Friday, March 17, 2023

तमिल नीति गीत

 नीति गीत । तमिळ

ஈக்கு விடம் தலை யில்
मक्खी को विष सिर पर
எய்துமிருந் தேளுக்கு
बिच्छु को विष उसके डंक में
வாய்த்த விடம் கொடுக்கில் வாழுமே-நோக்கரிய
பைங்கணர வுக்குவிடம்
பல்லளவே साँप को विष दाँत में।
துர்ச்சனருக் दुर्जनों को विष सारे शरीर में ।
கங்கமுழு தும்விடமேயாம்.
हिरण्यकश्यप का अत्याचार , अहंकार में माना
खुद को ईश्वर.
ईश्वर का नाम लेना दंडणीय , हर कोई कांपता
ईश्वर का नाम जपने
पर सरकारी सजा.
ईश्वर की अद्भुत लीला,
राजा का बेटा निकला ईश्वर का अनन्य भक्त.
पिता की आज्ञा के विरुद्ध
केवल लेता भगवान का नाम.
निर्दयी पिता , अपने पुत्र की ही जान लेने तैयार !
विष पिलाया, हाथी को कुचलने भेजा.
ईश्वर का भक्त नरपति से डरता कैसा?
होलिका उसकी बहन ,
आग में जल न सकेगी.
बेरहमी ने प्रह्लाद को बिठाया होलिका की गोद में .
जली होलिका,
ईश्वर भक्त बच निकला.
लोग खुशी में होली मनाते हैं.
पता चल गया , सबहिं नचावत राम गोसाई. !!
एस. अनंतकृष्णन चेन्नै तमिलनाडु के हिंदी प्रेमी प्रचारक.

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