Monday, March 20, 2023

तमिल भक्त कवि तायुमानवर

 शोध  विषव---तमिल भक्त कवि तायुमावर 

शोध सार--तायुमानवर का परिचय-भक्ति का महत्व--तायुमानवर के भकति रस- भक्ति ही जीवन-जिसमें भक्ति नहीं,उनकी मित्रता नहीं चाहिए.
बीज शब्द ---जीवन में भक्ति---तिरुच्चिरापल्ली के नाम के कारण -तायुमावर नाम के कारण -कवि तायुमानवर  के गीत--संस्कृत शब्दों  के कारण  उत्तर-दक्षिण   आध्यात्मिक संबं ध -इह-परलोक सुख भेद.

     तायुमानवर का  मतलब है-  माता  भी बने.  यह शिवलीला की कहानी है। शिव भगवान के सहस्रनामों में एक है --भक्तवत्सल ।
 तिरुच्चिरापल्ली का एक व्यापारी था धनकुत्तन । वह शिवभक्त था । उसकी पत्नी को प्रसव का समय था । पत्नी ने उसकी माँ को 
बुलाया । कावेरी नदी में बाढ के आ जाने के कारण माँ नहीं आ सकी ।इतने में पत्नी को प्रसव दर्द आ गया ।  उसने  तिरिसरनाथ स्थानीय  भगवान शिव  से प्रार्थना की। भक्तवत्सल शिव खुद माँ बन कर आये ।  प्रसव किया। एक सप्ताह  बाढ के सूखने  तक 
माँ बनकर मदद की । माँ को तमिल में ताय्  कहते हैं । बनने को आनवर्  कहते हैं । तब से तिरिसरनाथ का नाम्  तायुमानवर  
के नाम से प्रसिद्ध हो  गया । 

  तिरुच्चिरापल्ली के नाम के कारण ---
  त्रिसर नामक तीन सरवाले राक्षस ने  यहाँ शिव भगवान के अनुग्रह प्राप्त करने  कठोर तपस्या की । अतः इस स्थल का नाम 
त्रिसरन पल्ली था । वही नाम  कालांतर  में   तिरुच्चिरापल्ली हो  गया ।

कवि तायुमानवर  --

No comments: