Wednesday, March 10, 2021

शिव भक्ति।

 नमस्ते वणक्कम।

नव साहित्य परिवार।

शिव महिमा।।

११-३-२०२१

 शिव भगवान भक्त वत्सल ।।

भक्ति तो मन की प्रीति।।

भले ही शिव के प्रति भक्तिभाव हो,

मन कामान्ध हो तो

रावण की गति जान।

आसाराम, प्रेमानंद,कई

आश्रम वासी अपमानित।।

पवित्र भक्ति,

अनासक्त जीवन रहित

बाह्याडंबर भक्ति  से 

कोई न प्रयोजन जान।

 एकाग्रता, अचंचल मन,

अनासक्त जीवन रहित भक्ति।। तभी सदा के लिए 

स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक

No comments: