Sunday, October 17, 2021

பட்டினத்தார்

 


பட்டினத்தார் 




2.चाह नहीं सम्राट बनने,

  चाह नहीं 3.श्वेत छत्र ऊ अधीन 

सुशासन करूँ,जनता की सेवा करूँ।

तिल्लै में विराजमान ,

शिव की सेवा में ही मन लगता।

मेरी चाह है शिव दास की सेवा करते करते

घर -घर भिक्षा माँगकर जीना 

अति महत्वपूर्ण  मानता  हूँ  ।


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