Sunday, October 5, 2014

EESHVAR KO JAANNE KE PAHLE.

கடவுலின் பெயரால் 
சண்டை போடும் மனிதர்களே!
கடவுளை ஏற்பதற்கு முன்னால் ,
மனிதநேயத்தை ஏற்றுக்கொள்ளுங்கள் .

சிறிதளவு சக்தி பெற்றதுமே !
பணம்  சேர்ப்பதில் ஈடுபட்டு ,
மனித நேயத்தை மறந்துவிடுகிறீர்கள்.









ईश्वर के नाम लड़नेवाले इनसानों, ईश्वर को मानने के पहले ,
इंसानियत को मानो.
ज़रा सी शक्ति मिलते ही लग जाते हो रुपये जोड़ने,
भूल जाते हो इंसानियत.
मन रहने से मनुष्यता की बात,
मन में स्वार्थ और लोभ हो जाएं तो मनुष्यता गायब;
अमानुष्य शक्ति गायब;
धन और सुविधा माया ममता के धाम बनकर लग जाता है मनमाना;
मनमाना करने पर बढते हैं शत्रु;
सदुपदेशियों पर पत्थर फेंकते हैं,
सात्विक मनुष्य को शूली पर चढ़ाते हैं,
राक्षसी कर्म कर सात्ता पर बैठते हैं तो
बदनाम ,बद-दुआ की करते नहीं परवाह;
बेइज्जती अपनी पर ध्यान न देते ,
वे नहीं सोचते एक दिन हम मिट्टी में हैं मिल जाते;
अस्थायी जीवन में सत-कर्म करना नहीं सोचते
ऐसे करनेवाले इंसानियत भूलकर दुष्कर्म में बेचैनी से मरजाते है,
गरीब कबीर के दोहे अमर,तुलसी के काव्य अमर ,
उनकी जीवनी पीढियों तक सुमार्ग दिखाती पर हम भूलजाते हैं,
भौतिक इच्छाओं के चक्कर में ,
समाज में बुराई को फैलाते हैं,
अनुशासित नैतिक बातें सिखाना भूल जाते हैं,
धार्मिक निरपेक्षता के नाम ,
आध्यात्मिक बातें सीखना सिखाना भूल गये ,
नैतिक बातें भूल गये,
भारतीयता के महत्व को विदेशियों की व्याख्या पर जानकर होते केवल खुश;
पर विदेशी हमारे योगाभ्यास के सैद्धांतिक पक्ष को क्रिया में बदल देते हैं,
वे हमसे अधिक देश भक्ति ,ईश्वर भक्ति दिखाते हैं,
भारत में तो हम भूलते जा रहे हैं लोकगीत ,लोककला, ;
क्या होगा भारत का भविष्य नैतिकता के अभाव में.
अभी समय है फिर योग की शिक्षा ,नैतिक शिक्षा का प्रचार.
में क्रियाशील बनना.-बनाना-बनवाना; ईश्वर को जानने के पहले इंसानियत जानो; भारतीय राजनीति भारतीयों में लड़ना -झगडना सिखाती हैं, भाषा के नाम,धर्म के नाम, जाति-सम्प्रदाय के नाम मनुष्य -मनुष्य को विच्छेद कर अपनी स्वार्थ-सफलता पर तल्लीन है,जानो ,पहचानो ,समझो-समझाओ ; ईश्वर को जानने के पहले ,इंसानियत को समझो;

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