Friday, July 2, 2021

शादी

 शादी बंधन है जीवन में,

 चाहते हैं,

 शादी के बाद रोते हैं,

शादी के पहले  चाहते हैं,

सुना,शादी के बाद पति

पत्नी की कठपुतली,

 पर सिद्धार्थ ने बंधन में।

 मेरे कई नाते, रिश्ते,

 परिणय के बाद तो 

पियक्कड़ बने,

न बंधन तोड़ा,

लड़खड़ाते कदमों में

 घर में घुसने, गालियाँ सुनीं,

पत्नी भी मार पीट गालियाँ,रातें सही,

 मंगल सूत्र गिरवी रख 

 नशे पति ने जाने

 यह वैवाहिक बंधन तोड

 अलग अलग न जा सके।

 यह शादी बंधन विचित्र भारत में।

पाश्चात्य देशों में टूटने में न होती देरी।।

खुर्राटे के आवाज़ भी असहनीय,

कर देती तलाक।

यह संक्रामक रोग 

भारत में फ़ैल रहा है,

 वकील बेकार नहीं,

तलाक के मुकद्दमे हैं।

स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन। चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।


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