Wednesday, December 30, 2020

पॉयल

 नमस्ते। वणक्कम। 


पायल की झंकार रस्ते रस्ते। 

झनक झनक पायल बाजे। 

55 साल  पहले चित्र  पट देखा। 

अब जरा भी  याद    नहीं। 

पायल और घुंगरू में फरक। 

गोलुसु और   चलंगैईतमिल। 

पायल सभी पहनतीहैं। 

अगजग में पायल।

पायल दिमाग के  नाशों को नियंत्रित करती। 

चांदी केपायल शरीर को ठंडा रखता है। 

पायल की ध्वनि अति मधुर ,

सब के सब मुड़कर देखें।

अपने घर बच्चियाँ कलरव करते तो 

आनंदप्रद ,आकर्षित ,आगमन की सूचना। 

सोनेवाले को  जागने ,जगाने पायल। 

घुंगरू नाचने वाली केसंगीत बराबर। 

स्वरचित स्वचिंतक एस। अनंतकृष्णन।

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