Monday, January 18, 2016

वसुदैव कुटुंबकम

विदेशी वस्तुएँ लेना मना है।
पढने में सुनने में लिखने में
आनंद।
व्यवहार में देखें तो
जीविकोपार्जन की भाषा अंग्रेज़ी
पेट्रोल डीजल विदेशी।
पहनावा ओढावा विदेशी।
  कार मोटर मोब इल विदेशी
बडी बडी योजनाएँ विदेशी।
मुगल ईसाई धर्म विदेशी
हमारे वेदों के रचयिता अति दूरदर्शी
बताकर चले गये-
वसुदैव कुटुंबकम्।
सर्वे जनाः सुखिनो भवंतु।
आकाश एक।  सूरज एक।
चांद एक। सारे संसार है मेरादेश।

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