Tuesday, April 13, 2021

उडान

 नमस्ते वणक्कम।

उड़ान।

    उड़ान  

 हम कल्पना में उड़ते हैं,

 मनोवेग का उड़ान

 वायु वेग से तेज़।

 चित्र पट देखते-देखते

 नायिका नायक दोनों की कल्पना उड़ान।।

 मंदिर के जाते ही,

ईश्वर की शक्ति का उड़ान।।

 जिंदगी में काल्पनिक उड़ान,

आशा , अभिलाषा की पूर्ति।।

काल्पनिक उड़ान में 

प्रधानमंत्री,विश्वकवि वैज्ञानिक।

ये उड़ान आशा का‌न तो

जिंदगी  बन जाती रेगिस्तान।।

स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

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