Monday, July 5, 2021

भय

 नमस्ते वणक्कम।

साहित्य बोध जम्मू और कश्मीर इकाई।

5-7-2021

विधा --मौलिक रचना है तो मौलिक विधा।

 विषय  : भय

++++++++++++

असहनीय कष्ट,पीड़ा, खतरा आना ही भय।।

प्राकृतिक भय बाढ़,भूख कंप, संक्रामक रोग।

 रिश्वत के पैसे पाप का भय,

 भ्रष्टाचार को अपनी संपत्ति है सजा का भय।।

चुनाव में हार जीत का भय।

 छात्र छात्राओं को परीक्षा,

 परीक्षा परिणाम, कम  अंक का भय।

पटाखे छोड़ते समय हाथ पैर जलने का भय।।

 भय के कारण शारीरिक, मानसिक दुर्बलता।

मृत्यू का भय, रोग का भय,

 व्यापारी को लाभ नष्ट का भय।।

 आदमखोर और विषैले जंतुओं का भय।।

 मच्छर मक्खियों का भय।

 कुदरत का भय खुदा की देन।।

 कृत्रिम भय मानव का कर्मफल।।

 स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन,चेन्नै।

No comments: