Tuesday, March 16, 2021

जीवन के रंग

 नमस्ते वणक्कम। साहित्य संगम संस्थान उड़िया इकाई।

16-3-2021

जीवन के रंग।

विधा --अपनी शैली अपनी भावाभिव्यक्ति अपनी शैली।

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दुनिया दुरंगी है तो 

 जीवन के रंग भी अनेक।।

 भगवान के अवतार अनेक।

दसावतार में विष्णु के रंग।

कुरुक्षेत्र के रंग अनेक।।

इंद्र का विप्रावतार।।

 कृष्ण का विराट।

 भीष्म की प्रतिज्ञा।

  आधुनिक 

खान-गाँधी का 

अवतार।।

 दल-बदल के नेता।।

 गुण तो अनेक।।

 जिंदाबाद एक दिन,

मुर्दाबाद एक दिन।

नेता तो वही,

जीवन के रंग अनेक।

 भगवान के रंग भी अनेक।

इंद्र को शाप नहीं,

अहिल्या को शाप।।

ईश्वरत्व में ही रंग अनेक तो

 सामान्य मनुष्य

 किस खेत की मूली ।।

स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नई हिंदी प्रेमी प्रचारक 

 

  










 

 



 





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