Friday, December 11, 2020

स्वतंत्र

 नमस्ते। वणक्कम।

दिनांक 11=12=2020

विषय =स्वतंत्र।।

  स्वतंत्र  मेरे पोते से पूछा,

  जब उसका चेहरा उदास था।।

बेटे के घर में, बेटी घर में,

चार साल के पोते अति दुखी।

 आडोस पड़ोस के बच्चों से

हंसते -खेलते नहीं,

सबेरे जल्दी उठते,

 दांत मंजन से वर्दी पहनने तक गालियां।

पति पत्नी दोनों को दफ्तर  जाना है।।

 शाम को वापस आने में देरी।

अतः  स्कूल में ही और 

दो घंटे ट्यूषण।।

थका - मांदा  बेटे बहु घर   आते।

मैंने सोचा-समझा,

शनिवार , इतवार

  खुशी से बिताएंगे।

बच्चे को वहीं जल्दी बाजी,

सफेद कपड़े पहने 

 क्रिकेट का बल्ला हाथ में।।

 मैंने सोचा शाम को आराम।।

 दोपहर आते आते ही  गालियां।।

रन नहीं लिया,केच छोड़ा।।

फिर   सोचा,

पोते के साथ समय बिताऊंगा।

बहु ने होम ओर्क लिखने को जोर दिया।

शाम को चार बजे पोते को बुलाया।।

बेटे ने कहा  कि

 की बोर्ड  क्लास जाना है।।

 इतवार चित्र खींचना

और अन्य वर्ग।

हरफनमौला बनाने 

 छोटे बच्चे को ही आजाद नहीं,

 हम जैसे स्वतंत्र  विषय चुनेंगे।।

स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।

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