும் पडित्तुम् पढ़कर 

 குரான் படித்தும் कुरान पढ़कर

 இறைவனை  इरैवनै भगवान को 

அறியாதவர்களே  अऱियातवर्कळे 

அதிகம். अधिकम्  =अधिक।

உலகில்उलकिल  --संसार में 

 சத்தியம் இல்லை.सत्तियम् इल्लै।

सत्य नहीं है।

 ஊழல் லஞ்சம் அதிகம்.

ऊऴळ् लंजम् अधिकम्  ==भ्रिरष्टाचार श्वत अधिक।

 தேவாலயங்கள் என்பது 

देवालयंकळ्   ऍन्पतु

माने  देवालय माने 

 இன்றைய உலகில் 

इनऱैय उलकिल्  आज की दुनिया में 

 வெற்று ஆடம்பரங்கள் தான்.

 वॆट्रु आडंबरंकळ्  तान।

व्यर्थ आडंबर ही।

ஆலயம் சாதிகள் 

आलयम् जातिकळिन्  = आलय जाति  

 आलयम्  जातिकलिन् 

 आधार पर। 

அடிப்படையில் = अडिप्पडैयिल् 

 மொழி அடிப்படையில் 

मोऴि अडिप्पडैयिल् 

भाषा के आधार पर 

 சொத்து அடிப்படையில்

सोत्तु अडिप्पडैयिल

संपत्ति के आधार पर 

 புதிபுதிதாக உருவாகின்றன

पुतितु पतिताक  उरुवाकिन्ऱन.

नये नये बनाते हैं।

 தேர்தல் ஊழல்

तेर्तल  ऊऴल= चुनाव भ्रष्टाचार 

 வாக்குக்கு  

मत देने

 நோட்டு  नोट्।

  சுயநலம் सुयनलमृ  स्वार्थता।

 மக்கள் मक्कळ्

பிரிவினைகள் पिरिविनैकळ्= विभाजन।

 தடுக்க முடியாத சக்தி 

तडुक्क मुडियात शक्ति

अपरिहार्य शक्ति ।

 வளர்ப்பதால் वलर्प्पताल् बढ़ाने से

 ஆலயங்கள்  आलयंकळ् 

பெருகினாலும் पॆरुकिनालुम्

 மரணம் मरणम्=मृत्यु 

 நிச்சயம்  निच्चयम् 

என்று உணரா उणऱा।

  न  महसूस  किया

 ஞானத்தால் ज्ञानत्ताल्   ज्ञान से

 மனிதர்களுக்கு 

मनितर्कळुक्कु =मनुष्य को 

 அமைதி இல்லை. अमैति इल्लै =

शांति नहीं 

 துன்பமே. तुध्बमे --दुख ही।

 தங்க அரியணை

 தர்ம பிரசாரம் 

 சரியல்ல சுயநலமே.

तमिऴ् हिंदी सेवा।

தமிழ் ஹிந்தி பணி 

20-12-25

ஆலயங்கள் आलयंकळ्  =देवालय

 மசூதிகள் मसूदिकळ्=मस्जिद 

 சர்ச்கள் चर्चकळ्‌ --चर्च

 பெருகுவதால்  बढ़ने से

 பக்தி  பெருகுகிறது  भक्ति बढ़ता है

 நியாயம் न्याय 

 தானம் தர்மம்  दान धर्म 

 அதிகரிக்கிறது बढ़ता है

 என்று கூறமுடியாது. ऐसा कह नहीं सकता।

அவைகளைச்  उनको

சுற்றி घेरकर

 அங்காடிகள் दूकान 

 உணவகங்கள்  भोजनालय 

 பிரசாத விற்பனைகள்

प्रसाद बिक्री 

 அனைத்துமே  सभी

வணிக நோக்கமே. वाणिज्य उद्देश्य ही।

  பக்தி என்பது भक्ति माने

 நந்தனார் போல் नंदनवार के जैसे 

 ஆண்டாள் போல்  आंडाल जैसे 

 மீரா போல मीरा जैसे 

 பக்தி தியாகராசர்  भक्त तृयागराज जैसे 

 ரமண மஹரிஷி போல்

रमण महर्षि जैसे 

  இறைவனை  ईश्वर 

மட்டுமே  मात्र को 

 நினைக்க வேண்டும். स्मरण करना चाहिए।

   கபீர் சொல்கிறார்  कबीर कहते हैं 

 வேதங்கள் படித்தும் वेद पढ़कर 

 குரான் படித்தும் कुरान पढकर

 இறைவனை ईश्वर को 

 அறியாதவர்களேन जाननेवाले ही 

 அதிகம். ज्यादा।

உலகில்   संसार में 

சத்தியம் இல்லை. सत्य नहीं है।

 ஊழல் லஞ்சம் அதிகம்.

भ्रष्टाचार रिश्वत ज़्यादा।

 தேவாலயங்கள் என்பது 

देवालय माने

 இன்றைய உலகில் 

आज की दुनिया में 

 வெற்று  व्यर्थ

ஆடம்பரங்கள்  आडंबरंकळ्। तान।

आडंबर ही। -தான்.

ஆலயம்   आलयम्  मंदिर 

சாதிகள் 

जातियों के  जातिकळ्

அடிப்படையில்

अडिप्पडैयिल

आधार पर

 மொழி அடிப்படையில் 

मोऴि अडिप्पडैयिल् 

 भाषा के आधार पर

 சொத்து அடிப்படையில்

सोत्तु अडिप्पडैयिल

संपत्ति के आधार पर

 புதிது  புதிதாக  पुतिपतिताक  == नये नये

உருவாகின்றன. उरुवाक्कुकिन्रन।

बनाते हैं।

 தேர்தல் ஊழல்=तेर्तल ऊऴल् '

= चुनाव भ्रष्टाचार 

 வாக்குக்கு ஓட்டு वाक्कुक्कु  वोट।  मतपत्र मत देने

  சுயநலம் सुयनलम

 स्वार्थता

 மக்கள் मंक्कळुकुळ् =   जनता में 

பிரிவினைகள் = पिरिविनैकळ् 

 विभाजन 

 தடுக்க முடியாத சக்தி 

तडुक्कमुडियात। शक्ति 

अपरिहार्य शक्ति 

 வளர்ப்பதால் वलर्प्पताल् 

बढ़ाने से

 ஆலயங்கள் आलयंकळ्  आलय ओझल

 பெருகினாலும்। फॆरुकिनालुम्  बढ़ने  पर भी

 மரணம் =मरणम्  =मृत्यु 

 நிச்சயம் निश्चयम् == निश्चय

என்று  ऍन्ऱु

உணரா  उतरा ==  का महसूस  न करनेवाले 


 ஞானத்தால்  ज्ञान से  ज्ञानत्ताल

மனிதர்களுக்கு मनितर्कळुक्कु---  मनुष्यों को

 அமைதி இல்லை अमैति इल्लै==. शांति नहीं 

 துன்பமே  तन्बमे ==.दुख ही है।

 தங்க அரியணை  तंग सिंहासन्‌

 स्वर्ण सिंहासन 

 தர்ம பிரசாரம் धर्म प्राचार्य,=  धर्म प्रचार नहीं

 சரியல்ல=सरियल्ल   सही नहीं 

சுயநலமே=सुयनलमे.= स्वार्थ ही  =

Wednesday, December 17, 2025

वीणा पानी का वरदान

 वाणी का वरदान।

एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई।

 18-12-25.

सनातन धर्म स्थल हिंदी नागरी लिपि में 

तमिल हिंदी सेवा 

हिंदी भी तमिल भी मैं 

एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक 

18-12-25

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मानव ज्ञान चक्षु प्राप्त जीव।==

मनितन् ज्ञानक्कण पेट्रजीवन।


 पर उसका स्वास्थ्य, 

आनाल् अवनुडैय आरोग्यंम् 

ज्ञान, =ज्ञानम्

 क्षमता =तिऱमै

स्वर का माधुर्य =कुरल् इनिमै

 सद्विचार =नल्ल ऍण्णम्

बद्विचार  =कॆट्ट ऍण्णम् 

 रूप = अऴकान

 कुरूप =अऴकट्र

विचार =ऍण्णम् 

 आदर्श व्यक्तित्व =ऍडुत्तुक्काट्टान आळुमै


 नायक के गुण,  नायकनिन् गुणम्


 खलनायक के गुण,

विल्लन गुणम्

 कवित्व ज्ञान,=

कवित्व ज्ञानम्।

 वीणा पानी का वरदान।=

कलैमकळिन्  वरम् 

 

 जननी जन्म सौख्यानाम्

अन्नै पिऱप्पु नलम्।

वर्तनी कुल संपदाम्

चोर्कळिन  सोत्तु

पदवी पूर्व पुण्याणाम्

पदवि मुऱ्पिरवि पलन्

 लिख्यते जन्मपत्रिका

ऍऴुतप् पट्टे जातकम्।

 राजकुमार सिद्धार्थ 

 संन्यासी बनने का लक्षण

सन्नियासी आकुम् लक्षणंकळ्।

 जन्म लेते ही पता चला।

 पिरंततुमे तेरिंदुविट्टतु।

  मूर्ख कालीदास  =मूर्क्कन्  काळिदासन्


 महाकवि, महाकवि।

 लुटेरा  रत्नाकर 

कोळ्ळैयन्  रत्नाकर 

आदि कवि वाल्मीकि ‌।

आदि कवि वाल्मीकि।

जोरु का गुलाम=

मनैवियिन् अडिमै

 तुलसीदास   तुलसीदासर।

 भक्ति साहित्य का 

भक्ति इलक्कियत्तिन्

 चंद्र, चंदिरन् ।


जन्मांध सूर =पिऱविक्कुरुडन्

 साहित्य का सूर।

इलक्कियत्तिन् कदिरवन्

   बेशक ये महाकवि  

ऐयमिन्ऱि इंद महाकविकळ्।

 वाणी के वरदान पुत्र।

 कळैमकळिन् वरम् पॆट्र  पुत्तिरर्कळ्।

 तमिल के दिव्य  कवि=

तमिऴिन् देय्वप्पुलवर्

 तिरुज्ञानसंबंधर 

 तिरुज्ञानसंबंधर

तीन साल में   

मून्ऱु वयतिल्

 पार्वती शिव के 

 पार्वती शिवन्

 कृपा कटाक्ष पाकर,

 अरुट् पार्वै पेट्रू

 पार्वती देवी का दूध

पार्वती देवियिन पाल्

  पीकर कवि बने।

अरुंदि कविज्ञर् आनार।

 अपने दिव्य ग्रंथ  तज=

 तन् देय्वीक नूलै विट्टु

 सोलह साल की उम्र में =

पतिनाऱु वयतिल्


 भगवद ज्योति में मिल गये।

इरै जोतियिल कलंदुविट्टार्।

 भारतीय = भारत

आध्यात्मिक क्षेत्र में =

आन्मीक  तुऱैयिल्

 वाणी वरदान भक्त

कलैमकळ् वरम् पेट्ऱ्

 कवियों  की सूची लंबी।

 कविकलिन पट्टियल् नींडतु।

Sunday, December 14, 2025

ஆன்ம மனநிறைவு आत्मसंतोष

 


तमिऴ् हिंदी सेवा, தமிழ் ஹிந்தி பணி

 आत्मसंतोष   ஆன்ம மன நிறைவு =

आन्म मन निऱेउ।

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एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई।

சே. அனந்த கிருஷ்ணன்.

15-12-25.

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आत्म संतोष,  =आन्म मन निऱैवु

आत्मसुख, --आन्मसुखम्

आत्मानंद,  = आत्मानंदम्

आत्मज्ञान  =आत्मज्ञानम्

 ये हैं आध्यात्मिक चिंतन।

इवैकळ् आन्मीक चिंतनैकळ्।

 लौकिक चिंतन में, --लौकीक चिंतनैयिल

 सत्य का साथ नहीं, =वाय्मै उड़न् इल्लै,

 भक्ति के क्षेत्र में बाह्याडंबर अधिक।

भक्ति  क्षेत्रत्तिल वीण आडंबरंगळ्  अतिकम्

 राजनैतिक क्षेत्र में  =अरसियल तुऱैयिल

 भ्रष्टाचारी। ऊऴल्

 प्रशासनिक और = निर्वाकत्तिलुम्

 न्याय के क्षेत्र में =  नियायत्तऱैयिल्

लक्ष्मी की चंचलता=अलैमकलिन  चंचलम्

 आत्म संतोष कैसे? आन्म निऱैवु ऍप्पडी?

 नश्वर जगत में  =अऴियुम् उलकिल्

 अनश्वर सत्य, अऴियात सत्यतियम्

 अधर्म प्रशासन, अधर्म निर्वाहम्

   आतंकवाद  =तीवीरवादम्

 ठग, चोर,डाकू, मैसक्कारर्कळ् , तिरुडन्, कोळ्ळैयर्कळ्।

 पढ़ें लिखे वकील, पित्त वऴक्करिज्ञर,

 चार्टर्ड एकाउंटेंट =चार्टर्ड अकाउंटेंट 

  व्यापारी, वियापारी

 सब तटस्थ है तो =अनैवरुम्  नडुनिलैयिल् इरुंताल् 

 आत्मसंतोष। आन्म निऱैवु।

 स्वार्थ राजनैतिक  =सुय नल अरसियल्।

 हमेशा अपने  असंतोषी, ऍप्पोऴुतुम्  तन् अतिरुप्ति

 विरोधी विचार गठबंधन। ऍतिर ऍण्णंकळिन कूट्टणि

 आत्मसंतोष कैसे? आन्म निऱैवु ऍप्पडी? 

 रामावतार में राम दुखी। रामावतारात्तिल रामर् तुन्पप्पट्टवर।

 कृष्णावतार में कृष्ण दुखी।

किरुष्ण अवतारत्तिल किरुष्णन् तुन्पप्पट्टवर।

  शासक अपने पद,

आट्चियाळर् तन् पदवि।

   अपनी तरक्की,

तन् मुन्नेट्रम् 

    षडयंत्र आत्मसंतोष कैसे?

चूऴ्च्चि आन्मनिऱेवु ऍप्पडी?

 संसार में अनेक वस्तुएँ, उलकिल् अनेक वस्तुक्कळ् 

   जगत मिथ्या,  उलकम् पोॅय।

   ब्रह्म सत्यं। बिरम्मम् सत्तियम् 

परिणाम जगत में  विळैवु 

 आत्म संतोष कैसे? आन्म निऱैवु ऍप्पडी?

 चोरी का माल, =तिरुट्टुप्पोरुळ्

  रिश्वत का मार्ग, कैयूट्टु वऴि

 एकांत में नहीं देता, तनिमैयिल् तरुवतिल्लै

 आत्मसंतोष। आन्मनिऱैवु।

 बुढापा ही  स्वर्ग- नरक का केंद्र।

मुदुमै स्वर्ग नरक मैयम् 

 भूलोक में कितने लोग

 भूलोकत्तिल्  ऍत्तनै पेर

 शांति पाते हैं, 

 अमैति पेरुकिऱार्कळ्

संतोषी है?  तिरुपति उळ।ळवर्कळ्

पता नहीं! तेरियविल्लै

   सुपुत्र कुपुत्र की बात।

 नल्ल कॆट्ट  मकन्कऴ्

 व्यापार में लाभ नष्ट।

वियापार लाभ नष्टम् 

 भिखारी भी रिश्वत देकर 

 पिच्चैक्कारनुम् लज्जम् कोडुत्तु

 बैठता है मंदिर के सामने।

अयर्किऱान् आलयम् मुन्बु।।

 मंदिर के इर्द-गिर्द  आलयम् अक्कम् पक्कत्तिल

 ठगों की दूकानें-एमाट्रुबवरकळिन् कडैकळ्।

 मनमाना दाम।

इष्टप्पट्ट विलै।

 दर्शन दो क्षण,

दरिशनम् इरंडु नोडि।

 पेसैवालों के घंटों के दर्शन। 

पणम् पडैत्तवर्कळ मणिकणक्किल् 

 रिश्तेदारों की उन्नति,

उऱविनर् मुन्नेट्रम् ।

 ईर्ष्या, क्रोध, लोभ,

प ॊऱामै, कोपम् पेरासै

 मेरी दृष्टि में आत्मसंतोषी कौन?

ऍन् पार्वैयिल अन्य निरैवु उळ्ळवन् यार?

 शीरडी साईं चरित्र,

शीरडि साईं चरित्तिरम्

 समाज के दुख दूर करने,

 समुदाय तुन्बम् पोक्क।

 स्वयं कितने दुखी,

 तान् ऍव्वळवु इन्नल्

 शारीरिक कष्ट,

उडल् कष्टम्

 भक्ति के क्षेत्र में 

भक्तित्तुऱैयिल् 

 भिन्न भगवान, वेऱुपट्ट इऱैवन्

भिन्न सिद्धांत। वेरुपट्ट कोळ्कैकळ्

 मामा के आराध्य देव अलग।

मामा आरातिक्कुम्  देवन तनि

 दादा,दादी  के आराध्य देव अलग-अलग।

तात्ता पार्टी आराध्य तेय्वंकळ् तनित्तनि

 ज्योतिषी एक ही जन्म कुंडली,

जोतिडम्  ऒरे जातकम् ।

 प्रायश्चित्त अलग अलग।

पिरायच्चित्तम्  तनिक तनि

  वही आत्मसंतोषी, 

आन्म निऱैवु उळ्ळवन्

   जिसका मन चंचल नहीं।

अपने मन निऱैवु उळ्ळवन् 

 एक ही सिद्धांत,

ऒरे कोळ्कै

 धर्माचरण,

धर्म आचारम्

 सत्याचरण 

 वाय्मै आचारम् 


 वैसा कोई दीख न पड़ा।। 

अप्पडि ऍतुउम् काणविल्लै।

इतिहास में,पुराण में। वरलाट्रिल् , पुराणंकळिल्‌

हिरण्यकश्यप, प्रह्लाद,

हिरण्यकश्यप, प्रह्लाद 

 दक्ष,शिव ,कंस कृष्णन 

लक्ष्मी ,शिवन्‌ कम्सन् किरुष्णन्

 मंथरा कैकेई राम

कूनी,कैयि रामन् 

 ईश्वर तुल्य लोगों की कथा भी

 कडवुळ् ओप्पिडुम् कतैकळिळुम्

 राम कहानी अपनी अपनी।

आराम कतै अतावतु तंकळ्‌तंकळ्  तुन्बक्कतै।

आत्म संतोष आन्म निरैवु।

 नश्वर ब्रह्मांड की खोज में 

अऴियुम्  ब्रह्मांडत्तेडलिल

कोई नहीं।।

ऒरुवरुम् इल्लै।

ईसा का शूली पर  चढ़ना,

एसुनाथर शिलुवैयिल एट्टरियतु।

मुहम्मद का मक्का मदिरा भागना।

मुहम्मद मक्का मदिरा ओट्ट

आध्यात्मिक क्षेत्र में भी 

 आन्मीकत्तुऱेयिलुम्

 असंतोषी ही ज़्यादा है।

 अतिरुप्ति अधिकम् 





 


 

 





 



 

 


 




 



  


 


 


 

 


Monday, December 8, 2025

क्रोध

  क्रोध।==குரோதம். கோவம். 

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना।

8-12-25.


क्रोध   चाहिए  கோபம் வேண்டும்.

 क्रोध न करना।  கோவம் படாதே.

 अन्याय के  विरोध में  அநியாயத்திற்கு எதிராக 

 क्रोध दिखाना चाहिए। கோவம் காட்டவேண்டும்.

 वह क्रोध भी तभी   அந்த கோபத்தையும் 

दिखाना जब  காட்டவேண்டும் 

 क्रोध  का पता लगें कि கோவம் அறியவேண்டும் 

 न्याय पूर्ण हो। நியாயமானது என்று.

विदेशियों का आक्रमण। வெளிநாட்டு படையெடுப்பு 

 मंदिरों का तोड़ मरोड़। 

ஆலயத்தை இடித்தல்

 आज़ादी के बाद   விடுதலைக்குப் பிறகு

धर्म निरपेक्षता के नाम  மதசார்பற்ற நிலை என்ற பெயரில் 

 दो हज़ार साल पुराना मंदिर।

இரண்டாயிரம் ஆண்டு பழைய கோவில் 

मुगलों के आने के पहले मंदिर।

முகலாயர் வருவதற்கு முன்னால் ஆலயம்.

न्यायधीश के इंसाफ के बाद भी।

நீதிபதி தீர்ப்புக்குப் பிறகும்.

 तमिल राष्ट्र कवि भारतियार ने कहा

தமிழ் ஷா தேசீய கவி பாரதியார் சொன்னார் 


 रौद्र का अभ्यास कर लो। 

கோபத்திற்கு பயிற்சி செய்ய.

 जग भलाई के लिए 

உலக நன்மைக்காக.

 अत्याचार की चरम 

கொடுமை தன் இறுதி 

 எல்லையில் सीमा पर

  भगवान இறைவன் 

 जन्म लेते हैं। அவதரிக்கிறார்.

  क्रोध न सीखने पर கோவம் கற்க வில்லை என்றால் 

 अन्याय चरम सीमा पर 

அநியாயத்தின் இறுதி எல்லை 

 पहु़ँचता। அடைகிறது 

 आज़ादी अहिंसा से नहीं, சுதந்திரம் அஹிம்சையின்றி

 भारतीय लाठी का मार सहते रहे।

இந்தியர்கள் தடியடி  சகித்துக் கொண்டே இருந்தனர்.

 दूसरी ओर  देश भक्त மறுபக்கம் தேச பக்தர்கள் 

 गर्म दल अंग्रेज़ी  நீவீர் வாதிகள் ஆங்கிலம் 

 के तार खंभ, थाना தந்திக் கம்பிகள் 

 मार्ग जिला देश  மாவட்ட அதிகாரிகள்

 सब को चूर्ण कर रहे थे। எல்லோரையும் பூர்ண தாக்கினர்.

   पर बिना सोचे विचारे   ஆனால் சிந்திக்காமல் எண்ணாமல்

 ईर्ष्या वश ,  लोभ वश 

பொறாமையால் பேராசையால் 

 ईर्ष्या वश क्रोध 

 பொற்மையால் கோபத்தால்

 सही नहीं।।   சரியில்லை.

 क्रोध तो एक क्षण मैं  கோவம் ஒரு நொடியில் 

 खूनी बना देता है। கொலைகாரனாக்கியது.

पियक्कड़ों का क्रोध  குடிகாரக் கோவம்

 निंदनीय है। நிந்தனைக்குறியது..

 माता पिता गुरु का क्रोध தாய் தந்தை குரு 

வின்  கோபம்.

 जीवन प्रगति के लिए।। வாழ்க்கை யின் முன்னேற்றத்திற்காக.

 आजकल की  ताज़ी खबरें  இன்றைய புத்தம் புதிய செய்தி 

 माता ने  सिनेमा जाने அம்மா திரைப்படம் செல்ல 

पैसे न दिए माता की हत्या। பணம் தராததால் அம்மா கொலை.

अध्यापिका ने गाली दी, ஆசிரியை திட்டினாள்.

 अध्यापिका की हत्या।। ஆசிரியை கொலை

 ऐसे क्रोध मूर्खता दंडनीय। இப்படிப்பட்ட கோவம் முட்டாள் தனமானது,

 क्रोध बिना  கோவம் 

सोचे विचारे होने पर சிந்திக்காமல் எண்ணாமல் இருந்தால் 

 जिंदगी भर पछताना होगा।।

வாழ்க்கை முழுவதும் வருத்தம் பட வேண்டும்.

Thursday, November 13, 2025

आशा का चिराग

 उम्मीद का चिराग

++++++++++++1 

एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु।

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 उम्मीद 

न तो मानव हतोत्साहित।

उम्मीद के चिराग जलने से  निराशा के  अंधकार  मिटता है।

आशा न तो जीवन 

 निष्क्रिय हो जाता है।

 नौकरी की आशा,

 मित्रों पर विश्वास 

 व्यापार में घाटा,

 इष्ट बंधु मित्रों का धोखा,

 धन का खो जाना,

 धन की चोरी होना,

 प्राकृतिक प्रकोप,

 संक्रामक रोग,

दुर्घटनाएँ,

 साध्य असाध्य रोग,

प्रतिशोध के शत्रु की 

 ये सब निराशा के समय।

 इससे दुखी होकर 

निरुत्साहित मानव को

 उत्साहित करने 

प्रेरित करने 

जुगुनू समान

 रोशनी

 कोई सहारा,

 आशा का चिराग,

मानव को उत्साहित 

  करता रहता है।

 गुप्तजी ने कहा है,

नर हो, 

न निराश करो 

मन को,

 मानव को संघर्ष 

करना ही पड़ता है।

 हार की परिस्थिति में 

ईश्वर पर विश्वास 

 प्रायश्चित होम हवन

 प्रार्थना ध्यान 

आशा का चिराग बनता है।

 ज्ञान चक्षु प्राप्त मनुष्य को  आशा का चिराग 

 मिलना आसान है।

 अत्यंत निराशा में,

 मानव आत्म हत्या कर लेता है।

 कायरता के कारण 

 मानव 

किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाता है।

आशा का चिराग 

 मानव मन की हीन भावना को मिटा देता है।

आशा का चिराग 

 भगवान पर भरोसा रखने,

 साहसी वीर धीरों की

जीवनियों से 

आशा का चिराग 

जलने लगता है।

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना 


Wednesday, November 12, 2025

तनाव மன அழுத்தம்

 [08/11, 1:34 pm] sanantha.50@gmail.com: कार्य तनाव 

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एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु 

8-11-25

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 मानव मन में तनाव 

 जाने अनजाने में होता है।

 जो भी कार्य करते हैं,

उसमें कोई विघ्न होने पर

 घाटा होने पर,

 विरोध होने पर,

 आगे का रास्ता दिखाई न पड़ने पर, 

कोई उपाय न सूझने पर,

 माता-पिता, पति पत्नी के कारण,

 आजकल शिक्षित समाज में,

 सहनशीलता 

के अभाव के कारण,

 पारिवारिक जीवन में तनाव।

 अर्थ प्रधान संसार में 

 मानवता अर्थहीन हो जाता हैं।

 परिणाम कार्यों में तनाव।

अहंकार, ईर्ष्या,प्रतिशोध,

 भय, शोक, ठगे जाना 

 कार्यों में तनाव ही तनाव।

 स्वार्थता, पक्षपात, रिश्वतखोरी आदि तनाव ।

धनी निर्धनी  के तनाव।

कुपूत के कारण तनाव।

परीक्षा तनाव, अंक तनाव

बुद्धि  लब्धि का तनाव,

 सूचित अनुसूचित जातियों की प्राथमिकता,

 अंक और उम्र में छूट।

  नौकरी में तनाव।

 सीनियर के रहते ,

 जूनियर की तरक्की।

 कार्य क्षेत्र में तनाव,

 पारिवारिक जीवन में तनाव।

 पाश्चात्य प्रभाव।

 परिणाम तलाक मुकद्दमा संख्या भारतीय 

संस्कृति  का पतन।

 ईश्वर का भय कम।

 संसार नश्वर है को 

भूल जाते मनुष्य।

 परिणाम जीवन के हर कार्य में तनाव ही तनाव।


एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई।

[13/11, 10:24 am] sanantha.50@gmail.com: காரியத்தில் மன அழுத்தம்.

 மனிதனுக்கு மன அழுத்தம் தெரிந்தும் தெரியாமலும் வருகிறது.

செய்யும் காரியம்

 தடை பட்டால் மன அழுத்தம்.

 நஷ்டம் அடைந்தால் மன வருத்தம்.

எதிர்ப்பு வந்தால் மன அழுத்தம்.

 வழி தெரியவில்லை என்றால் மன அழுத்தம்.

 எந்த அபாயமும் தோன்றவில்லை என்றால் 

தாய் தந்தை கணவன் மனைவி 

இன்றைய படித்த  சமுதாயத்தில் 

சகிப்புத் தன்மை 

குறைவினால் 

குடும்ப வாழ்க்கையில் 

மன அழுத்தம்.

பணம் பிரதான உலகில் மனித நேயம் பொருளற்றுப் போகிறது.

விளைவாக காரியங்களில் 

 செயல்களில் மன அழுத்தம்.

ஆணவம் பொறாமை பழிக்குப்பழி பயம் சோகம் ஏமாற்றப்படுதலால் மன அழுத்தம்.

சுயநலம் சார்புத் தன்மை லஞ்சம் 

 பணக்காரர் ஏழை ஏற்றத்தாழ்வு ஆகிய வற்றால் மன அழுத்தம்.

 குழந்தைகள் கெட்டவர்களாக இருந்தால் மன அழுத்தம்.

 தேர்வு மதிப்பெண் அறிவுத் திறனால் மன அழுத்தம்.அட்டவணை இன் முன்னுரிமை 

மதிப்பெண் வயது விலக்காமல் வேலைகளில் மன அழுத்தம். மூத்தவர் இருக்க

 இளையவர் பதவிஉயர்வால் மன அழுத்தம்.குடும்ப வாழ்வில் மேற்கத்திய கலாசார விளைவால் விவாகரத்து எண்ணிக்கை பாரத பண்பாட்டில் வீழ்ச்சி.

கடவுளின் மேலீ பயம் குறைவு

உலகம் அழியக் கூடியது 

என்பதை மறந்த மனிதன்.

 விளைவு ஒவ்வொரு செயல் பாட்டிலும் மன அழுத்தம்.

Tuesday, October 28, 2025

पर्यावरण समझो जागो। சுற்றுப் புறச் சூழல் புரிந்து விழித்துக்கொள்

 


— एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक


विश्वभर में==உலகம் முழுவதும் 

वैज्ञानिक प्रगति का शोर, அறிவியல் முன்னேற்ற இரைச்சல் 

शिक्षा की नई उड़ानें,

 கல்வியில் புதிய பறப்பு

आवागमन की तेज़ रफ़्तार, போக்குவரத்தில் அதிக வேகம்

औषधि और यंत्रों का युग— மருந்து எந்திரயுகம்

फिर भी मनुष्य बीमार है।

இருந்த மனிதன் நோயாளி


साँस लेना कठिन, மூச்சு விடுவதில் கடினம்

इनहेलर और नेबुलाइज़र से இன்ஹேலர் நெபுலைசர் மூலம்

जीवन की डोर बाँधता है। வாழ்க்கை கயிறு கட்டப்பட்ட நிலை

बच्चा, जवान, वृद्ध— குழந்தை இளைஞன் புதியவன் 

सभी इस प्रदूषण के बंधन में।

அனைவரும் இந்த பந்தனத்தில்.


गर्मी बढ़ी, जल घटा, உஷ்ணம் அதிகரிப்பு தண்ணீர் குறைந்தது

वायु में जहर घुला।

காற்றில் விஷம் கரைந்துள்ளது.

राजनीति की गंध सड़ी, அரசியலில் துர்நாற்றம் 

भ्रष्टाचार का धुआँ फैला। ஊழல் புகை பரவியது 


मीडिया में विकृति, மீடியாவில் வக்கரம் 

विचारों में अश्लीलता, எண்ணங்களில் ஆபாசம்

धन के लिए मनुष्य பணத்திற்காக மனிதன் 


मनुष्य होना भूल गया। மனிதன் ஆனதை மறந்து விட்டான்.


संयुक्त परिवार का ताना-बाना கூட்டுடுக் குடும்பம் பாவுநூல்

सहनशीलता के बिना टूटता गया।

சகிப்புத் தன்மை இன்றி அறுந்து விட்டது 

तलाक — जो कभी விவாகரத்து

शब्दकोश में भी दुर्लभ था, சொல்லகராதியிலூம் அரிது

अब अदालतों का रोज़ का नाम है।

இன்று நீதிமன்றங்களில் தினமும் பெயர்



पाश्चात्य भोजन, மேற்கத்திய உணவு

कृत्रिम श्रृंगार, செயற்கை ஒப்பனை

कृत्रिम गर्भाधान केंद्र — செயற்கை கருத்தரிப்பு மையம்

मनुष्य की सृजन-शक्ति. மனிதனின் படைப்பாற்றல் 

अब प्रयोगशालाओं में क़ैद। இன்று ஆய்வுக் கூடத்தில் கைதி.


नगरीकरण की दौड़ में --புதுமை ஓட்டத்தில்

झीलें सूख गईं, ஏரிகள் வறண்டன

पर्वत कट गए, மலைகள்  உடைக்கப்பட்டன.

खेतों में रसायन घुल गए। வயல்களில் ரசாயனம் கலந்து விட்டது.

प्रकृति रोती है — இயற்கை அழுகிறது

और मनुष्य कानों में इयरफोन लगाता है।

மனிதன் ஷா காதுகளில் செவிக்கருவி.


फिर भी उम्मीद है —பிறகும் நம்பிக்கை 

कहीं एक बच्चा पौधा लगाता है, எங்காவது ஒரு குழந்தை மரணம் படுகிறது.

कहीं एक माँ प्लास्टिक से मना करती है, எங்காவது ஒரு தாயார் ப்ளாஸ்டிக் 

தடை செய்கிறாள்.

ஒரு அம்மா ப்ளாஸ்டிக் தடை செய்கிறாள்

कहीं एक गुरु विद्यार्थियों को ஒரு ஆசிரியர் 

धरती माँ का आदर सिखाता है।

 அன்னை பூமிக்கு மரியாதை கற்பிக்கிறான்.


यही चेतना है — இதுதான் உன் ணர்வு

पर्यावरण की, சுற்றுப்புறச்சூழல் 

मानवता की, மனித  நேயத்தை

स्वयं जीवन की। தன் வாழ்க்கையை.


हे मानव! மனிதனே!

जागो —விழித்துக்கொள்

अपने भीतर सोए हरे बीज को जगाओ।

தனக்குள் தூங்கும் ஓவ்வொரு  விதையையும் எழுப்பு


धरती तुम्हारी है, பூமி உன்னுடையது

तुम धरती के हो। நீ பூமியுடையவன்



— एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक


विश्वभर में

वैज्ञानिक प्रगति का शोर,

शिक्षा की नई उड़ानें,

आवागमन की तेज़ रफ़्तार,

औषधि और यंत्रों का युग—

फिर भी मनुष्य बीमार है।


साँस लेना कठिन,

इनहेलर और नेबुलाइज़र से

जीवन की डोर बाँधता है।

बच्चा, जवान, वृद्ध—

सभी इस प्रदूषण के बंधन में।


गर्मी बढ़ी, जल घटा,

वायु में जहर घुला।

राजनीति की गंध सड़ी,

भ्रष्टाचार का धुआँ फैला।


मीडिया में विकृति,

विचारों में अश्लीलता,

धन के लिए मनुष्य

मनुष्य होना भूल गया।


संयुक्त परिवार का ताना-बाना

सहनशीलता के बिना टूटता गया।

तलाक — जो कभी

शब्दकोश में भी दुर्लभ था,

अब अदालतों का रोज़ का नाम है।


पाश्चात्य भोजन,

कृत्रिम श्रृंगार,

कृत्रिम गर्भाधान केंद्र —

मनुष्य की सृजन-शक्ति

अब प्रयोगशालाओं में क़ैद।


नगरीकरण की दौड़ में

झीलें सूख गईं,

पर्वत कट गए,

खेतों में रसायन घुल गए।

प्रकृति रोती है —

और मनुष्य कानों में इयरफोन लगाता है।


फिर भी उम्मीद है —

कहीं एक बच्चा पौधा लगाता है,

कहीं एक माँ प्लास्टिक से मना करती है,

कहीं एक गुरु विद्यार्थियों को

धरती माँ का आदर सिखाता है।


यही चेतना है —

पर्यावरण की,

मानवता की,

स्वयं जीवन की।


हे मानव!

जागो —

अपने भीतर सोए हरे बीज को जगाओ।

धरती तुम्हारी है,

तुम धरती के हो।