Saturday, November 1, 2014

भगवान की कृपा.

सत्य  का पालन करो ,साक्षात्कार करसकते हो ईश्वर से,
प्रेम सागर में  डुबकियाँ लगावो;
ईश्वर प्रेम में लगो. ईश्वर का प्रेम मिलेगा.
श्रद्धा रखो; दींन-दुखियों की सेवा में लगो.
दीन  नाथ  हैं ईश्वर;ईश्वरत्व मिलेगा.
कर्तव्य करो;कृपा मूर्ती कृपा  करेंगे.
पापकर्म का दंड मिलेगा; अन्याय का फल होगा सदा सुख.
 ये सब सुना;  तालियाँ बजाई;
दान-दक्षिणा की माँग आयी.
देना है अधिक दक्षिणा ,आशीषें अधिक मिलेगी,
ईश्वर के नाम मुद्रित ,रूप मुद्रित 
अर्चित  स्वर्ण मुद्रा  रखो जेब में 
तेरी हर एक  मनो कामना  होगी पूरी.
केवल दस हज़ार.
विशेष दीक्षा विशेष यंत्र   सिर्फ  एक लाख.
ईश्वर को स्वर्ण कवच पहनाओ 
चुनाव जीतोगे तो मंत्रिपद.
बड़ा  यज्ञ करो,पाप से मुक्त .
यज्ञ  चार वेद परायण,यज्ञ कुण्ड,यज्ञ सामग्रियाँ
चार्ल  लाख.
नौकरी मिलने ,प्रेमी -प्रेमी का मिलने 
हर इच्छा पूर्ती  हर इच्छा पूर्ती होने ५०० रूपये की अंगूठी.
अंत में फल उन्हींको मिलेगा जो ईश्वर केअनुग्रह  करने 
पूँजी लगाते हैं अभिलाषा पूरी  होने के पहले,.
किसीने न कहा---पवित्र मन की याद ध्यान में मिलेगा  ईश्वरीय कृपा.
गंगा किनारे बैठ रैदास ने कहा.
जुलाहा कबीर ने कहा,
सूर ने कहा. तुलसी नेकहा.i
वे  न रहे महल में. 
अब करोड़ों के अधिपति आश्रमवासी .
कहते हैं  दक्षिणा दो;होगा ईश्वर का साक्षात्कार;

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