Monday, March 2, 2015

நல்வழி --ஔவையார்----सुमार्ग --अव्वैयार

நல்வழி --ஔவையார்----सुमार्ग --अव्वैयार


39 .

मुप्पताम आण्डु  अलविल   मून्रट्रू   ओरु  पोरुलै  ,

तप्पामल  तन्नुल  पेरान आयीं --सेप्पुम

कलै  अलवे   आकुमाम  कारिकैयार  तंगल

मुलै  अलवे  आकुमाम मूप्पू .


 कवयित्री  अव्वैयार  कहती  है ---एक पुरुष  को तीस साल की उम्र  के  बाद  तीन प्रकार  की इच्छाएं  काम

,क्रोध ,लोभ  आदि गुणों को  छोड़कर ईश्वर के ध्यान में मन लगाना  चाहिए.  ऐसा न करें तो वह सुखी नहीं

 होगा.  स्त्रियों  की बुढापा स्तन  भार केअनुसार  आँका  जाएगा.

जो तीस साल के बाद भी इन तीनों बुरी इच्छाओं  को नहीं छोड़ेगा ,वह तोते के समान

सीखी हुई एक ही बात को दुह्राता  रहेगा . कभी सुखी नहीं होगा.


मुप्पताम आण्डु  अलविल --तीस साल की उम्र मात्र में

  मून्रट्रू   ओरु  पोरुलै  ,   तीनों बुरे गुण छोड़कर  एक परमेश्वर को

तप्पामल  तन्नुल  पेरान आयीं -  --छोड़े बिना अपनेमें  न  पायेगा तो

-सेप्पुम --एक ही बात को कहनेवाले

कलै  अलवे   आकुमाम --तोते के समान ही होगा

-- कारिकैयार  तंगल  स्त्रियाँ

मुलै  अलवे -स्तन के परिमाण के अनुसार ही होगा

 आकुमाम मूप्पू .  --बुढापा.








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