Monday, April 12, 2021

आँखें

 नमस्ते वणक्कम।

हिंद देश 

१२-४-२०२१.

विषय  आँखें।

विधा  --अपनी भाषा अपनी शैली अपनी भावाभिव्यक्ति।

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 आँखें न तो न आनंद 

प्रकृति छटा का।

 बहरे, गूंगे तो संभल सकते।

 नेत्रहीन लोगों का जीवन

 अति मुश्किल अति परेशान।।

 आँखें चार होने में प्यार।

आँखें लाल होने में क्रोध।।

 आँखों से ही पता चलता,

सच्चे झूठे चेहरे।।

 आँखें बोलती है,

 आँखें घुमाने में प्रेम,

 नफ़रत,

बदला लेने की भावना।

अभिनेत्री अभिनेता की आँखें,

केरल के प्रसिद्ध कथकली पात्र की आँखें अति विचित्र।

 नव रसों को दर्शाता।।

स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

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