Thursday, October 8, 2015

chitrapat geet. tamil se hindi.

सुमन  के  दुश्मन समीर हो तो  खिलने सूरज सहायक  हैं. 

शशी  को आसमान शत्रु हो तो उसको चलने का मार्ग कहाँ ?

पक्षी को पंख वैरी हो तो चलने सहायक  है उसके पैर  . 

रिश्ते के शत्रु दिल हो तो भूमि में जीव -राशि बढ़ने का मार्ग कहाँ ?

नाव के डाँड़ दुश्मन हो तो मस्तूल है सहायता के लिए ;
समुद्र को जल ही दुश्मन हो तो  वहाँ लहरों केलिए स्थान नहीं। 
आँखों  को दृष्टी दुश्मन हो तो 
शब्दों से समझने के लिए मार्ग है; 
स्त्री को पति दुश्मन हो तो 
उस स्त्री के जीवन में रोशनी कैसे ?

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