अनंत कृष्णन चेन्नै
प्रशासक, संचालक, समन्वयक,सदस्य पाठक सबको प्रणाम।
कलम बोलती है साहित्य समूह को
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयां।
दिनांक १४-११-२०२०
विधा विचार मेरा अपना
साहित्य का मतलब है,
समाज कल्याण। समाज सुधार।
समाज जागरण।
आज यही आग्रह,अनुरोध
यही संकल्प लेंगे हम ।
बुराई बदों का नाश,
अत: मनाते हैं दीपावली।
आज प्रतिज्ञा करेंगे हम।।
मजहबी नेता के पीछे
मनुष्य मनुष्य में भेद न करेंगे।
अपना धर्म पालन करेंगे,
सत्याचरण करेंगे हम।।
मधुशाला, वेश्यालय का
बहिष्कार करेंगे हम।
मातृभाषा माध्यम को प्रधानता देंगे हम।।
भक्ति में बाह्याडंबर दूर करेंगे।
चालीस पचास हजार की मूर्ति बनाकर
विसर्जन के नाम अपमानित न करेंगे।।
भ्रष्टाचार और घूसखोरी का साथ न देंगे हम।।
सबके कल्याण की सेवा करेंगे हम।।
राष्ट्रीय एकता का जागरण करेंगे हम।।
जय जवान जय किसान का नारा लगाएंगे।
चुनाव के दिन सौ प्रतिशत
मत दाता वोट दें गें ।
वोट नोट के लिए नहीं
देशोन्नति के ईमानदार प्रतिनिधियों के लिए।।
जागो,जागो भारतीय, भ्रष्टाचार भगा देना।
कृषी की प्राथमिकता ,
भावी पीढ़ी की संरक्षा।
वृक्षारोपण कार्यक्रम की आयोजना,
जागो जागो भारतीय।।
कृषी प्रधान देश को
उद्योगीकरण के नाम से
मरुभूमि न बनाओ।।
सोचो,समझो,जागो,आगे बढ़ो।
दूरदर्शिता है प्रधान।।
स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।।
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