Thursday, July 10, 2025

कृषक --विवसाई

 धरती पुत्र किसान 

हिंदी तमिऴ सेवा

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एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु 

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 मानव पशु , ==मनित मिरुगम,

पाषाण युग में  = कऱ्कालत्तिल

कच्चा माँस खाता। = पच्चै मामिसम् साप्पिडुवान।

आवारा रहा। =नाडोडियाक इरुंदान्।

एक जंगल  = ऒरु काट्टै

खाली करके  =काली चेय्तु

जंगल जंगल भटकता। =काडु काडाक वऴितॆरियामल् चुट्रुवान्।

मानव सभ्य बना तो = मनितन् नागरीको माक आधान ऍन्ऱाल

कारण धरती पुत्र किसान। -=कारण निल मकन्  विवसाई।


 किसान  मानव को ==विवसाई मनितनै

  चलते फिरते जानवर जीवन =नडमाडुम मिरुग वाऴ्क्कै 

मनुष्य को  -मनितनै

 सभ्य बनाया, =नागरीको माक्किनान।

 एक ही स्थान में  =ऒरे इडत्तिल

 खेती करके बसाया। =विवसायम चेय्तु कुडियमर्त्तिनान।।

संस्कार दिया। -=- चडंगुकळै कोडुत्तान।

 मनुष्य को क्षुधा  =मनितनिन्  पसियैप्

पूर्ति करके  == पूर्ति चेय्तु

 इधर उधर भटकने से बचाया।=

इंगुम अंगुम् अलैंदु तिरिवतिल इरुंदु  काप्पाट्रिनान् ।।

 परिणाम =विळैवाक

पेट भरने के बाद  =वयिरु निऱैंद पिन्

 सोचने विचारने लगा। =चिंतिक्क ऍण्णत्तोडंगिनान।

 आग का उपयोग, =नेरुप्पिन उपयोगम्

 चक्र का पता, =चक्करत्तिन कंडुपिडिप्पु

 अपने अपने समाज =तन तन समुदायत्तै

 समाज सुरक्षा -=समुदाय पादुकाप्पै

 मानव एकता। =मानित ऒट्रुमैयै

 विचारों की एकता  -=ऍण्णंगलिन ओट्रुमैयै

 भाईचारा भाव! -सहोदरत्तुवत्तै

 धरती पुत्र किसान न तो --भूमियिन मैंने विवसाई इल्लै ऍन्राल

 मानव असभ्य==मनितन अनागरीकमुल्लवन्

 जंगली जानवर ही है जान। =काट्टु मिरुकम् ऍन तेरिंदुकोळ्।

 सोना, चाँदी, ==तंगम्, वॆळ्ळि

उद्योग,पद,धन =उत्तियोगम्, पदवि,सेल्वम्

 भूखे के सामने== पसियुळ्ळवन मुन

 धूल समान।। =दूसिक्कु समम्।

 भूखा भजन न गोपाला।

पसियिल भजनै चेय्य मडियातु।।

  सिद्धार्थ को एक  =सिद्धार्थरुक्कु

 अनपढ़ अहरी ने सिखाया। = पडिक्कात  इडैच्चि कऱ्पित्ताळ्

 लाल बहादुर शास्त्री ने = लाल बहादुर शास्त्री 

 नारा दिया -- मुऴक्कमिट्टार

"जय जवान,जय किसान"।

जय जवान, जय किसान।

 दोनों न तो मानव जीवन में= इरुवरुम् इल्लै ऍन्ऱाल्

 न अमन चमन जान्। अमैतियिल्लै तूरि़दुकोळ्।

 जय किसान,=जय किसान 

 धरती पुत्र, =निकल मकन् 

वह न तो मानव जीवन =अवन् इल्लै ऍन्राल्  मानित वाऴ्क्कै 

 अस्ती बंजर जानो।=ऍलुंबीक्कूडु तॆरिंदुकोळ्।

 किसानों को  --विसाई 

जय बोलो। वाऴ्क ऍन्ऱु चोल्।

 इस बात को =इंद विषयत्तै

गाँठ बाँधकर---मुडित्तु

 रख लो। =वैत्ततुक्कोळ्।

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