Tuesday, December 22, 2020

नाता रिश्ता हम सफर

 नमस्ते। वणक्कम।

 मुस्कुराहट में अति आनंद।

पति-पत्नी के बीच,

 सखा-सखी का नाता।।

माता-पिता का नाता,

 संतानों  के बाद 

संतानों की शादी।।

फिर दादा-दादी,

नाना -नानी का रिश्ता।।

 रिश्तों की वृद्धि 

मामा मामी,बुआ,

बहन बहनोई रिश्ता 

 यही हमारे हम सफर।।

स्वरचित स्वचिंतक

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई।।

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