Wednesday, June 17, 2015

ईश्वरीय बल

आधी रात का  समय नींद  टूट गयी  ;
मन  उछलने लगा
अनजान भय। अन जान वेदनाएँ
कोई न कोई  आशंका
कहते हैं  सब ही नचावत। राम गोसाई
ईश्वर की याद करो  उसके चरण में शरण लो
शरणागत वत्सल करेगा रक्षा
जपो भजो ध्यान मग्न हो जाओ
सब चाहे  सुख चाहे दुख उन्हीं की कृपा
सुख पाओ;










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