---कवि :  विलाम्बिनागानार  
ग्रन्थ:नान मनिक्कडिकै 
तमिल साहिय
मूल  पद्य 
ईत्तुन्बान  एन्बान  इसैनडुवान ,मटरवन 
कैत्तुन्बान   कांगी  एनप्पडुवान  तेट्र 
नकैयाकुम नन्बार मून  केटिल  पकैयाकुम 
पाडू अरियातनै  इरवु।
दाता
जो दूसरों को देता 
 बनेगा प्रशंसा  का पात्र .
उचक्कड़  
जो छीनकर  खाता 
बनेगा निदा का पात्र .
शरणार्थी 
दुश्मनों के  चरण का 
बनेगा  हँसी  का पात्र।
भिक्षार्थी 
बनेगा  वैरी।
 
No comments:
Post a Comment