Friday, December 19, 2025

तमिल हिंदी सेवा

 तमिल हिंदी सेवा =தமிழ் ஹிந்தி பணி

ஆலயங்கள் = आलयंकल =मंदिर 

 மசூதிகள்  मसूदिकळ्= मस्जिद 

 சர்ச்கள்= चर्चकळ् 

 பெருகுவதால்  पेरुकुवताल्==  बढ़ने से 

 பக்தி  பெருகுகிறது  भक्ति पेरुकुकिऱतु= भक्ति  बढ़ता है ।

 நியாயம் नियायम = न्याय 

 தானம் தர்மம்  दानम् धर्मम्।  =दान धर्म 

 அதிகரிக்கிறது अधिकरिक्किरती=  बढ़ता है

 என்று கூறமுடியாது. =कूरमुडियातु  =कह नहीं सकते।

அவைகளைச் अवैकलैच् =उनको 

 சுற்றி   चुट्रि=   घेरकर 

 அங்காடிகள் अंगाडिकळ्==  दूकानें

 உணவகங்கள்  उणवहंकळ =भोजनालय 

 பிரசாத விற்பனைகள்

प्रसाद विऱपनैकल्  प्रसाद विर्पनैकळ् = प्रसाद बिक्री 

 அனைத்துமே अनैत्तुमे =  सभी

 வணிக= वणिक=  वाणिज्य 

 நோக்கமே= नोक्कमे=. उद्देश्य ही।

  பக்தி என்பது  =भक्ति माने

நந்தனார் போல் नंदनवार पोल =नंदनवार के जैसे

 ஆண்டாள் போல்  आंडाल् पोल् = आंडाल् जैसे 

 மீரா போல मीरा जैसे  == मीरा के जैसे 

பக்த தியாகராசர் 

भक्त त्यागराज पोल। भक्त त्यागराज जैसे 

 ரமண மஹரிஷி போல்

रमण महर्षि के जैसे 

  இறைவனை மட்டுமே 

इरैवनै मट्टुमे =भगवान को मात्र 

 நினைக்க வேண்டும்.

निनैक्क वेंडुम्।

   கபீர் சொல்கிறார் 

कबीर चैल्किऱार् 

कबीर कहते हैं 

 வேதங்கள்  वेदंकळ् =वेद् 

படித்தும் पडित्तुम् पढ़कर 

 குரான் படித்தும் कुरान पढ़कर

 இறைவனை  इरैवनै भगवान को 

அறியாதவர்களே  अऱियातवर्कळे 

அதிகம். अधिकम्  =अधिक।

உலகில்उलकिल  --संसार में 

 சத்தியம் இல்லை.सत्तियम् इल्लै।

सत्य नहीं है।

 ஊழல் லஞ்சம் அதிகம்.

ऊऴळ् लंजम् अधिकम्  ==भ्रिरष्टाचार श्वत अधिक।

 தேவாலயங்கள் என்பது 

देवालयंकळ्   ऍन्पतु

माने  देवालय माने 

 இன்றைய உலகில் 

इनऱैय उलकिल्  आज की दुनिया में 

 வெற்று ஆடம்பரங்கள் தான்.

 वॆट्रु आडंबरंकळ्  तान।

व्यर्थ आडंबर ही।

ஆலயம் சாதிகள் 

आलयम् जातिकळिन्  = आलय जाति  

 आलयम्  जातिकलिन् 

 आधार पर। 

அடிப்படையில் = अडिप्पडैयिल् 

 மொழி அடிப்படையில் 

मोऴि अडिप्पडैयिल् 

भाषा के आधार पर 

 சொத்து அடிப்படையில்

सोत्तु अडिप्पडैयिल

संपत्ति के आधार पर 

 புதிபுதிதாக உருவாகின்றன

पुतितु पतिताक  उरुवाकिन्ऱन.

नये नये बनाते हैं।

 தேர்தல் ஊழல்

तेर्तल  ऊऴल= चुनाव भ्रष्टाचार 

 வாக்குக்கு  

मत देने

 நோட்டு  नोट्।

  சுயநலம் सुयनलमृ  स्वार्थता।

 மக்கள் मक्कळ्

பிரிவினைகள் पिरिविनैकळ्= विभाजन।

 தடுக்க முடியாத சக்தி 

तडुक्क मुडियात शक्ति

अपरिहार्य शक्ति ।

 வளர்ப்பதால் वलर्प्पताल् बढ़ाने से

 ஆலயங்கள்  आलयंकळ् 

பெருகினாலும் पॆरुकिनालुम्

 மரணம் मरणम्=मृत्यु 

 நிச்சயம்  निच्चयम् 

என்று உணரா उणऱा।

  न  महसूस  किया

 ஞானத்தால் ज्ञानत्ताल्   ज्ञान से

 மனிதர்களுக்கு 

मनितर्कळुक्कु =मनुष्य को 

 அமைதி இல்லை. अमैति इल्लै =

शांति नहीं 

 துன்பமே. तुध्बमे --दुख ही।

 தங்க அரியணை

 தர்ம பிரசாரம் 

 சரியல்ல சுயநலமே.

तमिऴ् हिंदी सेवा।

தமிழ் ஹிந்தி பணி 

20-12-25

ஆலயங்கள் आलयंकळ्  =देवालय

 மசூதிகள் मसूदिकळ्=मस्जिद 

 சர்ச்கள் चर्चकळ्‌ --चर्च

 பெருகுவதால்  बढ़ने से

 பக்தி  பெருகுகிறது  भक्ति बढ़ता है

 நியாயம் न्याय 

 தானம் தர்மம்  दान धर्म 

 அதிகரிக்கிறது बढ़ता है

 என்று கூறமுடியாது. ऐसा कह नहीं सकता।

அவைகளைச்  उनको

சுற்றி घेरकर

 அங்காடிகள் दूकान 

 உணவகங்கள்  भोजनालय 

 பிரசாத விற்பனைகள்

प्रसाद बिक्री 

 அனைத்துமே  सभी

வணிக நோக்கமே. वाणिज्य उद्देश्य ही।

  பக்தி என்பது भक्ति माने

 நந்தனார் போல் नंदनवार के जैसे 

 ஆண்டாள் போல்  आंडाल जैसे 

 மீரா போல मीरा जैसे 

 பக்தி தியாகராசர்  भक्त तृयागराज जैसे 

 ரமண மஹரிஷி போல்

रमण महर्षि जैसे 

  இறைவனை  ईश्वर 

மட்டுமே  मात्र को 

 நினைக்க வேண்டும். स्मरण करना चाहिए।

   கபீர் சொல்கிறார்  कबीर कहते हैं 

 வேதங்கள் படித்தும் वेद पढ़कर 

 குரான் படித்தும் कुरान पढकर

 இறைவனை ईश्वर को 

 அறியாதவர்களேन जाननेवाले ही 

 அதிகம். ज्यादा।

உலகில்   संसार में 

சத்தியம் இல்லை. सत्य नहीं है।

 ஊழல் லஞ்சம் அதிகம்.

भ्रष्टाचार रिश्वत ज़्यादा।

 தேவாலயங்கள் என்பது 

देवालय माने

 இன்றைய உலகில் 

आज की दुनिया में 

 வெற்று  व्यर्थ

ஆடம்பரங்கள்  आडंबरंकळ्। तान।

आडंबर ही। -தான்.

ஆலயம்   आलयम्  मंदिर 

சாதிகள் 

जातियों के  जातिकळ्

அடிப்படையில்

अडिप्पडैयिल

आधार पर

 மொழி அடிப்படையில் 

मोऴि अडिप्पडैयिल् 

 भाषा के आधार पर

 சொத்து அடிப்படையில்

सोत्तु अडिप्पडैयिल

संपत्ति के आधार पर

 புதிது  புதிதாக  पुतिपतिताक  == नये नये

உருவாகின்றன. उरुवाक्कुकिन्रन।

बनाते हैं।

 தேர்தல் ஊழல்=तेर्तल ऊऴल् '

= चुनाव भ्रष्टाचार 

 வாக்குக்கு ஓட்டு वाक्कुक्कु  वोट।  मतपत्र मत देने

  சுயநலம் सुयनलम

 स्वार्थता

 மக்கள் मंक्कळुकुळ् =   जनता में 

பிரிவினைகள் = पिरिविनैकळ् 

 विभाजन 

 தடுக்க முடியாத சக்தி 

तडुक्कमुडियात। शक्ति 

अपरिहार्य शक्ति 

 வளர்ப்பதால் वलर्प्पताल् 

बढ़ाने से

 ஆலயங்கள் आलयंकळ्  आलय ओझल

 பெருகினாலும்। फॆरुकिनालुम्  बढ़ने  पर भी

 மரணம் =मरणम्  =मृत्यु 

 நிச்சயம் निश्चयम् == निश्चय

என்று  ऍन्ऱु

உணரா  उतरा ==  का महसूस  न करनेवाले 


 ஞானத்தால்  ज्ञान से  ज्ञानत्ताल

மனிதர்களுக்கு मनितर्कळुक्कु---  मनुष्यों को

 அமைதி இல்லை अमैति इल्लै==. शांति नहीं 

 துன்பமே  तन्बमे ==.दुख ही है।

 தங்க அரியணை  तंग सिंहासन्‌

 स्वर्ण सिंहासन 

 தர்ம பிரசாரம் धर्म प्राचार्य,=  धर्म प्रचार नहीं

 சரியல்ல=सरियल्ल   सही नहीं 

சுயநலமே=सुयनलमे.= स्वार्थ ही  =

Wednesday, December 17, 2025

वीणा पानी का वरदान

 वाणी का वरदान।

एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई।

 18-12-25.

सनातन धर्म स्थल हिंदी नागरी लिपि में 

तमिल हिंदी सेवा 

हिंदी भी तमिल भी मैं 

एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक 

18-12-25

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मानव ज्ञान चक्षु प्राप्त जीव।==

मनितन् ज्ञानक्कण पेट्रजीवन।


 पर उसका स्वास्थ्य, 

आनाल् अवनुडैय आरोग्यंम् 

ज्ञान, =ज्ञानम्

 क्षमता =तिऱमै

स्वर का माधुर्य =कुरल् इनिमै

 सद्विचार =नल्ल ऍण्णम्

बद्विचार  =कॆट्ट ऍण्णम् 

 रूप = अऴकान

 कुरूप =अऴकट्र

विचार =ऍण्णम् 

 आदर्श व्यक्तित्व =ऍडुत्तुक्काट्टान आळुमै


 नायक के गुण,  नायकनिन् गुणम्


 खलनायक के गुण,

विल्लन गुणम्

 कवित्व ज्ञान,=

कवित्व ज्ञानम्।

 वीणा पानी का वरदान।=

कलैमकळिन्  वरम् 

 

 जननी जन्म सौख्यानाम्

अन्नै पिऱप्पु नलम्।

वर्तनी कुल संपदाम्

चोर्कळिन  सोत्तु

पदवी पूर्व पुण्याणाम्

पदवि मुऱ्पिरवि पलन्

 लिख्यते जन्मपत्रिका

ऍऴुतप् पट्टे जातकम्।

 राजकुमार सिद्धार्थ 

 संन्यासी बनने का लक्षण

सन्नियासी आकुम् लक्षणंकळ्।

 जन्म लेते ही पता चला।

 पिरंततुमे तेरिंदुविट्टतु।

  मूर्ख कालीदास  =मूर्क्कन्  काळिदासन्


 महाकवि, महाकवि।

 लुटेरा  रत्नाकर 

कोळ्ळैयन्  रत्नाकर 

आदि कवि वाल्मीकि ‌।

आदि कवि वाल्मीकि।

जोरु का गुलाम=

मनैवियिन् अडिमै

 तुलसीदास   तुलसीदासर।

 भक्ति साहित्य का 

भक्ति इलक्कियत्तिन्

 चंद्र, चंदिरन् ।


जन्मांध सूर =पिऱविक्कुरुडन्

 साहित्य का सूर।

इलक्कियत्तिन् कदिरवन्

   बेशक ये महाकवि  

ऐयमिन्ऱि इंद महाकविकळ्।

 वाणी के वरदान पुत्र।

 कळैमकळिन् वरम् पॆट्र  पुत्तिरर्कळ्।

 तमिल के दिव्य  कवि=

तमिऴिन् देय्वप्पुलवर्

 तिरुज्ञानसंबंधर 

 तिरुज्ञानसंबंधर

तीन साल में   

मून्ऱु वयतिल्

 पार्वती शिव के 

 पार्वती शिवन्

 कृपा कटाक्ष पाकर,

 अरुट् पार्वै पेट्रू

 पार्वती देवी का दूध

पार्वती देवियिन पाल्

  पीकर कवि बने।

अरुंदि कविज्ञर् आनार।

 अपने दिव्य ग्रंथ  तज=

 तन् देय्वीक नूलै विट्टु

 सोलह साल की उम्र में =

पतिनाऱु वयतिल्


 भगवद ज्योति में मिल गये।

इरै जोतियिल कलंदुविट्टार्।

 भारतीय = भारत

आध्यात्मिक क्षेत्र में =

आन्मीक  तुऱैयिल्

 वाणी वरदान भक्त

कलैमकळ् वरम् पेट्ऱ्

 कवियों  की सूची लंबी।

 कविकलिन पट्टियल् नींडतु।

Sunday, December 14, 2025

ஆன்ம மனநிறைவு आत्मसंतोष

 


तमिऴ् हिंदी सेवा, தமிழ் ஹிந்தி பணி

 आत्मसंतोष   ஆன்ம மன நிறைவு =

आन्म मन निऱेउ।

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एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई।

சே. அனந்த கிருஷ்ணன்.

15-12-25.

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आत्म संतोष,  =आन्म मन निऱैवु

आत्मसुख, --आन्मसुखम्

आत्मानंद,  = आत्मानंदम्

आत्मज्ञान  =आत्मज्ञानम्

 ये हैं आध्यात्मिक चिंतन।

इवैकळ् आन्मीक चिंतनैकळ्।

 लौकिक चिंतन में, --लौकीक चिंतनैयिल

 सत्य का साथ नहीं, =वाय्मै उड़न् इल्लै,

 भक्ति के क्षेत्र में बाह्याडंबर अधिक।

भक्ति  क्षेत्रत्तिल वीण आडंबरंगळ्  अतिकम्

 राजनैतिक क्षेत्र में  =अरसियल तुऱैयिल

 भ्रष्टाचारी। ऊऴल्

 प्रशासनिक और = निर्वाकत्तिलुम्

 न्याय के क्षेत्र में =  नियायत्तऱैयिल्

लक्ष्मी की चंचलता=अलैमकलिन  चंचलम्

 आत्म संतोष कैसे? आन्म निऱैवु ऍप्पडी?

 नश्वर जगत में  =अऴियुम् उलकिल्

 अनश्वर सत्य, अऴियात सत्यतियम्

 अधर्म प्रशासन, अधर्म निर्वाहम्

   आतंकवाद  =तीवीरवादम्

 ठग, चोर,डाकू, मैसक्कारर्कळ् , तिरुडन्, कोळ्ळैयर्कळ्।

 पढ़ें लिखे वकील, पित्त वऴक्करिज्ञर,

 चार्टर्ड एकाउंटेंट =चार्टर्ड अकाउंटेंट 

  व्यापारी, वियापारी

 सब तटस्थ है तो =अनैवरुम्  नडुनिलैयिल् इरुंताल् 

 आत्मसंतोष। आन्म निऱैवु।

 स्वार्थ राजनैतिक  =सुय नल अरसियल्।

 हमेशा अपने  असंतोषी, ऍप्पोऴुतुम्  तन् अतिरुप्ति

 विरोधी विचार गठबंधन। ऍतिर ऍण्णंकळिन कूट्टणि

 आत्मसंतोष कैसे? आन्म निऱैवु ऍप्पडी? 

 रामावतार में राम दुखी। रामावतारात्तिल रामर् तुन्पप्पट्टवर।

 कृष्णावतार में कृष्ण दुखी।

किरुष्ण अवतारत्तिल किरुष्णन् तुन्पप्पट्टवर।

  शासक अपने पद,

आट्चियाळर् तन् पदवि।

   अपनी तरक्की,

तन् मुन्नेट्रम् 

    षडयंत्र आत्मसंतोष कैसे?

चूऴ्च्चि आन्मनिऱेवु ऍप्पडी?

 संसार में अनेक वस्तुएँ, उलकिल् अनेक वस्तुक्कळ् 

   जगत मिथ्या,  उलकम् पोॅय।

   ब्रह्म सत्यं। बिरम्मम् सत्तियम् 

परिणाम जगत में  विळैवु 

 आत्म संतोष कैसे? आन्म निऱैवु ऍप्पडी?

 चोरी का माल, =तिरुट्टुप्पोरुळ्

  रिश्वत का मार्ग, कैयूट्टु वऴि

 एकांत में नहीं देता, तनिमैयिल् तरुवतिल्लै

 आत्मसंतोष। आन्मनिऱैवु।

 बुढापा ही  स्वर्ग- नरक का केंद्र।

मुदुमै स्वर्ग नरक मैयम् 

 भूलोक में कितने लोग

 भूलोकत्तिल्  ऍत्तनै पेर

 शांति पाते हैं, 

 अमैति पेरुकिऱार्कळ्

संतोषी है?  तिरुपति उळ।ळवर्कळ्

पता नहीं! तेरियविल्लै

   सुपुत्र कुपुत्र की बात।

 नल्ल कॆट्ट  मकन्कऴ्

 व्यापार में लाभ नष्ट।

वियापार लाभ नष्टम् 

 भिखारी भी रिश्वत देकर 

 पिच्चैक्कारनुम् लज्जम् कोडुत्तु

 बैठता है मंदिर के सामने।

अयर्किऱान् आलयम् मुन्बु।।

 मंदिर के इर्द-गिर्द  आलयम् अक्कम् पक्कत्तिल

 ठगों की दूकानें-एमाट्रुबवरकळिन् कडैकळ्।

 मनमाना दाम।

इष्टप्पट्ट विलै।

 दर्शन दो क्षण,

दरिशनम् इरंडु नोडि।

 पेसैवालों के घंटों के दर्शन। 

पणम् पडैत्तवर्कळ मणिकणक्किल् 

 रिश्तेदारों की उन्नति,

उऱविनर् मुन्नेट्रम् ।

 ईर्ष्या, क्रोध, लोभ,

प ॊऱामै, कोपम् पेरासै

 मेरी दृष्टि में आत्मसंतोषी कौन?

ऍन् पार्वैयिल अन्य निरैवु उळ्ळवन् यार?

 शीरडी साईं चरित्र,

शीरडि साईं चरित्तिरम्

 समाज के दुख दूर करने,

 समुदाय तुन्बम् पोक्क।

 स्वयं कितने दुखी,

 तान् ऍव्वळवु इन्नल्

 शारीरिक कष्ट,

उडल् कष्टम्

 भक्ति के क्षेत्र में 

भक्तित्तुऱैयिल् 

 भिन्न भगवान, वेऱुपट्ट इऱैवन्

भिन्न सिद्धांत। वेरुपट्ट कोळ्कैकळ्

 मामा के आराध्य देव अलग।

मामा आरातिक्कुम्  देवन तनि

 दादा,दादी  के आराध्य देव अलग-अलग।

तात्ता पार्टी आराध्य तेय्वंकळ् तनित्तनि

 ज्योतिषी एक ही जन्म कुंडली,

जोतिडम्  ऒरे जातकम् ।

 प्रायश्चित्त अलग अलग।

पिरायच्चित्तम्  तनिक तनि

  वही आत्मसंतोषी, 

आन्म निऱैवु उळ्ळवन्

   जिसका मन चंचल नहीं।

अपने मन निऱैवु उळ्ळवन् 

 एक ही सिद्धांत,

ऒरे कोळ्कै

 धर्माचरण,

धर्म आचारम्

 सत्याचरण 

 वाय्मै आचारम् 


 वैसा कोई दीख न पड़ा।। 

अप्पडि ऍतुउम् काणविल्लै।

इतिहास में,पुराण में। वरलाट्रिल् , पुराणंकळिल्‌

हिरण्यकश्यप, प्रह्लाद,

हिरण्यकश्यप, प्रह्लाद 

 दक्ष,शिव ,कंस कृष्णन 

लक्ष्मी ,शिवन्‌ कम्सन् किरुष्णन्

 मंथरा कैकेई राम

कूनी,कैयि रामन् 

 ईश्वर तुल्य लोगों की कथा भी

 कडवुळ् ओप्पिडुम् कतैकळिळुम्

 राम कहानी अपनी अपनी।

आराम कतै अतावतु तंकळ्‌तंकळ्  तुन्बक्कतै।

आत्म संतोष आन्म निरैवु।

 नश्वर ब्रह्मांड की खोज में 

अऴियुम्  ब्रह्मांडत्तेडलिल

कोई नहीं।।

ऒरुवरुम् इल्लै।

ईसा का शूली पर  चढ़ना,

एसुनाथर शिलुवैयिल एट्टरियतु।

मुहम्मद का मक्का मदिरा भागना।

मुहम्मद मक्का मदिरा ओट्ट

आध्यात्मिक क्षेत्र में भी 

 आन्मीकत्तुऱेयिलुम्

 असंतोषी ही ज़्यादा है।

 अतिरुप्ति अधिकम् 





 


 

 





 



 

 


 




 



  


 


 


 

 


Monday, December 8, 2025

क्रोध

  क्रोध।==குரோதம். கோவம். 

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना।

8-12-25.


क्रोध   चाहिए  கோபம் வேண்டும்.

 क्रोध न करना।  கோவம் படாதே.

 अन्याय के  विरोध में  அநியாயத்திற்கு எதிராக 

 क्रोध दिखाना चाहिए। கோவம் காட்டவேண்டும்.

 वह क्रोध भी तभी   அந்த கோபத்தையும் 

दिखाना जब  காட்டவேண்டும் 

 क्रोध  का पता लगें कि கோவம் அறியவேண்டும் 

 न्याय पूर्ण हो। நியாயமானது என்று.

विदेशियों का आक्रमण। வெளிநாட்டு படையெடுப்பு 

 मंदिरों का तोड़ मरोड़। 

ஆலயத்தை இடித்தல்

 आज़ादी के बाद   விடுதலைக்குப் பிறகு

धर्म निरपेक्षता के नाम  மதசார்பற்ற நிலை என்ற பெயரில் 

 दो हज़ार साल पुराना मंदिर।

இரண்டாயிரம் ஆண்டு பழைய கோவில் 

मुगलों के आने के पहले मंदिर।

முகலாயர் வருவதற்கு முன்னால் ஆலயம்.

न्यायधीश के इंसाफ के बाद भी।

நீதிபதி தீர்ப்புக்குப் பிறகும்.

 तमिल राष्ट्र कवि भारतियार ने कहा

தமிழ் ஷா தேசீய கவி பாரதியார் சொன்னார் 


 रौद्र का अभ्यास कर लो। 

கோபத்திற்கு பயிற்சி செய்ய.

 जग भलाई के लिए 

உலக நன்மைக்காக.

 अत्याचार की चरम 

கொடுமை தன் இறுதி 

 எல்லையில் सीमा पर

  भगवान இறைவன் 

 जन्म लेते हैं। அவதரிக்கிறார்.

  क्रोध न सीखने पर கோவம் கற்க வில்லை என்றால் 

 अन्याय चरम सीमा पर 

அநியாயத்தின் இறுதி எல்லை 

 पहु़ँचता। அடைகிறது 

 आज़ादी अहिंसा से नहीं, சுதந்திரம் அஹிம்சையின்றி

 भारतीय लाठी का मार सहते रहे।

இந்தியர்கள் தடியடி  சகித்துக் கொண்டே இருந்தனர்.

 दूसरी ओर  देश भक्त மறுபக்கம் தேச பக்தர்கள் 

 गर्म दल अंग्रेज़ी  நீவீர் வாதிகள் ஆங்கிலம் 

 के तार खंभ, थाना தந்திக் கம்பிகள் 

 मार्ग जिला देश  மாவட்ட அதிகாரிகள்

 सब को चूर्ण कर रहे थे। எல்லோரையும் பூர்ண தாக்கினர்.

   पर बिना सोचे विचारे   ஆனால் சிந்திக்காமல் எண்ணாமல்

 ईर्ष्या वश ,  लोभ वश 

பொறாமையால் பேராசையால் 

 ईर्ष्या वश क्रोध 

 பொற்மையால் கோபத்தால்

 सही नहीं।।   சரியில்லை.

 क्रोध तो एक क्षण मैं  கோவம் ஒரு நொடியில் 

 खूनी बना देता है। கொலைகாரனாக்கியது.

पियक्कड़ों का क्रोध  குடிகாரக் கோவம்

 निंदनीय है। நிந்தனைக்குறியது..

 माता पिता गुरु का क्रोध தாய் தந்தை குரு 

வின்  கோபம்.

 जीवन प्रगति के लिए।। வாழ்க்கை யின் முன்னேற்றத்திற்காக.

 आजकल की  ताज़ी खबरें  இன்றைய புத்தம் புதிய செய்தி 

 माता ने  सिनेमा जाने அம்மா திரைப்படம் செல்ல 

पैसे न दिए माता की हत्या। பணம் தராததால் அம்மா கொலை.

अध्यापिका ने गाली दी, ஆசிரியை திட்டினாள்.

 अध्यापिका की हत्या।। ஆசிரியை கொலை

 ऐसे क्रोध मूर्खता दंडनीय। இப்படிப்பட்ட கோவம் முட்டாள் தனமானது,

 क्रोध बिना  கோவம் 

सोचे विचारे होने पर சிந்திக்காமல் எண்ணாமல் இருந்தால் 

 जिंदगी भर पछताना होगा।।

வாழ்க்கை முழுவதும் வருத்தம் பட வேண்டும்.

Thursday, November 13, 2025

आशा का चिराग

 उम्मीद का चिराग

++++++++++++1 

एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु।

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 उम्मीद 

न तो मानव हतोत्साहित।

उम्मीद के चिराग जलने से  निराशा के  अंधकार  मिटता है।

आशा न तो जीवन 

 निष्क्रिय हो जाता है।

 नौकरी की आशा,

 मित्रों पर विश्वास 

 व्यापार में घाटा,

 इष्ट बंधु मित्रों का धोखा,

 धन का खो जाना,

 धन की चोरी होना,

 प्राकृतिक प्रकोप,

 संक्रामक रोग,

दुर्घटनाएँ,

 साध्य असाध्य रोग,

प्रतिशोध के शत्रु की 

 ये सब निराशा के समय।

 इससे दुखी होकर 

निरुत्साहित मानव को

 उत्साहित करने 

प्रेरित करने 

जुगुनू समान

 रोशनी

 कोई सहारा,

 आशा का चिराग,

मानव को उत्साहित 

  करता रहता है।

 गुप्तजी ने कहा है,

नर हो, 

न निराश करो 

मन को,

 मानव को संघर्ष 

करना ही पड़ता है।

 हार की परिस्थिति में 

ईश्वर पर विश्वास 

 प्रायश्चित होम हवन

 प्रार्थना ध्यान 

आशा का चिराग बनता है।

 ज्ञान चक्षु प्राप्त मनुष्य को  आशा का चिराग 

 मिलना आसान है।

 अत्यंत निराशा में,

 मानव आत्म हत्या कर लेता है।

 कायरता के कारण 

 मानव 

किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाता है।

आशा का चिराग 

 मानव मन की हीन भावना को मिटा देता है।

आशा का चिराग 

 भगवान पर भरोसा रखने,

 साहसी वीर धीरों की

जीवनियों से 

आशा का चिराग 

जलने लगता है।

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना 


Wednesday, November 12, 2025

तनाव மன அழுத்தம்

 [08/11, 1:34 pm] sanantha.50@gmail.com: कार्य तनाव 

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एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु 

8-11-25

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 मानव मन में तनाव 

 जाने अनजाने में होता है।

 जो भी कार्य करते हैं,

उसमें कोई विघ्न होने पर

 घाटा होने पर,

 विरोध होने पर,

 आगे का रास्ता दिखाई न पड़ने पर, 

कोई उपाय न सूझने पर,

 माता-पिता, पति पत्नी के कारण,

 आजकल शिक्षित समाज में,

 सहनशीलता 

के अभाव के कारण,

 पारिवारिक जीवन में तनाव।

 अर्थ प्रधान संसार में 

 मानवता अर्थहीन हो जाता हैं।

 परिणाम कार्यों में तनाव।

अहंकार, ईर्ष्या,प्रतिशोध,

 भय, शोक, ठगे जाना 

 कार्यों में तनाव ही तनाव।

 स्वार्थता, पक्षपात, रिश्वतखोरी आदि तनाव ।

धनी निर्धनी  के तनाव।

कुपूत के कारण तनाव।

परीक्षा तनाव, अंक तनाव

बुद्धि  लब्धि का तनाव,

 सूचित अनुसूचित जातियों की प्राथमिकता,

 अंक और उम्र में छूट।

  नौकरी में तनाव।

 सीनियर के रहते ,

 जूनियर की तरक्की।

 कार्य क्षेत्र में तनाव,

 पारिवारिक जीवन में तनाव।

 पाश्चात्य प्रभाव।

 परिणाम तलाक मुकद्दमा संख्या भारतीय 

संस्कृति  का पतन।

 ईश्वर का भय कम।

 संसार नश्वर है को 

भूल जाते मनुष्य।

 परिणाम जीवन के हर कार्य में तनाव ही तनाव।


एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई।

[13/11, 10:24 am] sanantha.50@gmail.com: காரியத்தில் மன அழுத்தம்.

 மனிதனுக்கு மன அழுத்தம் தெரிந்தும் தெரியாமலும் வருகிறது.

செய்யும் காரியம்

 தடை பட்டால் மன அழுத்தம்.

 நஷ்டம் அடைந்தால் மன வருத்தம்.

எதிர்ப்பு வந்தால் மன அழுத்தம்.

 வழி தெரியவில்லை என்றால் மன அழுத்தம்.

 எந்த அபாயமும் தோன்றவில்லை என்றால் 

தாய் தந்தை கணவன் மனைவி 

இன்றைய படித்த  சமுதாயத்தில் 

சகிப்புத் தன்மை 

குறைவினால் 

குடும்ப வாழ்க்கையில் 

மன அழுத்தம்.

பணம் பிரதான உலகில் மனித நேயம் பொருளற்றுப் போகிறது.

விளைவாக காரியங்களில் 

 செயல்களில் மன அழுத்தம்.

ஆணவம் பொறாமை பழிக்குப்பழி பயம் சோகம் ஏமாற்றப்படுதலால் மன அழுத்தம்.

சுயநலம் சார்புத் தன்மை லஞ்சம் 

 பணக்காரர் ஏழை ஏற்றத்தாழ்வு ஆகிய வற்றால் மன அழுத்தம்.

 குழந்தைகள் கெட்டவர்களாக இருந்தால் மன அழுத்தம்.

 தேர்வு மதிப்பெண் அறிவுத் திறனால் மன அழுத்தம்.அட்டவணை இன் முன்னுரிமை 

மதிப்பெண் வயது விலக்காமல் வேலைகளில் மன அழுத்தம். மூத்தவர் இருக்க

 இளையவர் பதவிஉயர்வால் மன அழுத்தம்.குடும்ப வாழ்வில் மேற்கத்திய கலாசார விளைவால் விவாகரத்து எண்ணிக்கை பாரத பண்பாட்டில் வீழ்ச்சி.

கடவுளின் மேலீ பயம் குறைவு

உலகம் அழியக் கூடியது 

என்பதை மறந்த மனிதன்.

 விளைவு ஒவ்வொரு செயல் பாட்டிலும் மன அழுத்தம்.

Tuesday, October 28, 2025

पर्यावरण समझो जागो। சுற்றுப் புறச் சூழல் புரிந்து விழித்துக்கொள்

 


— एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक


विश्वभर में==உலகம் முழுவதும் 

वैज्ञानिक प्रगति का शोर, அறிவியல் முன்னேற்ற இரைச்சல் 

शिक्षा की नई उड़ानें,

 கல்வியில் புதிய பறப்பு

आवागमन की तेज़ रफ़्तार, போக்குவரத்தில் அதிக வேகம்

औषधि और यंत्रों का युग— மருந்து எந்திரயுகம்

फिर भी मनुष्य बीमार है।

இருந்த மனிதன் நோயாளி


साँस लेना कठिन, மூச்சு விடுவதில் கடினம்

इनहेलर और नेबुलाइज़र से இன்ஹேலர் நெபுலைசர் மூலம்

जीवन की डोर बाँधता है। வாழ்க்கை கயிறு கட்டப்பட்ட நிலை

बच्चा, जवान, वृद्ध— குழந்தை இளைஞன் புதியவன் 

सभी इस प्रदूषण के बंधन में।

அனைவரும் இந்த பந்தனத்தில்.


गर्मी बढ़ी, जल घटा, உஷ்ணம் அதிகரிப்பு தண்ணீர் குறைந்தது

वायु में जहर घुला।

காற்றில் விஷம் கரைந்துள்ளது.

राजनीति की गंध सड़ी, அரசியலில் துர்நாற்றம் 

भ्रष्टाचार का धुआँ फैला। ஊழல் புகை பரவியது 


मीडिया में विकृति, மீடியாவில் வக்கரம் 

विचारों में अश्लीलता, எண்ணங்களில் ஆபாசம்

धन के लिए मनुष्य பணத்திற்காக மனிதன் 


मनुष्य होना भूल गया। மனிதன் ஆனதை மறந்து விட்டான்.


संयुक्त परिवार का ताना-बाना கூட்டுடுக் குடும்பம் பாவுநூல்

सहनशीलता के बिना टूटता गया।

சகிப்புத் தன்மை இன்றி அறுந்து விட்டது 

तलाक — जो कभी விவாகரத்து

शब्दकोश में भी दुर्लभ था, சொல்லகராதியிலூம் அரிது

अब अदालतों का रोज़ का नाम है।

இன்று நீதிமன்றங்களில் தினமும் பெயர்



पाश्चात्य भोजन, மேற்கத்திய உணவு

कृत्रिम श्रृंगार, செயற்கை ஒப்பனை

कृत्रिम गर्भाधान केंद्र — செயற்கை கருத்தரிப்பு மையம்

मनुष्य की सृजन-शक्ति. மனிதனின் படைப்பாற்றல் 

अब प्रयोगशालाओं में क़ैद। இன்று ஆய்வுக் கூடத்தில் கைதி.


नगरीकरण की दौड़ में --புதுமை ஓட்டத்தில்

झीलें सूख गईं, ஏரிகள் வறண்டன

पर्वत कट गए, மலைகள்  உடைக்கப்பட்டன.

खेतों में रसायन घुल गए। வயல்களில் ரசாயனம் கலந்து விட்டது.

प्रकृति रोती है — இயற்கை அழுகிறது

और मनुष्य कानों में इयरफोन लगाता है।

மனிதன் ஷா காதுகளில் செவிக்கருவி.


फिर भी उम्मीद है —பிறகும் நம்பிக்கை 

कहीं एक बच्चा पौधा लगाता है, எங்காவது ஒரு குழந்தை மரணம் படுகிறது.

कहीं एक माँ प्लास्टिक से मना करती है, எங்காவது ஒரு தாயார் ப்ளாஸ்டிக் 

தடை செய்கிறாள்.

ஒரு அம்மா ப்ளாஸ்டிக் தடை செய்கிறாள்

कहीं एक गुरु विद्यार्थियों को ஒரு ஆசிரியர் 

धरती माँ का आदर सिखाता है।

 அன்னை பூமிக்கு மரியாதை கற்பிக்கிறான்.


यही चेतना है — இதுதான் உன் ணர்வு

पर्यावरण की, சுற்றுப்புறச்சூழல் 

मानवता की, மனித  நேயத்தை

स्वयं जीवन की। தன் வாழ்க்கையை.


हे मानव! மனிதனே!

जागो —விழித்துக்கொள்

अपने भीतर सोए हरे बीज को जगाओ।

தனக்குள் தூங்கும் ஓவ்வொரு  விதையையும் எழுப்பு


धरती तुम्हारी है, பூமி உன்னுடையது

तुम धरती के हो। நீ பூமியுடையவன்



— एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक


विश्वभर में

वैज्ञानिक प्रगति का शोर,

शिक्षा की नई उड़ानें,

आवागमन की तेज़ रफ़्तार,

औषधि और यंत्रों का युग—

फिर भी मनुष्य बीमार है।


साँस लेना कठिन,

इनहेलर और नेबुलाइज़र से

जीवन की डोर बाँधता है।

बच्चा, जवान, वृद्ध—

सभी इस प्रदूषण के बंधन में।


गर्मी बढ़ी, जल घटा,

वायु में जहर घुला।

राजनीति की गंध सड़ी,

भ्रष्टाचार का धुआँ फैला।


मीडिया में विकृति,

विचारों में अश्लीलता,

धन के लिए मनुष्य

मनुष्य होना भूल गया।


संयुक्त परिवार का ताना-बाना

सहनशीलता के बिना टूटता गया।

तलाक — जो कभी

शब्दकोश में भी दुर्लभ था,

अब अदालतों का रोज़ का नाम है।


पाश्चात्य भोजन,

कृत्रिम श्रृंगार,

कृत्रिम गर्भाधान केंद्र —

मनुष्य की सृजन-शक्ति

अब प्रयोगशालाओं में क़ैद।


नगरीकरण की दौड़ में

झीलें सूख गईं,

पर्वत कट गए,

खेतों में रसायन घुल गए।

प्रकृति रोती है —

और मनुष्य कानों में इयरफोन लगाता है।


फिर भी उम्मीद है —

कहीं एक बच्चा पौधा लगाता है,

कहीं एक माँ प्लास्टिक से मना करती है,

कहीं एक गुरु विद्यार्थियों को

धरती माँ का आदर सिखाता है।


यही चेतना है —

पर्यावरण की,

मानवता की,

स्वयं जीवन की।


हे मानव!

जागो —

अपने भीतर सोए हरे बीज को जगाओ।

धरती तुम्हारी है,

तुम धरती के हो।


Monday, October 27, 2025

வானவில் इंद्रधनुष

 

इंद्रधनुष — வானவில்


एस. अनंतकृष्णन, சென்னை தமிழ்நாடு

२८-१०-२५ / 28-10-25

1.

उजले रंग,

सूर्य की किरणों से झलके सातों रंगों का सुंदर दृश्य,

आकाश में जैसे चूड़ी पहनी हो,

या धरती पर जलप्रपात में झिलमिलाती रोशनी हो।


பிரகாசமான நிறங்கள்,

சூரியனின் கதிர்கள் ஏழு வண்ணங்களாக வெளிப்படும் அழகான தோற்றம்,

வானத்தில் ஒரு வளையல் அணிந்தது போல்,

அல்லது நிலத்தில் அருவியில் மின்னும் ஒளி போல்


2

यह राम-रस का असर,

ईश्वर की ही छटा,

प्रकृति की अनुपम शोभा।

தமிழ் மொழிபெயர்ப்பு:

இது ராமனின் தெய்வீக சுவை,

இறைவனின் அருள் ஒளி,

இயற்கையின் அபூர்வ அழகு

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3.

पर आजकल —

उजले वस्त्रों में भी

राजनीति के लोग,

पद की धूप पड़ते ही

रंग बदलते हैं — गिरगिट की तरह।

ஆனால் இந்நாளில் —

வெள்ளை ஆடைகளில் கூட

அரசியல்வாதிகள்,

பதவியின் வெயிலில்

நிறம் மாறுகிறார்கள் —

பச்சோந்தி பல்லி போல்.

4.

रूप देखकर जो विश्वास जगता है,

वही पल में धोखा दे जाता है।

அழகை பார்த்து பிறக்கும் நம்பிக்கை,

ஒரு கணத்தில் ஏமாற்றமாக மாறுகிறது.

5.

पेड़ों की पत्तियों में छिपे कीट,

छाल के रंग से एकाकार हो जाते —

अति सूक्ष्म दृष्टि ही पहचान पाती है उन्हें।

தமிழ் மொழிபெயர்ப்பு:

மரத்தின் இலைகளில் மறைந்துள்ள பூச்சிகள்,

தோலின் நிறத்துடன் கலந்து விடுகின்றன —

மிக நுணுக்கமான பார்வைதான் அவற்றை கண்டறிய முடியும்.

6.

इस संसार में उजाला भी

कभी-कभी गंदगी में सना मिलता है।

बाहरी दृश्य बदलते हैं निरंतर,

यह दुनिया एक अजीब बाज़ार है —

कभी इंद्रधनुष-सी सुंदर,

कभी गिरगिट-सी चाला

இந்த உலகில் வெளிச்சம்கூட

சில சமயம் அழுக்கில் கலந்து கிடக்கிறது.

வெளிப்புற காட்சிகள் எப்போதும் மாறிக்கொண்டே இருக்கின்றன,

இது ஒரு விசித்திரமான சந்தை —

சில நேரம் வானவிலைப் போல அழகானது,

சில நேரம் பல்லியைப் போல வஞ்சகமானது.

பச்சோந்தி போல் நிறம் மாறும் 


फिर भी —

इंद्रधनुष सिखाता है हमें सतर्क रहना,

सिखाता है —

हर रंग में छिपा होता है एक अनुभव,

एक सीख,

एक सत्य।

இருப்பினும் —

வானவில் எங்களை எச்சரிக்கையாக இருக்கச் சொல்லுகிறது,

அது கற்பிக்கிறது —

ஒவ்வொரு நிறத்திலும் ஒரு அனுபவம்,

ஒரு பாடம்,

ஒரு உண்மை மறைந்திருக்கிறத


அகவை 75 उम्र 75

அகவை 75


எஸ். அனந்தகிருஷ்ணன் – சென்னை / एस. अनंतकृष्णन – चेन्नई


தமிழ் பகுதி


ஆனந்தம் என்பதின்றி,

ஆரம்பம் முதல் இன்று வரை —

அலைபாய்ந்த வாழ்க்கை,

அமைதிக்கான தேடல்.


பல சோதனைகள் வந்தன,

சில காயங்கள் மறைந்தன,

சில நினைவுகள் நிலைத்தன,

அனைத்தும் அனுபவத்தின் பாகம் ஆனது.


இறைவனே என் துணை,

என் துயரத்தின் தாங்கு மரம்,

என் நெஞ்சின் நம்பிக்கை.


பிறர் அளவில் வெற்றியில்லாமல்,

என் அளவில் வெற்றி —

அது அமைதியின் முகம்.


இன்று மனம் சொல்லுகிறது,

“வாழ்க்கை என்ற புனிதம்

அளவிடப்படுவது சிரிப்பால் அல்ல,

சமாதானத்தால் தான்.”

उम्र 75

आनंद न सही,

आरंभ से आज तक —

जीवन की लहरों पर

शांति की तलाश।


कठिनाइयाँ आईं,

कुछ घाव भर गए,

कुछ स्मृतियाँ रह गईं,

सब अनुभव का हिस्सा बनीं।


ईश्वर ही सहारा,

दुःखों में आधार,

हृदय की एकमात्र श्रद्धा।


दूसरों के मानकों में नहीं,

अपने स्तर पर सफलता —

वही तो शांति का रूप है।


आज मन कहता है —

“जीवन की पवित्रता

मुस्कान से नहीं मापी जाए,

शांति से ही मापी जाए।”

Thursday, October 23, 2025

 அருமை 🙏✨

இதோ உங்கள் கவிதை — தமிழ் மற்றும் ஆங்கிலம் இணைந்து, உணர்வும் அர்த்தமும் சேர்ந்து ஒளிரும் வகையில் வடிவமைக்கப்பட்டுள்ளது:



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🌺 வணக்கத்தின் தத்துவம் — The Philosophy of Greeting


✍️ எஸ். அனந்தகிருஷ்ணன், சென்னை


வணக்கம் —

ஒரு சொல், ஆனால் அர்த்தம் ஆயிரம்.

Greeting —

One simple word, yet a thousand meanings.


மனிதன் வாழ்வின் முதல் மொழி அது —

தாழ்மை எனும் திறவுகோல்.

It is the first language of humankind —

the key called humility.


இறைவணக்கம் —

உள்ளம் முழுதும் ஒளி நிரப்பும் பக்தி.

Divine greeting —

the surrender that fills the soul with light.


கூழைக் கும்பிடு —

வயிற்றுக்காக வணங்கும் வாழ்க்கையின் வெளிப்பாடு.

Bowing for bread —

the helpless gesture of survival.


காரியக் கும்பிடு —

நோக்கம் நிறைந்த தாழ்மை, வெற்றிக்காக மாறும் முகம்.

Purposeful salutation —

humility with hidden ambition.


கேலி வணக்கம் —

பரிகாசத்தின் போர்வை, மனம் மறைத்த சிரிப்பு.

Mocking bow —

a smile that hides a wound.


முகஸ்துதி —

வாய்மொழி வழி புகழ்ச்சி, உள்ளம் விலகி வாழும் மாயை.

Flattering praise —

words without heart, the illusion of respect.


ஆனால் — உண்மையான வணக்கம்,

அந்தரங்கத்திலிருந்து எழும் அருள்ச் சத்தம்.

But the true greeting

rises from within — the sacred sound of grace.


அது நம்மை உயர்த்தும், நம்மை இணைக்கும்,

அது நம்மை இறைவனுடன் ஒன்றாகும்.

It uplifts us, unites us,

and merges us with the Divine.



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🌿 சுருக்கம் / Essence:

வணக்கம் என்பது முகமல்ல, உள்ளத்தின் வெளிப்பாடு —

தாழ்மையின் தெய்வீக வடிவம்.

Greeting is not a gesture, but the revelation of the soul —

the divine form of humility.



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Monday, October 20, 2025

तमिऴ हिंदी सेवा। தமிழ் ஹிந்தி பணி

 ▼

தமிழ் ஹிந்தி பணி 


तमिऴ हिंदी सेवा।

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நீதிநெறி விளக்கம் 

नीति नेऱिविळक्कम्


अपने से स्तर से छोटे लोगों को देखकर 

हमें खुश होना चाहिए कि हम बड़े हैं।

अपने से  शिक्षित लोगों को देखकर 

इनके ज्ञान के सामने हम कुछ भी नहीं का

 विचार करके ज्ञानार्जन में लगना है।

 धन में हम अपने से निम्न लोगों को देखकर 

खुश होना चाहिए।

 ज्ञान में अपने से बड़े ज्ञानियों को देखकर  अफसोस होकर ज्ञान बढाने में मन लगाना चाहिए।


தம்மின் மெலியாரை நோக்கித் தமதுடைமை

அம்மா பெரிதென் றகமகிழ்க - தம்மினும்

கற்றாரை நோக்கிக் கருத்தழிக கற்றதெல்லாம்

எற்றே யிவர்க்குநா மென்று.       14


தம்மை விடக் குறைந்த செல்வம் படைத்தவரைப் பார்த்து, தாம் பெற்றிருக்கும் செல்வம், “அம்மா! எவ்வளவு பெரிது” என்று எண்ணி உள்ளம் மகிழவேண்டும். தம்மைக் காட்டிலும் கற்றவரைப் பார்த்து “இவர் முன்னிலையில் நான் என்ன?” என்று தன் கருத்தை மாற்றிக்கொள்க.


குமரகுருபரர் இயற்றிய நீதிநெறி விளக்கம்

யாப்பு – வெண்பா

காலம் 17 ஆம் நூற்றாண்டு

Saturday, October 11, 2025

பண்டிகைகள் त्योहार

 तमिल हिंदी सेवा।

एस.अनंतकृष्णन।

தமிழ் ஹிந்தி பணி 

 அனந்த கிருஷ்ணன்.

  பாரதப்பண்டிகைகள் 

भारतीय त्योहार।




பாரத பண்டிகைகள்

செழிப்பில் தோற்றம்.

 உழைப்பின் பலனின் மகிழ்ச்சி.

 தீமைகளின் அழிவு.

கொடுங்

கோலின் அழிவு.

குடிசைத் தொழில்

 வியாபார முன்னேற்றம்.

குயவனுக்கு ஊக்குவிப்பு 

 எண்ணெய் வியாபாரிக்கு வியாபாரம்.

 கட்டிடக்கலை

சிற்பக்கலை 

 நாட்டியக் கலை

சங்கீதக் கலை

பாரதப் பண்பாட்டின் 

 நினைவில் நிற்கின்ற

 நிலையாக பின்பற்றக்கூடிய

 பண்டிகைகள். 

ஆணவம் காமம் குரோதம் பொறாமை 

தீமைகள் ஒழிக்கும் பண்டிகை கள்.

 வாய்மை அஹிம்சை சாந்தி ஆத்ம சுத்தி ஆத்ம ஞானத்திற்கு வழிகாட்டி 

 


 




भारतीय पर्व

 समृद्धशाली की झाँकी।

मेहनत की खुशी का फल।

 बुराइयाँ का नाश,

 अत्याचारियों का नाश

कुटिर उद्योग,

व्यापार की तरक्की।


 कुम्हार का प्रोत्साहन।

 तेली को व्यापार,

वास्तुकला , संगीत कला,नाट्यकला

 भारतीय संस्कृति 

 आदि की चिरस्मरणीय  

चिर अनुकरणीय 

 त्योहार।

 अहंकार काम क्रोध ईर्ष्या 

 की हानियों का प्रतीक।

सत्य, अहिंसा, शांति,

 आत्मशुद्धि आत्मज्ञान 

 प्राप्ति का मार्गदर्शक।


एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना 

Monday, September 1, 2025

तमिल हिंदी सौस्कृत संबंध

 तमिलनाडु के सभी स्त्री पुरुषों के नामों के तमिल अर्थ बताने पर संस्कृत, उसकी बेटी हिंदी के साथ तमिल भी मालूम हो जाएगा।

 

1.एक लड़की का नाम 

 अन्बुप्रिया -- 

अन्बु का मतलब है प्रिया।

तमिल में दोनों को मिलाकर 

 अन्बुप्रिया । 

2.अऴकु सुंदरम् -- अऴकु का मतलब सुंदर

 तमिल और संस्कृत मिलाकर अऴकु सुंदर।

 ऐसे हर  दोस्त के नाम पूछकर तमिल अर्थ बोलने पर  हजारों संस्कृत शब्द का अर्थ  तमिल सहित याद रहेंगी।

 विजय --वेट्रि

प्रसन्न कुमार --मकिऴ्च्चि मकन्।

 विनोदिनी =आनंद मान पॆण्

 दिकरन -----सूर्य किरण, परिति कादिर

 दिन--दिनम्

 पुष्प --पुष्पम्, फ़रवरी

 ईश्वर करुण --ईश्वरनिन करुणै।

 वासन - वसिप्पवन।

श्री निवासन --लक्ष्मी वासम् चेय्युम्इडम् 

 लक्ष्मी --तिरुमकळ्।, अलैमकळ्

 सरस्वती --कळैमकळ्।

पार्वती -- मलैमकळ्


नागराज --नागराजन्

त्याग राज --त्यागराजन्।

 विश्वनाथ -उलकनाथन्

नरेंद्र --मनित इंदिरन्


 मुरली --पुल्लांगुलल्

 शोभा --अऴकु।

एस.अनंतकृष्णन्, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक

Tuesday, August 12, 2025

विधि वाक्य तमिल हिंदी।

 

तमिल हिंदी सेवा।
தமிழ் ஹிந்தி பணி.
கட்டளை வினை.
विधि वाक्य
------------++±

१. मदद करो==उदवि चॆय्।


     मदद कीजिए==उदवि        चॆय्युँगळ्।

२.कोशिश करो --मुयऱ्चि चॆय्।
मुयऱ्चि चेय्युंगळ्।

३. चिंतन  करो =चिंतनै चॆय्!


चिंतन कीजिए --चिंतनै चेय्युंगळ्।
४.विश्वास करो --नंबु।
विश्वास कीजिए -नंबुंगळ्।

५. प्रतीक्षा करो --ऍतिर पार।


प्रतीक्षा कीजिए --ऍतिर पारुंगळ्।
६.उपदेश करो--उपदेशम् चॆय्।
उपदेश कीजिए --उपदेशम् चॆय्युंगळ्।

७. प्रेम करो --कादलि।


प्रेम कीजिए ==कादलियुंगळ्।

८. देखरेख करो --मेऱ्पार्वै,


देखरेख कीजिए --मेऱ्पार्वै चॆय्युंगळ्।

९. सिफ़ारिश करो=सिफारिशु चॆय्।


सिफ़ारिश कीजिए --सिफारिशु चेय्युंगळ्।
१०.  प्रार्थना करो --पिरार्थनै चेय्
प्रार्थना कीजिए ==पिरार्थनै चॆय्युंगळ्।
एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा तमिळ् हिन्दी सेवा।


Monday, August 11, 2025

 

मैं घर गया !-- नान  वीट्टिऱ्ककुप पोनेन्।


मैं घर गया था।

 नान् वीट्टिऱ्कुप्पोयिरुंदेन्!

मुझे घर जाना है =

=नान् वीट्टिऱ्कुप पोकवेंडियिरुक्किरतु।


मैं घर जा रहा हूँ । नान् वीट्टिऱ्कु पोयक्कोंडिरुक्किऱेन।


मैं घर जाऊंगा(ऊँ) = नान् वीट्टिर्कुप्पोवेन।


 मैं घर जाता हूं(ँ)

नान वीट्टिर्कुप्पोकिऱेन्।


मैं घर जाना चाहता हूं  ==

नान् वीट्टिऱ्कुप् पोक विरुंबुकिऱेन्।

वह घर गया था।==

अवन्  वीट्टिऱ्क्कुप् पोयिरुंदान।

उसे घर जाना है --

अवन् वीट्टीऱ्क्कु पोकवेंडियिरुंदतु।

वह घर जा रहा है  =अवन वीट्टिऱकु पोय्ककोंडिरुक्किऱान।

वह घर जाएगा ==अवन वीट्टिऱकुप् पपोवान।

 वह घर जाता है  =अवन वीट्टिऱ्कुप् पोकिऱान।

वह घर जाना चाहता है=अवन् वीट्टिऱ्क्कुप् पोक विरुम्बुकिऱान्।

 वह घर गई थी  -अवळ् वीट्टीऱ्कु पोयिरुंदाळ्

वह घर जा रही है ==अवन् वीट्टीऱ्क्कु पोय्क्कोंडिरुक्किऱान्।

 वह घर जाएगी  --अवळ् वीट्टिर्कुप् पोवाळ्

वह घर जाती है  --अवळ्‌ वीट्टिर्कुप् पोकिराळ्

वह घर जाना चाहती है  =अवळ् वीट्टिऱ्क्कुप् पोक विरुंबुकिराळ्।

 वे घर गए थे --

अवर्  --पोयिरुक्किऱार्।

/ अवर्ककळ्  वीट्टिर्कुप् पोयिरुंदनर्.

 उन्हें घर जाना है 

अवर् / अवर्कळ् वीट्टिऱ्कुप् पोकवेंडियिरुक्किरतु 

 वे घर जा रहे हैं  --अवर् वीट्टिर्कुप् पोय्क्कोंडिरुक्किऱार।।

अवऱ्कल्  वीट्टिर्कुप् पोय्क्कोंडिरुक्किरार्कळ्

वे  घर जाएंगे =   अवर वीट्टिर्कुप् पोवर्।

अवर्कळ् वीट्टिर्कुप् पोवार्कळ्।

 वे घर जाते हैं ।  

अवर् वीट्टिर्कुप् पोकिऱार्।

अवर्कळ् वीट्टिर्कुप् पोकिरार्कळ्।

 वे घर जाना चाहते हैं ।

अवर् वीट्टिर्कुप् पोक विरुंबुकिऱार्।

अवर्कळ् वीट्टिर्कुप् पोक विरुंबुकिरार्कळ्।

तुम घर गए थे।

नी वीट्टिर्कुप् पोयिरुंदाय।

 तुम्हें घर जाना है 

 नी वीट्टिर्कुप् पोक वेंडियिरुक्किरतु।

तुम घर जा रहे हो

नी वीट्टिर्कुप् पोय्क्कोंडिरुक्किराय।

 तुम घर जाओगे 

नी वीट्टिर्कुप् पोवाय्।

तुम घर जाना चाहते हो ।

नी वीट्टिर्कुप् पोक विरुंबुकिराय्।

हम घर गए थे।

 नांगळ् वीट्टिर्कुप् पोयिरुंदोम्।

 हमें घर जाना है

 नांगळ् वीट्टिर्कुप् पोक वेंडियिरुक्किरतु।

 हम घर जा रहे हैं 

नांगल वीट्टिर्कुप् पोय्क्कोंडिरुक्किरोम्।

हम घर जाएंगे 

नांगळ्  वीट्टिर्कुप् पोवोम्।

हम घर जाना चाहते हैं 

नांगळ् वीट्टिर्कुप् पोक विरुंबुकिऱोम्।

हम घर जाते हैं

नांगळ् वीट्टिर्कुप् पोकिरोम्।

मैं  --नान्

तुम  --नी

वह ,उस-, उसने =-अवन्, अवळ् ,अतु,अंद

   

इसे --इतै, इवनुक्कु

उसको --अवनै,अवळै,अतऱ्कु  उसे  

उसके लिए  _--अवनुक्काक, अवळुक्काक

हम ,हमने --नांगळ्

हमें  --ऍंगळुक्कु, ऍंगळै

मैंने, मैं --नान् 

 तुमने,तुम --नी

 तूने --नी

इसने, यह--इतै,इवनै,इवळै

इसको --इवनै,इवळै

मुझे , मुझको ---ऍन्नै,ऍनक्कु

से ==आल,ओडु,उडन् इरुंदु,काट्टिलुम्

 मुझसे  --ऍन्नाल् -  ऍन्निडमिरुंदु, ऍन्नैविड,ऍन्नैक्काट्टिलुम

तुझे , तुमको  उन्नै,उनक्कु

तुझसे --उन्नाल्, उन्निडमिरुंदु,उननैविड, उन्नैक्काट्टिलुम्

इससे  --इवनाल्।, इवनिडमिरुंदु, इवनैविड, इवनैक्काट्टिलुम्

उससे--अवनाल्, अवनिडमिरुंदु अवनैविड, अवनैक्काट्टिलुम्

हमसे -ऍंगलाल, ऍंगळिडमिरुंदु

आपने , आप --नींगळ्

आपको --उंगळै,उंगळुक्कु

++++++++++++++++++++++



मैं घर गया था 

मुझे घर जाना है 

मैं घर जा रहा हूं 

मैं घर जाऊंगा

 मैं घर जाता हूं 

मैं घर जाना चाहता हूं 

वह घर गया था 

उसे घर जाना है 

वह घर जा रहा है 

वह घर जाएगा

 वह घर जाता है 

वह घर जाना चाहता है

 वह घर गई थी 

वह घर जा रही है

 वह घर जाएगी 

वह घर जाती है 

वह घर जाना चाहती है

 वे घर गए थे

 उन्हें घर जाना है

 वह घर जा रहे हैं 

वह घर जाएंगे

 वे घर जाते हैं

 वे घर जाना चाहते हैं 

तुम घर गए थे

 तुम्हें घर जाना है 

तुम घर जा रहे हो

 तुम घर जाओगे 

तुम घर जाना चाहते हो 

हम घर गए थे

 हमें घर जाना है

 हम घर जा रहे हैं 

हम घर जाएंगे 

हम घर जाना चाहते हैं 

हम घर जाते हैं

 मैं 

तुम 

वह 

इस 

इसे

उस 

उसने 

उसको

 उसे 

उसके लिए 

हम 

हमने 

हमें 

मैंने

 तुमने

 तूने

इसने

इसको

मुझे

 मुझसे 

तुझे

तुझसे 

इससे 

उससे

हमसे

आपने 

आपको

Sunday, August 10, 2025

तमिल सीखिए



तमिल हिंदी सेवा।

தமிழக ஹிந்தி பணி


एस. अनंतकृष्णन,

சே.அனந்தகிருஷ்ணன்.




यों सीखना आसान रहेगा।

विधि वाक्य।


१.आ --वा

आओ --वा।

आइए --वारुंगळ्। 


२.जा --पो

   जाओ --पो।

जाइए ==पोंगळ्



  ३. ला --कोंडुवा

लाओ --कोंडुवा।

लाइए =कॊंडुवारुंगल्



 ४.  ले -ऍडु

 लो। --ऍडु

 लीजिए --एडुंकळ्




  ५. दे --कॊडु 

 तुम --दो

आप--दीजिए


    ६.पी --कुडि

 तुम पिओ। --नी कुडि।

 आप पीजिए --नींगल कुडियुंगळ् 



   ७.मिल--संदि

 तुम मिलो --नी संधि।

 आप मिलिए -- नींगळ् चंदियुंगल्


    ८ ,कर --चॆय्

तुम करो --नी चेय्।

आप कीजिए --नींगलचेय्युंगळ्


     ९. गा --पाडु

 तुम गाओ ।  नी पाडु

आप गाइए --नींगल् पाडुंगळ्


     १० . खा --चाप्पिडु,

तुम खाओ -- नी साप्पिडुडु।

आप खाइए --नींगल्   साप्पिडुंगल्।


एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई, तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक

Tuesday, August 5, 2025

जानवर

 गाय  --पसु


भैंस  --ऍरुमै


बैल  --ऍरुतु


भैंसा  ==एरुमैक्कडा


कुत्ता  --नाय्


बिल्ली  --पूनै


भेड़  --चेम्मरिआडु


बकरी --वेल्लाडु


 साँप   =पांबु


चूहा  --ऍलि


गिलहरी  =अणिल्


मेंढक  --तवळै


ऊंट   --ऒट्कम् 


टकम्


घोड़ा  --कुतिरै


बंदर  --कुरंगु


बंदरिया  --पॆण् कुरंगु


गधा  --कऴुतै


गधी --पॆण् कऴुतै


सूअर  --पन्ऱि


सुअरी--पेण् पनऱि


खरगोश  --मुयल्


कछुआ --आमै


शेर  --सिंगम्


शेरनी  --पेण् सिंगम्


हाथी   यानै


हथिनी  -पॆण् यानै


बाघ  -पुलि 


बाघिन  -पॆण् पुलि


भालू  -करडि


हिरण --मान्


 मगरमच्छ --मुतलै


 भेड़िया  --ओनाय्


लोमड़ी  -नरि


लकड़बग्घा --कऴुतैप्पुलि


मकड़ी  -चिलंदि


लंगूर --नींडवालिल्ला कुरंगु


बछड़ा--कन्ऱु


 चमगादड़  - वौवाल्


घड़ियाल  --उडुंबु 


सियार--नरि


 गेंडा --कांडामिरुगम् 


 अजगर  --मलैप्पांबु


कस्तूरी मृग  --कस्तूरी मान्


चीता --चिरुत्तै


कुत्तिया  --पॆण् नाय


घोड़ी  पेण् कुतिरै 


नेवला  -- कीरिप्पिळ्ळै


चुहिया  --पेण् एलि


नीलगाय  -- मलै मान्


पिल्ला --नायकुट्टि


मेमना --आट्टुक्कुट्टि


 गिरगिट--  पच्चोंदि


पूर्व  --किऴक्कु


पश्चिम  --मेर्कु


उत्तर  --वडक्कु


दक्षिण --तॆर्कु

Monday, August 4, 2025

मूल धातु हिंदी तमिऴ

 मूलधातू 

-_----------

तमिल हिंदी सेवा 

एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

++++++++++++




बैठ  ==उट्कार्।

नाच --नटनमाडु 

रो ==अऴु

हंँस --सिरि

 चढ़ --एऱु


हँसा  --सिरिक्कवै

 रुला --अऴ वै-

 देख  --पार 

 क्रिकेट खेल --क्रिकट विळैयाडु 

 पतंग उड़ा --पट्टम्‌विडु

 सीढ़ी चढ़--पडियिल एऱु

सीढ़ी उतर -पडियिल इऱंगु

 

चढ़ा--एट्रु

नहा--कुळि

साफ कर--सुत्तम् सॆय

पी -कुडि

पिला - कुडिक्क कोडु

बाइक चला -- इरुचक्र वाहनम् ओट्टु

 गाड़ी चला --वंडि ओट्टु 

लिख।   ---ऍऴुतु

पढ़--पडि

पढ़ाना  --चोल्लिक्कोडु, कट्रुक्कोडु 

दौड़,--ओडु

 दौड़ाना --ओड वै, विरट्टु

 अखबार पढ़ --चेय्तित्ताळ् पडि

 किताब पढ़ --पुत्तकम् पडि

 गा -पाडु 

 मोबाइल चला --कैपेसि इयक्कु

 खींच --इऴु

 धक्का दे --तल्लु

सो--तूंगु

जाग --ऍऴु, विऴित्तुक्कोळ्

उठ --निल

उठा --तूक्कु, ऍडु

मोबाइल देख--कैपेसि पार।

खाना खा --चाप्पाडु  चाप्पिडु

खाना पका --चाप्पाडु समै 

खाना बना --उणवु आक्कु

जला-ऍरि

जल --ऍरि, तण्णीर ,पानी

 छिप -- मऱै।  ऒऴि

छिपा --मरैत्तु वै।  ऒऴित्तु वै

आ --वा

जा --पो

रुक --निल stop 

 चल=नड,वा,पो

 बैठ --उट्कार्

खड़े हो --निल 

 खड़े रहना  -निन्रु  कोंडिरु

खड़ा कर। निऱ्क वै --

खोल --तिऱ

बंद कर --मूडु, चात्तु

खुलवाना  --तिऱक्क वै

बंद करा --मूड वै 

कूद --कुति

कुदा --कुतिक्क चॆय्‌

जमीन खोद--तरै तोंडु

 देख --पार

पौधों को पानी दे --चेडिकळुक्कु तण्णीर ऊट्रु

 खेल --विळैयाडु

खिल --मलर,

 गले लगा --अणै,  कट्टिप्पिडि

काट --वॆट्टु

चूम --मुत्तमिडु  

मिटा --अऴित्तु विडु 

सोच --चिंतनै चेय

लड़ --  चंडै पोडु

छील--तोलुऱि 


ले--ऍडु

देना --कोडु

सब्जी काट   --कायकरि  नरुक्कु

दिलवा-- कोडुक्क वै

 तैर --नींदु

चित्र बना --ओवियम् वरै

काम कर --वेलै चेय

काम करवाना --वेले वांगु

 मुस्कुरा --पुनचिरिप्पु , पुन्नकै चेय

 हँस--चिरि

 झुक --कुनि 


 सूंघना -वासनै पार,मुकर्न्दु पार 

धो --कऴुवु

धुलवाना --तुवैक्क वै 

झाड़ू लगाना --पॆरुक्कु,

झाड़ू लगवाना -पेरुक्क वै

लात मार--उदै

 ताली बजा- कै तट्टु 

काट--वॆट्टु

कटवाना--वेट्ट वै

 रंगना  --वण्णम् तीट्टुतल्

उड़--पऱ

 उड़ा--पऱक्क वै

पतंग उड़ा --पट्टम् विडु

 क्रिकेट खेल --क्रिकट विळैयाडु 

 फिसल--नऴुवु, चरुक्कु

 प्रतीक्षा कर --ऍतिर पार 

 प्रतीक्षा कराना  --कात्तिरुक्क चेय

खड़ा कर--निऱ्क वै

 खड़ा होना  --निल 

खड़ा रखना --निऱक वै

जमाई लेना  --कुरट्टै विडु

गिरफ्तार कर --कैदु चेय् 

चिल्ला -चत्त मिडु

उबालना  --कॊतित्तल्

जागना  --विऴित्तल

जगाना--ऍऴुप्पुतल्

 बनाना --आक्कुतल्,चेय्तल्

 बनवाना --आक्कुतल् 

जलना  --ऍरि तल्


 पकड़ना --पिडित्तल

पकड़वाना --पिडिक्कवैत्तल्

ले जा --ऍडुत्तुक्कोंडु पो

ले आ--ऍडुत्तु वा

पार करना --कडंतु चेल

पार करा-- कटक्क वै

 इकट्ठा कर--ऒन्ऱू चेर

 कंघी कर --तलैवाऱु

गिन। --ऍण्णु  --

गिनवाना--ऍण्ण ्वैत्तल

सजना--अलंकरि

 सजाना --अलंकरि 

सपने देख --कणवु काण्

 सपने दिखाना  --कणवैक्काट्टु

खोद--तोंडु

खुदवा तोंड चेय

 डूब --मूऴ्कु

डुबा--मूऴ्क वै

 सुखाना  --काय वै

खिला-मलरच्चेय्

खिलौना --पोंमै

भूल। ---मऱ

भुलाना --मऱक्कवै

गिर।  -----विऴु 

गिरा --विऴच्चे

अनुभव कर --अनुभवि

अनुभव करा-अनुभविक्कच्चेय्

 समाप्त कर--मुडि 

समाप्त करा --मुडिक्कच्चेय।

सीटी बजा --विसिल अडि

पीसना --अरै

पिसवाना --अरैक्कच्चेय

पीड़ा दे --ततचन्पुऱुत्तु

 लटका --तोंग विडु

 लटक---तॊंगु

शिकार कर---वेट्टै  आडु

हिंदी तमिल सेवा

  गाय  --पसु

भैंस  --ऍरुमै

बैल  --ऍरुतु

भैंसा  ==एरुमैक्कडा

कुत्ता  --नाय्

बिल्ली  --पूनै

भेड़  --चेम्मरिआडु

बकरी --वेल्लाडु

 साँप   =पांबु

चूहा  --ऍलि

गिलहरी  =अणिल्

मेंढक  --तवळै

ऊंट   --ऒट्कम् 

टकम्

घोड़ा  --कुतिरै

बंदर  --कुरंगु

बंदरिया  --पॆण् कुरंगु

गधा  --कऴुतै

गधी --पॆण् कऴुतै

सूअर  --पन्ऱि

सुअरी--पेण् पनऱि

खरगोश  --मुयल्

कछुआ --आमै

शेर  --सिंगम्

शेरनी  --पेण् सिंगम्

हाथी   यानै

हथिनी  -पॆण् यानै

बाघ  -पुलि 

बाघिन  -पॆण् पुलि

भालू  -करडि

हिरण --मान्

 मगरमच्छ --मुतलै

 भेड़िया  --ओनाय्

लोमड़ी  -नरि

लकड़बग्घा 

मकड़ी  -चिलंदि

लंगूर  

बछड़ा--कन्ऱु

 चमगादड़  - वौवाल्

घड़ियाल  --उडुंबु 

सियार--नरि

 गेंडा --कांडामिरुगम् 

 अजगर  --मलैप्पांबु

कस्तूरी मृग  --कस्तूरी मान्

चीता --चिरुत्तै

कुत्तिया  --पॆण् नाय

घोड़ी  पेण् कुतिरै 

नेवला  -- कीरिप्पिळ्ळै

चुहिया  --पेण् एलि

नीलगाय  -- मलै मान्

पिल्ला --नायकुट्टि

मेमना --आट्टुक्कुट्टि

 बिलौटा 


 गिरगिट--  पच्चोंदि

पूर्व  --किऴक्कु

पश्चिम  --मेर्कु

उत्तर  --वडक्कु

दक्षिण --तॆर्कु


Sunday, August 3, 2025

तमिल हिंदी सेवा

मेरा =ऍन्नुडैय

 नाम --पॆयर 

 क्या है =ऍन्न।

 तमिल में "है" का प्रयोग नहीं है।

 

आपका =उंगलुडैय


उंगलुडैय पेयर  प्रकाश शिंदे।

   ऍन्नुडैय पॆयर --------. अनंतकृष्णन।

 क्या =ऍन्न?

 तमिऴ् हिंदी सेवा। தமிழ் ஹிந்தி பணி.

एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक 

+++++++++++

 कल --yesterday, tomorrow. 


नेट्रु , நேற்று 


नाळै. நாளை 

+++++++++++

 कल आये =नेट्रु वंदार।

 कल पिताजी आएँगे =

 नाळै  अप्पा वरुवार्।


कल आइए =नाळै वारुंगळ्  

 कल के लिए यंत्र भी एक अर्थ है।

 ऍंतिरम्  तमिल है।

 वह यंत्र से जुड़े हैं।

 भारतीय भाषाओं की एकता में यंत्र =एंत्र  

 है।

 वैसे आ सेतु हिमाचल के शब्दभंडार  में अन्योन्याश्रित 

 शब्द मिलते हैं।

சே. அனந்த கிருஷ்ண

: तमिऴ हिंदी सेवा।

 தமிழ் ஹிந்தி பணி.

 சே. அனந்த கிருஷ்ணன்.

एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

 ----------------------

आज --इन्ऱु=இன்று 

 आज कौन  दिन है =इन्ऱु ऍन्न किऴमै। =இன்று என்ன கிழமை.

 कल कौन दिन था =नेट्रु ऍन्न किऴमै?

 

 कल कौन दिन है =नाळै ऍन्न किऴमै?


 परसों= नेट्रैय मुन दिनम्।/मुंदानाळ्

Day before yesterday 


परसों =day after tomorrow.

नाळैय मरुदिनम्।


 परसों राम आये != मुंदानाळ् रामन वंदावन।


 परसों कृष्ण आएगा।

नाळैय यऱुदिनम्  कृष्णन वरुवान।

  कल और परसों के लिए तमिऴ् में दो शब्द है।

 ध्यान रखना

नमस्ते वणक्कम्।

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

+++++++


दुआ सदा भारत में 

 सर्वे जना सुखिनो भवन्तु।

वसुधैव कुटुंबकम्।

 जय जगत।

 जिओ जीने दो।

 जगत मिथ्या ब्रह्म सत्यमेव जयते।

 अहिंसा परमो धर्मः।

 ऋषियों और मुनियों ने की सीख।

 चरित्र गठन ही श्रेष्ठ धर्म।।

धन गया तो कुछ न गया।

स्वास्थ्य गया तो कुछ गया।

 चरित्र गया तो सब कुछ गया।।

[25/07, 1:50 pm] sanantha.50@gmail.com: आज , कल, परसों 


 और हिंदी में नरसों और  तरसो हैं। इसके लिए तमिल में शब्द नहीं है।

 नर्सों कल से दो दिनों के अगला दिन, कल से दो दिनों के पहला दिन।


 तरसो कल से तीन दिनों के अगला दिन,

 कल से तीन दिनों के पहले दिन।

 नर्सों, तरसों का प्रयोग अधिक नहीं होते।

ऍन् पॆयर प्रकाश शिंदे।


उंगलुडैय पॆयर ऍन्न?


नींगल् ऍंगे वसिक्किरीर्कळ्?


नींगळ् ऍन्न चेयकिरीर्कळ्?


उंगळ् वीट्टिल्‌ यार यार इरुक्किरार्कळ्?


इवळ् ऍन् मकळ्।


इवन् ऍन् मकन्।

ये मेरे पिताजी है == इवर् ऍन् अप्पा।

इवर् ऍन् अम्मा।


इवळ् ऍन् मनैवि।


इतु ऍन् वीडु।


उंगळ् अप्पाविन् पॆयर ऍन्न?


उंगळ् अम्माविन् पॆयर ऍन्न?

1.माता-पिता ,अम्मा,

अप्पा,अन्नै-तंदै, 


2.पुत्तिरन्-पुत्री,

महन-मकळ्


3.तात्ता--पाट्टि

4.पति -पत्नी 

5.कणवन-मनैवि

6.चित्तप्पा -चित्ति

7.पॆरियप्पा--पॆरियम्मा

8.अण्णा मकन् -अण्णन् मकळ्


9.तात्या -पाट्टि


10.मामा --मामी


11=सहोदरन -सहोदरी।


12.चित्तप्पा- चित्ति


13.अत्तै -मामा


14.नण्बन, तोऴन्,

 15.मूत्त मकन्


16=मूत्त मकळ्।


17.इळैय मकन्

18. इळैय मकळ्

19.अक्काळ्

20. तंगै


तमिळ गुरु को प्रोत्साहन देना: तमिऴ् हिंदी सेवा தமிழ் ஹிந்தி பணி.


एस.अनंतकृष्णन, चेन्नै


++++++++++++±




लहरों का शोर ---


एस. अनंतकृष्णन चेन्नई 


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लहरें शोर करती है या =अलैकऴ्  इरैच्चलिडुकिऱता अल्लतु 


प्रेमिका की खोज में = कादलियैत्तेडुवतिल्


 चीखती या चिल्लाती --कूच्चलिडुकिऱता।


 पता नहीं है शोर क्यों? -तेरियविल्लै इरैच्चल एन्!


 कितने शवों को किनारे पर   --ऍत्तनै शवंगळै करैकळिळ्


लगाती है पता नहीं। ==ऒतुक्कुकिऱतु तॆरियविल्लै।।


 कितने जहाजों को डूबने की = ऍत्तनै कप्पल्कळ् मूत्वऴ्कुवतिल् 


 चीख चिल्लाहट सुनकर ==कूक्कुरल् केट्टु


 ज्वार  भाटे , -पेरलैकळ, चिट्रलैकळ्।


 कितने शवों को== ऍत्तनै  शवंकळ् 


  जिंदा चीखते सुन = उयिरुडन अलरुवतैप्पार्त्तु केट्टु


 भले ही लहरें शोर मचाती हो। =अतनाल् अलैकळ् इरैच्चलिडुकिरतो?


 कितने प्रेमी प्रेमिका की =एत्तनै कादलर कादलिकळ्


आत्महत्या देख    =तऱ्कोळै पार्त्तु 


दुखी लहरें --तुन्बमान अलैकळ्


शोर  मचाती हो। == इरैच्चल् इडुकिरतो?


 ग़रीबी के कारण,=एऴ्मैयिन कारणमाक,


 कर्जा चुकाने की =कडन् तीर


असमर्थता कारण,= सामार्थमिन्मै कारणमाक,


 अवैध गर्भ धारण के कारण- तवऱान करुवुट्रताल्


 कन्याओं की आत्महत्या, --कन्निकळिन् तर्कोलै


 परीक्षा में हार, --तेर्विल तोल्वी


 बेकार युवक  =वेलैयिल्ला इळैज्ञन,


 कितनों के अकाल =ऍत्तनैयो अकाल


मरणंकळिन कारणम् == मृत्यु के कारण, 


 लहरें शोर मचाती हो। अलैकऴ् इरैच्चलिडुकिऱता?


 विमान के गिरने से, ==विमानंकळ् विऴुवताल्


 माल जहाज के  डूबने से, --चरक्कुकप्पल्कळ्


 कारखानों के गंदे पानी के = तोऴिर्चालैयिन  अऴुक्कुत्तण्णीर


 मोरों के पानी के संगम से  =चाक्कडैत्तण्णीर  संगममावताल्


 प्रदूषित  सागर देख, --मासडैंत कडलैप्पार्त्थु


 लहरें शोर मचाती हो, --अलैकळ् इरैच्चल् इडुकिरतो?


 मानव  मानवता बिना  मनितन मनितत्तन्मै इनऱि


 सागर  में अस्ति  फेंकता है, = कडलिल् अस्तियै ऍरिकिऱान्।


 गणेश की सुंदर मूर्तियों  को छिन्न-भिन्न करने ==


गणेशनिन मूर्तिकळै चिन्तन भिन्न माक्कि


 फेंकने से , --ऍरिवताल्


काली की मूर्तियों के --काळियिन मूर्तिकळै 


 छिन्न-भिन्न करने से =  छिन्न भिन्न माक्कुवताल्


 लहरें शोर मचाती=  अलैकळ् इरैच्चलिडुकिरतो।


 कुपित होकर  -कोपम् अडैंतु


ज्वार भाटा,  चिट्रलै -पेरलै


सुनामी, =चुनामी


 लहरें शोर मचाकर  --अलैकळ् इरैच्चलिट्टु


 अपने दुख प्रकट करती। 


 तन्  तुन्बत्तै वॆऴिप्पडुत्तुकिऱतु।


एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई, तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना 

 आजकल तमिल में भी अंग्रेजी शब्द का ही इस्तेमाल करते हैं।


बार्बर 

वॉशरमैन 

वॉशर वुमन 

डॉक्टर  

हलवाई 

माली 

शिक्षक =आसिरियर

शिक्षिका  --आसिरियै 

विद्यार्थी ,--माणवन् 

अध्यापक  --आसिरियर्‌

अध्यापिका  --आसिरियै 

डाकिया  --अंजलकारण

भिखारी  =पिच्चैक्कारण्

मोची  --चक्किलियन्

दुकानदार  =कडैक्कारन्

वाहन चालक  --वाहन ओट्टुनर्‌

कंडक्टर  --नटत्तुनर्

बालक  -- बाल्कन,चिऱुवन्

बालिका -- चिऱुमि


१. बार्बर ---नाविदन्, अंबट्टैयन, पंडितन्


२.वाशरमेन् ==वण्णान्

३. उमन = वण्णात्ति

4. डाक्टर --मरुत्तुवर्

5.  हल्वाई=अल्वा व्यापारी

6.माली --तोट्टक्कारन

7.

सुबह  --कालै

दोपहर  - मतियम्

शाम  --मालै, सायंकिलम्

रात --इरवु।

[31/07, 3:18 pm] sanantha.50@gmail.com: घर  --वीडु,आर्वम् 

मकान  --वीडु, 

दुकान --कडै


दोराहा  - -इरंडुवऴि संदिप्पु


तिराहा --मुच्चंदी

चौराहा  --नार्चंदी

सड़क  --सालै

रास्ता --वऴि

खेत  --धयल् 

जंगल  =काडु

पृथ्वी  --भूमि

आकाश  --वानम् आकायम्‌


पाताल  =पातालम्

अंतरिक्ष  --वाणवॆळि

दुकानदार  -- कडैक्कारन्

सामान  -- सामान्, 

व्यवसाय  -- तोऴिल्

व्यवसायी  -तॊऴिळाळि

क्रेता  -- वांगुपवन्

विक्रेता  -विऱ्पवन्

[01/08, 9:01 am] sanantha.50@gmail.com: 🙏 सुप्रभात गुरुवर 

यहां =इंगे

 वहां  --अंगे

यह  -इतु, इवन्,इवळ् ,इंद

वह --अतु,अवन,अवळ् अंदर


ये  इवर,इवर्कळ्,इवैकळ्

वो  --अवन्,अवळ्

इधर --इंगे

उधर  अंडे 

आगे  -मुन्नाल्

पीछे -पिन्नाल्

ऊपर  -- मेले 

नीचे --कीऴे

दाएं  --वलतु

बाएं  --इडतु

अंदर  --उळ्ळे

बाहर  -वॆळिये

ऐसे  --इप्पडि

वैसे  --अप्पडि

जैसे तैसे  ऍप्पडियो ---अप्पडि,


कब  --ऍप्पोऴुतु 

कहां  -ऍंगे

कैसे  ऍप्पडि

क्यों  --एन्

कौन  -यार 

किसने  यार 

किसको  यारुक्कु

कितना,कितने कितनी

 ऍव्वळवु ,ऍत्तनै,


सु प्रभात गुरुवर तमिल में कैसे कहेंगे?

 नऱ्कालै वणक्कम् मरियम गलत/ मतियम सही 


 नमस्कारम गुरुवर

 You r really a great teacher. 

सिर  =तलै,सिरम्

माथा  --नॆट्रि

चेहरा  = मुकम्।

आंख X आँख  --कण, 

आंखें X आँखें  कण्कळ्

कान  ==कातु

नाक  ==मूक्कु

बोहे Xबाहेँ --बुजंगळ्

होंठ =उदडु

 दांत  --दाँत --पल्

दाढ़ी --दाडी 

जीभ --नाक्कु

मसूड़े  -- ईरु

गाल  --कन्नम्

ठोड़ी  -- कन्नम्

दाढ़ी  --दाडी 

मूंछ  --मूँछ --मीसै


गला  --कऴुत्तु

गार्डन  garden 

 कंधा  --तोळ्

कंधे  तोळकळ्

भुजा --पुजम् 

 कोहनी =मुऴंकै

उंगली = विरल्

 उंगलियां  --- विरलकळ्

अंगूठा  --- कट्टैविरल्

नाखून --नकम् 

 हथेली -- उळ्ळंकै 

 छाती --मार्बु

पेट  --वयिऱु

 --जांघ   -- तोडै


घुटना  --मुऴंकाल् 

पैर  --काल् 

एडी  --कुतिक्काल्

टखना  = कणुक्काल्

 पीठ = मुतुकु

 कमर  --इडुप्पु


दरवाजा  ----कतवु

चौखट ---

खिड़की  ==जन्नल्


रोशनदान  --ऒळिकोडुप्पान


अलमारी  --अलमारी

पलंग --कट्टिल


 बिस्तर  --पडुक्कै


तकिया  --तलैयणै


चादर  --पोर्वै


दीवार  --सुवर


छत  --कूरै, माडि


सीढ़ी  = पडि

ताला  --पूट्टु

चाबी  --चावि

रजाई  --रजाई, कुलिरतांगि पोर्वै


दरी ----तरै विरिप्पु


कुर्सी -- नार्काली 


 टेबल  --मेजै

इंसान  --मनितन् 

भगवान  --कडवुळ्, इरैवन्।


शैतान  --चैत्तान्

भूत --भूतम्

 पूजा  --पूजै

सर्दी  --कुळिर्

गर्मी  ==वॆप्पम्

बरसात  --मऴै

ठंड --कुळिर्

 ठंडा --कुलिर्न्द

ठंडी  ठंडा ठंडे --कुलिर्न्द 

गरम चूडान 

Past  --भूत--इरंदकालम्

Present -   वर्तमान निकऴ्कालम

Future भविष्य -ऍतिर्कालम्

गर्दन  --कऴुत्तु

देवर  --  कणवनिन् तंबी

भाभी   --अण्णि

जीजा   --अत्तान्


साला  --मच्चान

साली -मच्चिनि,मैत्तुणि

Friday, August 1, 2025

दानों में श्रेष्ठ दान

 शीर्षक ==रक्तदान।

 एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु 

2-8-25

+++++++++++++

भारत भूमि पुण्य भूमि।

 कर्ण जैसे दानी ,

 शिबि चक्रवर्ती जैसे दानी

 दधिची जैसे दानी

 अगजग में मिलना दुर्लभ।।

 वेद शास्त्रों के अनुसार 

 दानों का महत्व अधिक।।

 दानों में श्रेष्ठ है

 अन्नदान।

 भू दान

 गो दान 

स्वर्ण दान।

 प्राण दान।

आधुनिक वैज्ञानिक शोधों के कारण,

 दानों में प्रधान दान

रक्त दान

 अंग दान।

 अंधों को आँखें देने

नेत्रदान।

 हृदय दान 

 किड्नि दान।

इनमें से श्रेष्ठ दान

 रक्तदान।

 कहते थे मानव रक्त लाल।

मानव सब बराबर।

 पर रक्त मानव मानव में 

 भिन्न भिन्न है।

 ए वर्ग, एबी वर्ग

एबी- वर्ग ।एबी+वर्ग

 रक्त की कमी के कारण अनेक।

 उनमें दुर्घटना प्रधान।। 

 ऐसे पीड़ित व्यक्ति के

 प्राण बचाने,

 रक्त दान देना है।।

रक्त दानियों को 

दान देने से,

कोई जान का खतरा नहीं,

 दान देने से फिर ताज़ा खून  प्रकृति की देन।

 रक्तदान देने रक्त बैंक है।

 रक्त दानियों के संघ है।

रक्त दान शिविर भी  है।

 रक्त दान एक व्यक्ति के प्राण बचाने के लिए।

 अतः दान रक्तदान महादान ।

 प्राण बचाने में

 रक्तदान मजहबी भेद मिटाता है,

 न जाति भेद,

 न संप्रदाय भेद।

 मानव सब बराबर।

 संकुचित मजहबी  भेद

के बिना मानव एकता 

प्राण बचाने रक्तदान 

 महान दान है।

Thursday, July 31, 2025

सत्य

 सत्य की परख।

एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई 

31-7--25

सत्य की परख,

कथा नायक से   जल्दी,

 खलनायकों से  अति कठिन।

 चोर,डाकू,

 भ्रष्टाचारियों से  रिश्वतखोरों से

तो अति मुश्किल।।

 मतदान के लिए 

 वोट के लिए नोट देनेवाले 

 वोट देनेवाले दोनों में 

 सत्य की सेवा

 परख अति मुश्किल।।

 सत्यवान रहना अति मुश्किल।

 सत्यवान साधु  झूठ नहीं बोलता।

 उसने एक दृश्य को देखा।

 अब गवाह देना था।

 साधु ने आँखें नहीं बोल सकती।

 आँखों ने देखा।

 यह कहानी का सत्य।

 वास्तव में सत्य की परख मुश्किल।

 कृष्ण को भी विजय

 षड्यंत्र और झूठ 

बोलने से मिली।

 राम को भी छिपकर

 वाली वध करना पड़ा।

  सत्य की विजय परमात्मा के लिए भी मुश्किल।।

 भगवान कार्तिकेय प्रेमिका से मिलने 

वृद्ध रूप लिया।

 विष्णु ने वामनावतार लिया।

 इंद्र ने अहिल्या को धोखा देने  मुनि का रूप लिया।

 दमयंती  के स्वयंवर में 

 सभी देव नल के रूप धारण किया।।

 अफ़ज़ल खाँ ने शिवाजी को मारने षड्यंत्र किया।

 शिवाजी आलिंगन करके

 बघनखे से  मारा।

 सत्य की परख कैसे 

जान सकते हैं।

 भला करने असत्य बोलना पाप नहीं,

 तब सत्य की परख कैसे?

 पढ़ें लिखे वकील पैसे के लोभ से  भ्रष्टाचारी मंत्री को छुड़ाने तैयार।

 मतदाता मतदान देने तैयार।।

 सत्य की परख कैसे?

 अग्नि में उतरी सीता को

 जंगल भेजा था राम 

 धोबी के वचन से।

 सत्य की परख कहाँ?

जिसकी लाठी उसकी भैंस के संसार में 

 सत्य की परख है।

Wednesday, July 30, 2025

नाते रिश्ते पेशा

 

तमिऴ् हिंदी सेवा।

தமிழ் ஹிந்தி பணி 


रिश्ते 

हिंदी।


माता-पिता 

पुत्र पुत्री 

दादा दादी 

पति पत्नी 

चाचा-चाची 

ताऊ ताई 

नाना नानी 

मामा मामी 

भाई बहन 

भतीजा भतीजी

मौसा मौसी 

बुआ फूफा 

मित्र

बड़ा पुत्र

बड़ी पुत्री 

छोटा पुत्र 

छोटी पुत्री 

बड़ा भाई 

छोटा भाई 

बड़ी बहन 

छोटी बहन


रिश्ते तमिल।

 1.माता-पिता ,अम्मा,

अप्पा,अन्नै-तंदै, 


2.पुत्तिरन्-पुत्री,

महन-मकळ्


3.तात्ता--पाट्टि

4.पति -पत्नी 

5.कणवन-मनैवि

6.चित्तप्पा -चित्ति

7.पॆरियप्पा--पॆरियम्मा

8.अण्णा मकन् -अण्णन् मकळ्


9.तात्या -पाट्टि


10.मामा --मामी


11=सहोदरन -सहोदरी।


12.चित्तप्पा- चित्ति


13.अत्तै -मामा


14.नण्बन, तोऴन्,

 15.मूत्त मकन्


16=मूत्त मकळ्।


17.इळैय मकन्

18. इळैय मकळ्

19.अक्काळ्

20. तंगै




आजकल तमिल में भी अंग्रेजी शब्द का ही इस्तेमाल करते हैं।


बार्बर 

वॉशरमैन 

वॉशर वुमन 

डॉक्टर  

हलवाई 

माली 

शिक्षक =आसिरियर

शिक्षिका  --आसिरियै 

विद्यार्थी ,--माणवन् 

अध्यापक  --आसिरियर्‌

अध्यापिका  --आसिरियै 

डाकिया  --अंजलकारण

भिखारी  =पिच्चैक्कारण्

मोची  --चक्किलियन्

दुकानदार  =कडैक्कारन्

वाहन चालक  --वाहन ओट्टुनर्‌

कंडक्टर  --नटत्तुनर्

बालक  -- बाल्कन,चिऱुवन्

बालिका -- चिऱुमि


१. बार्बर ---नाविदन्, अंबट्टैयन, पंडितन्


२.वाशरमेन् ==वण्णान्

३. उमन = वण्णात्ति

4. डाक्टर --मरुत्तुवर्

5.  हल्वाई=अल्वा व्यापारी

6.माली --तोट्टक्कारन

7.

 सुबह  --कालै

दोपहर  - मतियम्

शाम  --मालै, सायंकिलम्

रात --इरवु

अंग्रेज़ी महीनों के नाम ज्यों के त्यों।

Monday, July 28, 2025

அலைகள். लहरें।

 

तमिऴ् हिंदी सेवा தமிழ் ஹிந்தி பணி.

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नै

++++++++++++±


लहरों का शोर ---

एस. अनंतकृष्णन चेन्नई 

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लहरें शोर करती है या =अलैकऴ्  इरैच्चलिडुकिऱता अल्लतु 

प्रेमिका की खोज में = कादलियैत्तेडुवतिल्

 चीखती या चिल्लाती --कूच्चलिडुकिऱता।

 पता नहीं है शोर क्यों? -तेरियविल्लै इरैच्चल एन्!

 कितने शवों को किनारे पर   --ऍत्तनै शवंगळै करैकळिळ्

लगाती है पता नहीं। ==ऒतुक्कुकिऱतु तॆरियविल्लै।।

 कितने जहाजों को डूबने की = ऍत्तनै कप्पल्कळ् मूत्वऴ्कुवतिल् 

 चीख चिल्लाहट सुनकर ==कूक्कुरल् केट्टु

 ज्वार  भाटे , -पेरलैकळ, चिट्रलैकळ्।

 कितने शवों को== ऍत्तनै  शवंकळ् 

  जिंदा चीखते सुन = उयिरुडन अलरुवतैप्पार्त्तु केट्टु

 भले ही लहरें शोर मचाती हो। =अतनाल् अलैकळ् इरैच्चलिडुकिरतो?

 कितने प्रेमी प्रेमिका की =एत्तनै कादलर कादलिकळ्

आत्महत्या देख    =तऱ्कोळै पार्त्तु 

दुखी लहरें --तुन्बमान अलैकळ्

शोर  मचाती हो। == इरैच्चल् इडुकिरतो?

 ग़रीबी के कारण,=एऴ्मैयिन कारणमाक,

 कर्जा चुकाने की =कडन् तीर

असमर्थता कारण,= सामार्थमिन्मै कारणमाक,

 अवैध गर्भ धारण के कारण- तवऱान करुवुट्रताल्

 कन्याओं की आत्महत्या, --कन्निकळिन् तर्कोलै

 परीक्षा में हार, --तेर्विल तोल्वी

 बेकार युवक  =वेलैयिल्ला इळैज्ञन,

 कितनों के अकाल =ऍत्तनैयो अकाल

मरणंकळिन कारणम् == मृत्यु के कारण, 

 लहरें शोर मचाती हो। अलैकऴ् इरैच्चलिडुकिऱता?

 विमान के गिरने से, ==विमानंकळ् विऴुवताल्

 माल जहाज के  डूबने से, --चरक्कुकप्पल्कळ्

 कारखानों के गंदे पानी के = तोऴिर्चालैयिन  अऴुक्कुत्तण्णीर

 मोरों के पानी के संगम से  =चाक्कडैत्तण्णीर  संगममावताल्

 प्रदूषित  सागर देख, --मासडैंत कडलैप्पार्त्थु

 लहरें शोर मचाती हो, --अलैकळ् इरैच्चल् इडुकिरतो?

 मानव  मानवता बिना  मनितन मनितत्तन्मै इनऱि

 सागर  में अस्ति  फेंकता है, = कडलिल् अस्तियै ऍरिकिऱान्।

 गणेश की सुंदर मूर्तियों  को छिन्न-भिन्न करने ==

गणेशनिन मूर्तिकळै चिन्तन भिन्न माक्कि

 फेंकने से , --ऍरिवताल्

काली की मूर्तियों के --काळियिन मूर्तिकळै 

 छिन्न-भिन्न करने से =  छिन्न भिन्न माक्कुवताल्

 लहरें शोर मचाती=  अलैकळ् इरैच्चलिडुकिरतो।

 कुपित होकर  -कोपम् अडैंतु

ज्वार भाटा,  चिट्रलै -पेरलै

सुनामी, =चुनामी

 लहरें शोर मचाकर  --अलैकळ् इरैच्चलिट्टु

 अपने दुख प्रकट करती। 

 तन्  तुन्बत्तै वॆऴिप्पडुत्तुकिऱतु।

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई, तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना 


,

தன்மேல் நம்பிக்கை. स्वयं पर विश्वास

 स्वयं में विश्वास 

एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु 

++++++++++++

 

ज्ञानियों ने कहा है, == अरिज्ञर्कळ्  कूरियुळ्ळनर

 अपने को पहचानो, = तन्नै अरिंदुकोळ्।

 अपनी क्षमता जानो, =तन  तिरमैयै  अऱिंदुकोळ्

 अपना कौशल जानो -तनिचेयल तिऱनै अरिंदुकोळ्।

 सोचो, समझो, विचारो,-- चिंतित, पुरिंदुकोळ्, ऍण्णु।

 आगे कर्म करो। पिन्नर चेयलाट्रु।

 संत तिरुवल्लुवर ने कहा- संत तिरुवल्लुवर चोन्नार

सोच विचार कर --चिंतित्तु  ऍण्णि 

 समझकर कर्म करो, --पुरिंदु चेयलाट्रु।

 करने के बाद  सोचना --चेय्तपिन चिंतिप्पतु

 असफलता हानियाँ ही होंगी।  तोल्विकळैयुम् तींगुकळैयुम् एर्पडुत्तुम।

खूब सोच विचार के बाद --नन्ऱाक चिंतित्तु ऍण्णिय पिन

स्वयं पर विश्वास रखो। उन्नै  नंबु।

 स्वयं पर विश्वास रखने   -तन्नै नंब 

 मानसिक दृढ़ता चाहिए। मन तिडम् वेंडुम्।

 शारीरिक बल चाहिए। -उडल्‌बलम् वेंडुम्।

 वचन का पालन  -वाक्कै कडैपिडिक्क 

 करना चाहिए। वेंडुम्।

समय का पालन अति आवश्यक है।

 नेरत्तै कडैपिटिप्पतु अतिक अवसियम्।

 जागना जागते रहना -विऴिप्पतु विऴित्तुक्कोंडे इरुप्पतु

 ईमानदारी निभाना, -  नाणयत्तै कडैपिडिप्पतु 

 सत्य का पालन  -उण्मैयै कडै पिडित्तल्

संगति को जानना, --चेर्क्कैयै अऱितल्

 मधुर भाषण, - मतुरमान पेच्चु

 बाह्याडंबर रहित जीवन  -वॆळिआडंबरमटृय वाऴ्क्कै

 सादा जीवन उच्च विचार  ऍळिय वाऴ्क्कै उयर्न्त ऍणृणम्

 स्वयं भर भरोसा, --तन्नंबिक्कै

 सबका सुनना  -ऍल्लोरैयुम् केट्टल्

पूछताछ करना -विचारित्तल्

 सत्य को पहचानना --उणृमैयै अऱितल

मन का मानना  -मनतै एटृऱल्

 सबसे बढ़कर  -ऍल्लोरैयुम् विंड 

 अपने को ऊँचा समझना, तन्नै उयर्न्तवनाकपुरिंदुकोळ्ळल्

 तभी होगा अपने आप पर विश्वास।

अप्पोळुतूतान् तन् मेल् नंबिक्कै एर्पडुम्।।

Tuesday, July 15, 2025

कल्पना

 कल्पना की सीढ़ी ---

एस अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु 

तमिल हिंदी सेवा 

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मानव की कल्पनाएँ ==मनितनिन कऱ्पनै

 साकार होने पर -- वडिवम् आकुम् पोतु

 जग कल्याण।। =उलकुक्कु नलम् ।

 पक्षी को देखा, =पऱवैयैप्पार्त्तान्

 उड़ने की कल्पना की। =पऱक्क कर्पनै चेय्तान्।

हवाई जहाज का आविष्कार किया। = विमानत्तै कंडुपिडित्तान्।

 सोच विचार कल्पनाएँ -- चिंतनै ऍण्णंकल् कर्पनैकळ्।

नैतिक ग्रंथों की रचनाएँ।=नीतिनूल्कळिन पडैप्पुकळ्।

 यथार्थवाद से आदर्शवाद  --

यथार्थ वादत्तिल इरुंदु आदर्शवादम्।

कल्पना के कारण ही =कऱ्पनैयिन कारणमाक

 कल्पना किंवदंतियाँ भी  कऱ्पनै वदंतिकळ्।

 फैलाती जग में। उलकिल परवुकिन्रन।

 कल्पना में ही  =कर्पनैयिलेये

अग जग की यात्रा=अखिल उलक यात्तिरै।

 कर सकते हैं। चेय्य मुडियुम्।

प्रेम दर्शाने मेघदूत की कल्पना।

 कादलै वेळिप्पडुत्त  मेघदूत कऱ्पनै।

 हंस दूत की कल्पना, अन्नत्तिन दूत कर्पनै।

बड़े बड़े काव्यों में  =पेरिय काप्पियंकळिल्

 प्रकृति का मानवीकरण। इयऱक्कैयिन मानित उरुवकम्।

 चित्रपटों में षड्यंत्र की कल्पनाएँ। --

तिरैप्पडंकळिल् चूऴ्च्चिकळिन कर्पनै।

कल्पना जगत में  =कर्पनै उलकिल् 

 पाप-पुण्य के डर से =पांव पुण्य भयत्ताल्

 दान देना, =दानम् अळिप्पतु।

स्वर्ग नरक की कल्पना, =सुवर्ग नरक कल्पनै

अन्याय करने का भय। अनियायम् चेय्य अच्चम्।

 रोगों को दूर करने के  =नोय्कळैप्पोक्क

 सोच विचार की कल्पनाएँ =, चिंतनै  ऍण्णंकळिन कऱ्पनै।

 नयी दवाओं का आविष्कार।। पुतिन मरुंतुकळिन कंडुपिडिप्पुकळ्।

 रोग निदान करने =नोय कंडुपिडिक्क

 औजारों का ईजाद। =करुविकळिन् कंडुपिडिप्पुकळ्।

 आवागमन साधनों का पता।=पोक्कुवरत्तु साधनंगळ्

 उर्वरकों का आविष्कार। उरंकळिन कंडुपिडिप्पुकळ्

 कुएँ से पानी निकालने के =किनरुकळिल् इरुंदु तण्णीर वेळियेट्ऱ

 यंत्रों का आविष्कार।=यंतिरंकळिन् कंडुपिडिप्पुकळ्।

कल्पना ही सोच-विचार  = कऱ्पनैकळ् तान चिंतिक्क ऍन्नंकळिन

 खोज साधनों का  =आराय्च्चि साधनंकळिन 

पता लगाने की प्रेरणा। =कंडुपिडिप्पुकळिन् तूंडुतल्।

 पर केवल कल्पना से =आनंद वेट्रु कऱपनैयिल्

 दाल न गलेगा। = परुप्पु वेकातु।।


कल्पना को साकार करने =कऱ्पनै वडिवमाक

 के प्रयत्न ,सोच विचार ही पिरयत्तनम् चिंतनै ऍण्णंकळिल। 

 जगत कल्याण कर सकती है। = उलक नलन् चेय्यमुडियुम्।


 शत्रु पर विजय की कल्पना से =विरोधिकलिन मीतु वॆट्रि कऱ्पनैयाल्

 विजय नहीं, --=वेट्रि किडैयातु।

 कल्पना को साकार करने =कर्पनैकळै वडिवमैक्क

 सेनाओं का संगठन, =पडैकळै अमैत्तल्

 अस्त्र-शस्त्रों की तैयारी। आयुतंकळ् एवुकणैकळ् तयार पडुत्त वैंडुम्।

 सब कल्पना में  ऍल्लाम् कर्पनैयिल्

 न आएगा काम। =पयन्पडातु।

कल्पना को कार्यान्वित करने =कऱ्पनैकळै चेयल्पडुत्त

चाहिए तन मन धन और कठोर परिश्रम।

उडल् मनम् पणम् कठिन उऴैप्पु वेंडुम्।


 


 



 


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Monday, July 14, 2025

வேற்றுமை ஒற்றுமை

 भारत की विशेषता --अनेकता में एकता।

 பாரதத்தின் சிறப்பு  --வேற்றுமையில் ஒற்றுமை 


 मैं भारतीय हूँ, ==நான்  பாரநாட்டவன்

 पर देखते ही पता चल जाता, =ஆனால் பார்த்ததும் தெரிந்து விடும் 

 मैं दक्षिण का हूँ। நான் தென்னிந்தியத்.

 मैं भारतीय हूँ, நான் பாரத நாட்டின் 

देखते ही पता चल जाता,=பார்த்ததும் தெரிந்து விடும் 

 मैं उत्तर भारतीय हूँ।=நான் வடபாரதத்தவன்

 मैं दक्षिण का हूँ==

நான் தென்பாரதத்தவன் 

 मेरे उच्चारण से ही पता चल जाता,

என் உச்சரிப்பில் தெரிந்து விடும் 

 मैं केरल का हूँ या तमिल का,

நான் கேரளாவா? தமிழா?

 तेलुगू का या कन्नड़ का। 

தெலுங்கா கன்னடமா?

 भोजन खाते समय भी पता चल जाता 

உணவு அருந்தும் போதே தெரிந்து விடும்.

मैं किस प्रांत का हूँ।

நான் எந்த மாநிலத்தின் என்று.


 बोली से पता चल जाता  =பேச்சில் தெரிந்து விடும்


  मैं उत्तर तमिलनाडु वासी हूँ =நான் வட தமிழ் நாடு வாசியா

या  அல்லது 

दक्षिण तमिलवासी हूँ। தென் தமிழ் வாடியா?

 तमिलनाडु के चेन्नई वासी हूँ या मदुरै शहर वासी या कोयंपुत्तूरवासी या तिरुनेलवेली वासी या कन्याकुमारी वासी।

தமிழ் நாட்டு சென்னை வாசியா

மதுரை வாசியா

 भाषा तो एक  है,

மொழி ஒன்று தான்

 पर स्थानीय कुछ शब्द और उच्चारण भेद दिलाता है।

அதனால் உள்ளூர் சில சொற்கள் 

உச்சரிப்பு வேற்றுமை தருகிறது.

 वैसे ही जातिभेद के कारण  उच्चारण में और 

 शब्दों में भेद। சொற்களில் வேறுபாடுகள் 

 भात को सादम कहने के ब्राह्मण, 

 சோறை சாதம் என்னும் பிராமணர்கள்

लैस कहनेवाले युवक 

ரைஸ் என்று சொல்லும் இளைஞர்கள்.

चोऱु कहने के अब्राह्मण,

 சோறு என்று சொல்லும் அந்தணர்கள் இல்லாதவர்கள்.

 रस को रसम् कहनेवाले व 

ரசத்தை ரசம் என்பவர்கள் 

 चाट्रमुदु कहनेवाले ऐयंकार।

 சாற்றமுது என்று சொல்லும் ஐயங்கார் 

 शिव भक्तों में उप-शाखाएँ,

சிவ பக்தர்களில் உப கிளைகள்

 वैष्णव भक्तों में उप-शाखाएँ,

வைஷ்ணவ பக்தர்களில் உப கிளைகள்

 दक्षिण कला, उत्तर कला

தென்கலை ,வடகலை

 भगवान तो एक है,

 கடவுள் ஒருவரே 

 आराधना में,  =ஆராதனையில் 

तिलक लगाने में,=பொட்டு வைப்பதில் 

 तिलक के आकार में भेद। பொட்டின் வடிவத்தில் வேறுபாடு

 गिरिजा घरों में  -சர்ச்களில்

 केतलिक, प्रोटोस्टडेंट, सेवंतडे अडवेंचरिस्ट,

கேலிக் ப்ரோடஸ்ஸ்டண்ட் செல்வந்தர் டே அட்வென்சரிஸ்ட்

 तमिल चर्च  தமிழ் சர்ச் கள்

 मुगल धर्म भेद । முகலாய மதத்தில் வேறுபாடு.

 नास्तिकता  நாத்திகம்

 भेद ही भेद। வேற்றுமையே வேற்றுமை

   असंख्य प्राकृतिक भेद।

அதிகமான இயற்கை வேறுபாடுகள் 


  पर एकता है विचारों में सोच में,

 ஆனால் ஒற்றுமை எண்ணங்களில்

 भारतीय संस्कृति संस्कार में,

 இந்தியப் பண்பாட்டில் சடங்குகளில்

 भारतीय  हूं कहने में।

இந்தியன் என்று சொல்வதில்.

 सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा हमारा,

 பாருக்குள்ளே நம்ம நாடு பாரத நாடு 

 हम बुलबुलें हैं इसकी ,

 நாம் இதில் வண்ணப் பறவைகள்

यह गुलिस्तां हमारा।

 இது நமது தோட்டம்

 गाने में अति गौरवान्वित हैं 

இதை பாடுவதில் கௌரவம்

हर भारतवासी। ஒவ்வொரு இந்தியனுக்கும்

झंडा ऊँचा रहे हमारा,

 நமது கொடி உயர் பிறக்கட்டும் 

 गाने में , பாடுவதில் 

 झंडे की रक्षा में -கொடியை காப்பதில்

 देश की एकता =நாட்டின் ஒற்றுமை க்கு

अभी चेंदूर युद्ध में देखने को मिला।

இப்பொழுது செந்தூர் போர் பார்க்க கிடைத்தது.

 सनातनधर्मियों की सहनशीलता,

சனாதன தர்மத்தின் சகிப்புத்தன்மை 

 विधर्मियों की सुविधाएँ

 அன்னிய மதத்தவர்களுக்கு வசதிகள் 

 एकता के  है प्रमाण।।

 ஒற்றுமைக்கு சான்று.

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना

Sunday, July 13, 2025

हिंदी तमिऴ् सेवा

 तमिऴ्  हिंदी सेवा 

தமிழ் ஹிந்தி பணி



1.करो या मरो। 

=चेय अल्लतु चेत्तु मडि।


2.स्वतंत्रता हमारा जन्म सिद्धअधिकार=सुतंतिरम् नमतु पिऱप्पुरिमै।


3.धर्म करना चाह = अऱम् चेय विरुंबु।


4.=कंजूसी की संपत्ति बुरों के हाथ में ==ईयार तेट्टै तीयोर कोऴवर।



5.जिओ और जीने दो=

 वाऴु वाऴ विडु।


एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु द्वारा हिंदी तमिऴ सेवा

Thursday, July 10, 2025

कृषक --विवसाई

 धरती पुत्र किसान 

हिंदी तमिऴ सेवा

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एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु 

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 मानव पशु , ==मनित मिरुगम,

पाषाण युग में  = कऱ्कालत्तिल

कच्चा माँस खाता। = पच्चै मामिसम् साप्पिडुवान।

आवारा रहा। =नाडोडियाक इरुंदान्।

एक जंगल  = ऒरु काट्टै

खाली करके  =काली चेय्तु

जंगल जंगल भटकता। =काडु काडाक वऴितॆरियामल् चुट्रुवान्।

मानव सभ्य बना तो = मनितन् नागरीको माक आधान ऍन्ऱाल

कारण धरती पुत्र किसान। -=कारण निल मकन्  विवसाई।


 किसान  मानव को ==विवसाई मनितनै

  चलते फिरते जानवर जीवन =नडमाडुम मिरुग वाऴ्क्कै 

मनुष्य को  -मनितनै

 सभ्य बनाया, =नागरीको माक्किनान।

 एक ही स्थान में  =ऒरे इडत्तिल

 खेती करके बसाया। =विवसायम चेय्तु कुडियमर्त्तिनान।।

संस्कार दिया। -=- चडंगुकळै कोडुत्तान।

 मनुष्य को क्षुधा  =मनितनिन्  पसियैप्

पूर्ति करके  == पूर्ति चेय्तु

 इधर उधर भटकने से बचाया।=

इंगुम अंगुम् अलैंदु तिरिवतिल इरुंदु  काप्पाट्रिनान् ।।

 परिणाम =विळैवाक

पेट भरने के बाद  =वयिरु निऱैंद पिन्

 सोचने विचारने लगा। =चिंतिक्क ऍण्णत्तोडंगिनान।

 आग का उपयोग, =नेरुप्पिन उपयोगम्

 चक्र का पता, =चक्करत्तिन कंडुपिडिप्पु

 अपने अपने समाज =तन तन समुदायत्तै

 समाज सुरक्षा -=समुदाय पादुकाप्पै

 मानव एकता। =मानित ऒट्रुमैयै

 विचारों की एकता  -=ऍण्णंगलिन ओट्रुमैयै

 भाईचारा भाव! -सहोदरत्तुवत्तै

 धरती पुत्र किसान न तो --भूमियिन मैंने विवसाई इल्लै ऍन्राल

 मानव असभ्य==मनितन अनागरीकमुल्लवन्

 जंगली जानवर ही है जान। =काट्टु मिरुकम् ऍन तेरिंदुकोळ्।

 सोना, चाँदी, ==तंगम्, वॆळ्ळि

उद्योग,पद,धन =उत्तियोगम्, पदवि,सेल्वम्

 भूखे के सामने== पसियुळ्ळवन मुन

 धूल समान।। =दूसिक्कु समम्।

 भूखा भजन न गोपाला।

पसियिल भजनै चेय्य मडियातु।।

  सिद्धार्थ को एक  =सिद्धार्थरुक्कु

 अनपढ़ अहरी ने सिखाया। = पडिक्कात  इडैच्चि कऱ्पित्ताळ्

 लाल बहादुर शास्त्री ने = लाल बहादुर शास्त्री 

 नारा दिया -- मुऴक्कमिट्टार

"जय जवान,जय किसान"।

जय जवान, जय किसान।

 दोनों न तो मानव जीवन में= इरुवरुम् इल्लै ऍन्ऱाल्

 न अमन चमन जान्। अमैतियिल्लै तूरि़दुकोळ्।

 जय किसान,=जय किसान 

 धरती पुत्र, =निकल मकन् 

वह न तो मानव जीवन =अवन् इल्लै ऍन्राल्  मानित वाऴ्क्कै 

 अस्ती बंजर जानो।=ऍलुंबीक्कूडु तॆरिंदुकोळ्।

 किसानों को  --विसाई 

जय बोलो। वाऴ्क ऍन्ऱु चोल्।

 इस बात को =इंद विषयत्तै

गाँठ बाँधकर---मुडित्तु

 रख लो। =वैत्ततुक्कोळ्।

Sunday, July 6, 2025

वास्तविकता

 जीवन की सच्चाई 

तमिल हिंदी सेवा

सेवक :-

एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु 

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जीवन की सच्चाई जानो,=वाऴ्क्कैयिन  उण्मै तेरिंदुकोळ्।

सत्य पथ से हटोगे नहीं। --सत्य पातैयिल  इरुंदु विलकाते।

 जगत मिथ्या, ब्रह्म सत्यं। उलकम् पोय्यानतु, ब्रह्म सत्यं।

 शरीर नश्वर, =उडल्  अऴियुम।

संसार नश्वर, =उलकम् अऴियुम

धन जोड़ों, ==धनम् घेर।

 तन उम्र के बढ़ते --ईडल वयतु अतिकरिक्क

 शिथिल हो जाएगा। --तळर्न्तु विडुम्

  भले ही करोड़ों के अधिपति हो, பல கோடிக்கணக்கில் அதிபதியாக இருந்தாலும் சரி

 जवानी वापस नहीं ला सकते।

இளமை திரும்பி கொண்டுவர முடியாது.

नब्बे साल में 

தொன்னூறு வயதில் 

 तेज नौ कदम रखना मुश्किल।

 வேகமாக ஒன்பது அடி வைப்பது கடினம்.

 शिक्षा में बीस साल,

கல்வியில் 20வருடம்

 नौकरी गृहस्थ जीवन में तीस साल,

வேலை குடும்ப வாழ்க்கை முப்பது வருடம்

 इसमें कितनी चिंताएँ,

இதில் எவ்வளவு கவலைகள்.

 सुपुत्र कुपुत्र की चिंता,

நல்ல கெட்ட மகன்கள் கவலை

 सुबहु कुबहू की चिंता 

 நல்ல மருமகள் கெட்ட மருமகள் கவலை.

 संतान होकर सुख दुख।

குழந்தைகள் இருந்தும் சுகம் துன்பம்.

 संतान न होने से दुख।

குழந்தைகள் இல்லா துன்பம்.

द्वि त्रिपत्नियों से दुख।

இரு மூன்று மனைவிகள் துன்பம்.

 धन जोड़कर उसकी रक्षा का दुख।

பணம் சேர்த்து பாதுகாக்கும் கவலை.

निर्धन का दुख।

பணம் இல்லை என்ற கவலை.

 साध्य असाध्य रोगों का दुख।

தீரும் தீரா நோய்களின் துன்பம்.

 प्राकृतिक कोप,

இயற்கை சீற்றங்கள்.

 सुमन,कुमन

நல்ல கெட்ட மனம்

 उपकार अपकार के दुख।

உபகாரம் அபகாரத்தால்துன்பம்.

 भ्रष्टाचार के पैसे हैं,

ஊழல் பணம் இருக்கிறது.

 कालाधन है

கருப்புப் பணம்  இருக்கிறது 

 उनको खुल्लमखुल्ला खर्च नहीं कर सकते।

அவைகளை வெளிப்படையாக செலவு  செய்ய முடியாது.

 अंत में धन धन धन

இறுதியில் பணம் பணம் பணம்

 जान बचाने काम न आएगा।

உயிர் காக்க உபயோகப்படாது.

भूलोक में ही स्वर्ग -नरक का जीवन।

பூலோகத்தில் ஸ்வர்க்க நரக வாழ்க்கை 

 यही है सच्चाई। இதுதான் உண்மை 

 नश्वर शरीर, नश्वर जगत,

அழியும் உடல் அழியும் உலகம்

नश्वर संसार की सृष्टियाँ।

அழியும் உலகம் படைப்புகள் 

 जगत मिथ्या, ब्रह्म सत्यं।

உலகம் பொய்யானது .

இறைவன் உண்மையானவன்

  मधुशाला माधुशाला का सुख अस्थाई जान।

மதக்கடைகள் பெண்கள் கடைகள்

சுகம் தற்காலிகமானது அறிந்து கொள்ள.

ध्यान में मन लगाओ,

தியானத்தில் மனதை ஈடுபடுத்து.

न पैसों की चिंता।

பணக்கவலை கிடையாது.

 मानसिक शांति, संतोष।

மன அமைதி மன நிறைவு 

 ब्रह्मानंद वर्णनातीत।

பிரம்மானந்தம் வர்ணிக்க முடியாது 

जानो समझो सच्चाई।

அறிந்து கொள். புரிந்து கொள்.உண்மையை.

यही यथार्थता जीवन में।

இதுதான் யதார்த்தம் வாழ்க்கையில்.

Saturday, July 5, 2025

विश्वास


नमस्ते वणक्कम् 

तमिल हिंदी सेवा।

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

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 उम्मीद का दीया।   = नंबिक्कै विळक्कु।



एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई।

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उम्मीद न तो --नंबिक्कै इल्लै ऍन्राल

 उत्साह नहीं, ---उऱ्चाहम् इल्लै 

 इच्छा नहीं, --विरुप्पम् इल्लै 

क्रिया नहीं, --चेयल् इल्लै 

 ज्ञान नहीं, -ज्ञानम् इल्लै 

जिज्ञासु -अऱियुम् आर्वम् 

 ज्ञान चक्षु प्राप्त = अऱिउक्कण पॆट्र

 मानव नहीं। =मनितन्  इल्लै।

  अपने प्रिय के असाध्य रोग ।= नम् अन्बानवरिध तीरा नोय।

 डाक्टर  विश्वास का दीया

मरुत्तुवर  नंबिक्कै विळक्कु

 जलाने पर खुश होते हैं,= 

ऍरित्ताल् मकिऴ्च्ची।

 जीना दुश्वार कहें तो = वाऴ्वतु कठिनम् ऍन्राल 

 भगवान पर विश्वास करते हैं ।= कडवुळ् मेल नंबिक्कै वैक्किऱोम्।

निराशा में आशा होने

अवनंबिक्कैयिल्  नंबिक्कै वर

 ईश्वर से प्रार्थना,= कडवुळिडम्  पिरार्थनै।

 ज़रा  आवश्यक है। कोंचम् तेवै।

 मानव प्रयत्न में  =मनित मुयर्चियिल्

  आशा है तो भी एक =  नंबिक्कै इरुंतालुम् ऒरु

 अमानुष्य शक्ति ही = मनितनुक्कु अप्पार्पट्ट शक्ति 

‌ सफ़ल असफल के कारण होते।=वेट्रि तोल्विक्कु कारणम् आकिरतु।

 रोगी की चिकित्सा  =नोयाळियिन् चिकिच्चै

 डाक्टर की आशा = मरुत्तुवरिन नंबिक्कै 

 ही प्रधान। =तान्  प्रधानम्।

 उम्मीद ही बल प्रदान करता है, =

नंबिक्कै तान बलम् अळिक्किरतु।

पहाड़ की चोटी पर पहुंचने,= मैं शिखरत्तै अडैय,


 समुद्र की गहराइयों में=   कडलिन आऴत्तिल 

 मोती वाले सीपी बटोरने =मुत्तु सिप्पी चेकरिक्क

 साहस के साथ  =तुणिच्चलुडन्

 विश्वास चाहिए कि  नंबिक्कै वेंडुम्।

 ज़रूर पहुँचेंगे, कट्टायम् अडैवोम्।

 अवश्य मोती मिलेगा। =कट्टायम् मुत्तु किडैक्कुम् 

चुनाव में लड़ेंगे तो  -तूरतलिल पोट्टियिट्टाल्

 जीतने की आशा --=वेट्रियिल् नंबिक्कै।

 न तो लड़ेंगे नहीं। °इल्लैयॆन्राल् पोट्टियिल्लै।


मानव का बल = मानित  बलम् 

उम्मीद में।== विश्वासत्तिल्। 

 प्रयत्न में हारने पर==मुयऱचियिल् तोट्राल्

 और प्रयत्न में  -- मेलुम् मुयर्चियिल् 

 जीतने की आशा =वॆट्रिपॆरुम् नंबिक्कै।

 निराशा होने पर  = अवनंबिक्कैयिल् 

‌आत्महत्या करने  =तऱकोलै  चेय्य 

मानव तैयार।= मनितन् तैयार।।

जवहरव्रत =जवाहर विरतम् 

  शत्रु से बचने की आशा न तो = ऍतिरिकळिडमिरुंदु

तप्पिक्क नंबिक्कै इल्लै येन्ऱाल्।

आग में कूदकर मर जाती

अग्नियिल् कुदित्तु  इरंदुविडुवार्कळ्

 अंतःपुर की महिलाएँ,

 अंतप्पुऱप्पॆण्कळ्।

यही नाउम्मीद का परिणाम।।

इतुतान नंबिक्कैयिन्मैयिन पलन्।

 प्रेमी या प्रेमिका न मिलने पर  = कातलन कातलि  किडैक्कविल्लैयेन्ऱाल् 

आत्महत्या, =तऱकोलै।

 परीक्षा में हारने पर आत्महत्या। ==तेर्विल तोट्राल तर्कोलै।

ये नाउम्मीद का परिणाम।

 इवै  नंबिक्कैयिन्मैयिन पलन्।

 साहसी के लिए, =तणिच्चल उळ्ळवनुक्कु

‌विश्वासी के लिए  =नंबिक्कैवुळ्ळवनुक्कु

 ज्ञानी के लिए  =ज्ञानिक्कु

 उम्मीद ही बल है। =नंबिक्कैये बलम्।

मनोबल, ==मनोबलम्

पद बल, =पदवि बलम् 

 नाते रिश्तों के बल=उट्रार उऱविनर बलम् 

 परंपरागत आर्थिक बल, =परंपरै पॊरुळाधार बलम् 

 सत्य का बल, -=सत्तियत्तिन बलम्

 आत्मबोध आत्मविश्वास आत्मज्ञान का बल,

आत्मबोधम् आत्मविश्वास में आत्मज्ञान बलम्

मानाव में आशा का संचार।=

मनितनुक्कु  ऩबिक्कै ओट्टम्।


 राष्ट्र कवि गुप्त के अनुसार  = देशीय कविज्ञर् गुप्तरिन पडि

 नर हो,न निराश करो मन को। =

 , मनतिल अवनंबिक्कैप्पडाते।

नर हो का मतलब है

मनितन् ऍन्ऱाल् पोरुळ्

 ज्ञान चक्षु वाले हो,

अऱिवुक्कण् उडैयवन्।

 आत्मबोध वाले हो,

आत्मबोधम् ईळ्ळवन्

 तुम में अमित बल है,

उनक्कुळ् अळविड मुडियात  बलम् उळ्ळतु।

उम्मीद का दीया जलाओ।

ऩबिक्कै विळक्कै एट्ऱू।

 असंभव को भी संभव करने की शक्ति है,

अस़भवत्तैयुम् सोभवमाक्कुम् शक्ति उळ्ळतु।

 देवों ने असुरों से जीतने==देवर्कळ् असुरर्कळै वॆल्ल

 दधिची मानव के चरण पकड़कर प्रार्थना की।

दधिचि मनितनिन् कालैप्पिडित्तु वेंडिनर।

मानव में अमित बल है,=मनितनिडत्तिल्अळविडमुडियात बलम् इरुक्किऱतु।

 आगे बढ़ने =मीन्नेऱ 

 उम्मीद का दीया जलाओ।= नंबिक्कै विळक्कै एट्रु।

 उम्मीद के प्रकाश में  = नोबिक्कै वॆळिच्चत्तिल्

 दुर्लभ भी सुलभ हो जाएगा।

दुर्लभमुम सलभमाकुम्।


 

 


 



 

 

 


Friday, July 4, 2025

मनुष्यता

 मानवता மனிதம்.


एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु 

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अंतर नहीं , வேறுபாடல்ல.

पशु पक्षी मानव में, கால்நடை பறவை மனிதனில் 

भूख,काम, क्रोध में बराबर।

பசி, காமம்,கோவம் அனைத்திலும் சமம்.

 मानव में भी आज भी कुछ आदीवासी जंगली

 जानवर तुल्य जीवन बिता रहे हैं।

 மனிதர்களிலும் சில ஆதி வாசிகள் காட்டுவாசிகள்

மிருகத்திற்கு ஒப்பான வாழ்க்கை வாழ்கின்றனர்.


 फ़र्क मानव ज्ञानचक्षु प्राप्त जीव है।

வேறு பாடு மனிதன் அறிவுக் கண் பெற்ற ஜீவன்.

 जानता है  தெரியும்

 நல்லது என்ன? கெட்டது என்ன?

भला क्या? बुरा क्या?



सत्य क्या? असत्य क्या?

சத்தியம் என்ன?

அசத்தியம் என்ன?

धर्म क्या ? अधर्म क्या?

தர்மம் என்ன? அதர்மம் என்ன?


हिंसा क्या? अहिंसा क्या?

இம்சை என்ன? அஹிம்சை என்ன?


उपकार क्या? अपकार क्या?

உபகாரம் என்ன? அபகாரம்என்ன?

अतः मानव मानवता के कारण श्रेष्ठ जीवन है।

ஆகையால் மனிதன் மனிதத்துவத்தின் காரணமாக மேன்மையான வன்.

मानवता या इन्सानियत क्या है?

மனித நேயம் என்ன?

मानवीय गुणों से जीना।

மனித குணத்துடன் வாழ்வது.

 भलमानसाहस,

நல்ல மனது

 दूसरों के लिए जीना,

மற்றவர்களுக்காக வாழ்வது.

 दीन दुखियों की सेवा करना,दान देना,

ஏழை இன்னல் உறுவோருக்கு  சேவை செய்வது தானம் அளிப்பது 


 तन, मन,धन से

உடல்,மனம், செல்வத்தால்

 देश की ही नहीं,

நாட்டுக்கு மட்டுமல்ல

 अपने समाज की,

நமது சமுதாயத்திற்கு

अंतर्राष्ट्रीय हित की,

பன்னாட்டு நன்மைக்கு

 अपने देश की ,

நம் நாட்டிற்கு 

 सर्वे जना सुखिनो भवन्तु।

அனைத்து மக்களும் சுகமாக இருக்க

वसुधैव कुटुंबकम्।

 வையகம் ஒரு குடும்பமாக 

मानवता अपनाना। மனிதநேயத்தை ஏற்றல்

अहिंसा, शांति, 

அஹிம்சை சாந்தி 

विश्वशांति  உலக அமைதி

 के कार्य करना, பணிபுரிதல்

 अनुशासन से रहना, ஒழுக்கத்துடன் இருத்தல் 

चरित्रवान बनना, குணமுள்ளவனாக இருத்தல் 

तटस्थ रहना, பல நடு நிலைமையுடன் இருத்தல் 

आत्मज्ञान पाना

ஆன்ம அறிவு பெறுதல் 

 भेदभाव राग-द्वेष रहित जीना।

வேற்றுமை உணர்வு அன்பு வெறுப்பு இன்றி வாழ்தல் 


 ये गुण और मनुष्यता न तो

இந்த குணங்களும் மனித நேயமும் இல்லை என்றால் 

 मानव पाषाण युग का மனிதன் கற்கால மனிதன்

पशु तुल्य जीवन जान।

 கால்நடைகளுக்கு ஒப்பான வாழ்க்கை தெரிந்து கொள்ள.


 

 




 

 

Monday, June 30, 2025

हिंदी तमिल जानो

 


जय श्री राम।

வணக்கம்.वणक्कम् நமஸ்தே नमस्ते।

ஹிந்தி தமிழ் அறிவோம்.

हिंदी तमिल जानेंगे।

சே.அனந்தகிருஷ்ணன்.

 से.अनंतकृष्णन




இறைவனை நினைப்போம்

ईश्वर का स्मरण करेंगे। हिंदी 

इरेवनै निनैप्पोम्। तमिऴ् 


இறைவனையே சரணடைவோம்.

ईश्वर  की शरणागति  हम।

इरैवनैये शरणडैवोम!


  நமது தேவை அவனறிவான்.

 हमारी माँग जानता है लह‌

नमतु तेवै अवनऱिवान।


 நம்மை அவன் படைத்ததற்கு

 ஒரு நோக்கம் இருக்கும்.

हमारी सृष्टि का एक उद्देश्य होंगे।

नम्मै अवन् पडैत्ततऱकु ऒरु नोक्कम इरुक्कुम्।



 அதற்கான 

ஆற்றலைத் தருவான்.


उसकी ऊर्जा वह देगा।

अतऱकान आट्रलै अवन तरुवान।।


 எனக்களித்த ஆற்றல் ஹிந்தி.

 मुझे दिया है हिंदी की उर्जा।

ऍनक्कळित्त आट्रल् हिंदी।

 சிலருக்கு வணிக ஆற்றல்.

क्यों को  व्यापारिक ऊर्जा।

सिलरुक्कु वणिक आट्रल्।

 சிலருக்கு பரம்பரை அதிகாரம்.

कुछों को परंपरागत अधिकार।

सिलरुक्कु परंपरै अधिकारम्।


 சொத்துக்கள்.

संपत्तियाँ।

सोत्तुक्कळ्।

 சிலருக்கு ஆரோக்கிய உடல்.

कुछों को स्वस्थ शरीर।

सिलरुक्कु आरोग्य उडल्।

 அறிவியல் ஞானம்.

वैज्ञानिक ज्ञान।


கிணறு தோண்ட 


किणरु तोंड,

குளி வெட்ட ,

गड्ढा खोदने

कुळि वेट्ट


குப்பை அள்ள 

कूड़ा उठाने 

कुप्पै अळ्ळ

 அவைகளில்

उनमें 

अवैकळिल्

 ஈடுபடும் 

लगने

ईडुपडुम्

ஆர்வம் 

जिज्ञासा 

आर्वम्

சக்தி .

शक्ति।

शक्ति।

அறிவு  ज्ञान 


ஆண்டவன்  भगवान 

அளிப்பதே.की देन।

आंडवन अळिप्पते।

 அவனை வழிபடுவோம்.

उसकी प्रार्थना करेंगे।

 நமது எண்ணங்கள்

 நிறைவேறும்.


हमारे विचार पूर्ण होंगे।

नमतु ऍण्णंकळ् निऱैवेऱुम्।



 ஓம்கணேசாய நமஹ.

ओं गणेशाय नमः 

ஓம் கார்த்திகேயாய நமஹ.

ओं कार्तिकेय आय नमः 

ஓம் நமசிவாய. 

ஓம் नमः शिवाय 


 துர்காயை நமஹ.

दुर्गा मैं नमः।


ஓம் ஓம் ஓம் ஓம் ஓம் ஓம் 

ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ