Sunday, March 1, 2015

नलवली --सुमार्ग अव्वैयार



avvaiyaar --अव्वैयार ---नलवली--३१ --४० --सुमार्ग 

इलुक्कुडैय  पाट टिर्कु    इसै  नन्रु ; सालुम 

ओलुक्कम उयर  कुलत्तिन    नन्रु --वलुक्कुडैय

वीरत्तिन    नन्रु  विडा  नोय ; पलिक्कंचात 

तारत्तिन  नन्रु  तनी.



    हिंदी  भावार्थ ---

                           दोष भरे गीत से संगीत असुर होने  पर भी अच्छा है;

                            उच्च कुल  में अनुशासन  हीन  और   चरित्र  हीन  होने  पर  वह कुल कलंकित  है.
                               
                          अनुशासन और उच्च चरित्रवान निम्न कुल में जन्म लेने पर भी श्रेष्ठ है.
                       
                            वीर बुरा है तो उस वीरता से असाध्य रोग अच्छा है.

                             कुल्टा  पत्नी  के साथ जीने से   एकांत जीवन अच्छा  है.

  इलुक्कुडैय  --दोष भरे 

paattirku---गीत  से 

इसै  नन्रु ----संगीत अच्छा ;

उयर कुलत्तिन   ---ऊँचे कुल  से 
सालुम ओलुक्कम  नन्रु ---अच्छे अनुशासन ही अच्छा है.

वलुक्कुडैय ---गलतियों से भरे 

वीरत्तिन    वीरता से 

विडा  नोय ---असाध्य रोग 

नन्रु --अच्छा  है;

पलिक्कू अंचा---निंदा -अपयश  की 

तारत्तिन --पत्नी के   साथ  जीने से 

तनी नन्रु --अकेले रहना अच्छा  है.

32.आरिडुम  मेडुम मडुवुम  पोलाम  सेलवम

     मारिडुम  एरिडुम  मानिलत्तीर --सोरिडुम

तन्नीरुम  वारुम; धरुममुमे सार्पाक

उन्नीरमै  वीरुम उयर्न्तु.

 जग वासियों!संपत्ति जो है ,नदी के द्वीप  समान है ;बढेगा;घटेगा;
अस्थायी है,आप दूसरों की  भूख  मिटाने भोजन दीजिये ;
प्यास बुझाने पानी पिलाइए ;
इन सद्कर्मों के फलस्वरूप  मन अनुशासित रहेगा;
सुफल मिलेगा .

मानिलत्तीर ---बडे  संसार के  निवासियों

सेलवम --दौलत

आरिडुम --नदी में उत्पन्न द्वीप केसमान है.
बढेगा;घटेगा;
सोरु इडुम --भात खिलाइए /भोजन दान कीजिये
तन्नीरुम वारुम ---पानी दीजिये ;
धर्ममे सारपाक --इस  प्रकार  के दान -धर्म करनेसे
उन  नीर्मै  उयर्न्तु वीरुम ---जी में अनुशासन बढेगा .

                                   33.

                                            वेट्टनवै  मेत्तनवै  वेल्लावाम ;वेलत्तिल

                                            पट्टू   उरुवुम कोल  पंचिल पायातु ---नेट टिरूप्पुप्

                                            पारैक्कू   नेक्कुविडाप  पारै   पसुमरत्तिन

                                             वेरुक्कू नेक्कुविडुम  .


कवयित्री  अव्वैयार कहती हैं  कि   मधुर बोली  बोलने से हर  काम में होगी कामयाब;

कठोर  वचन हमेशा हारेंगे . उदहारण के रूप में  तीर हाथी के शरीर पर घुसेगा; घायल करेगा;
वही तीर रूई के ढेर पर अपना असर नहीं डाल सकता .
लोहदंड  से मारने पर चट्टान   में आसानी  से  छेद नहीं  बना सकते ;
लेकिन हरे पेड़ की  जड़ें  आसन से चट्टान में प्रवेश करेंगी .


    वेट्टनवै --कठोर शब्द

 मेत्तनवै--  मधुर /कोमल शब्द

 वेल्लावाम ----नहीं जीत सकते

वेलत्तिल---हाथी  पर /में

पट्टू उरुवुम  कोल --तीर

पंचिल पायातु --रूई पर  नहीं घुसेगा .

-नेट टिरूप्पुप्---लम्बे लोहदंड

  पारैक्कू --चट्टान को
  नेक्कुविडाप  पारै  ---न तूत्नेवाली चट्टान

 पसुमरत्तिन---हरे पेड़ के

    वेरुक्कू  --जड़ को

नेक्कुविडुम  .-मार्ग छोडेगा.

  34--

कल्लाने  आनालुम  कैप्पोरुल  ओन्रु उन्डायिन

एल्लोरुम सेनरू   अंगु एतिर्कोल्वर   इल्लानै

इल्लालुम वेंडाल  ;मटरु एन्रू   ईन्रु एडुत्त  ताय  वेंडाल

सेल्लातु  अवन वायिर  सोल.

    कवयित्री का कहना है  कि  अशिक्षित होने पर भी ,दौलत  होने पर सब उसका स्वागत करेंगे;

  जो निर्धन है ,उसको पत्नी भी  न चाहेगी; माता भी पसंद  नहीं करेगी;

निर्धनियों की बोली का कोई महत्त्व  न होगा. कोई  न सुनेगा.


कल्लाने    आनालुम --अशिक्षित  होने पर भी

 कैप्पोरुल --हाथ में अर्थ /धन

 ओन्रु उन्डायिन --मात्र  होने पर

एल्लोरुम--सब लोग

 सेनरू -जाकर

एतिर्कोल्वर  --स्वागत करेंगे

 इल्लानै--जिसके पास कुछ नहीं है

इल्लालुम-ेपत्नीभी

वेंडाल --नहीं चाहेगी


 ;मटरु एन्रू   ईन्रु एडुत्त --जिसने  जन्म दिया

 ताय --माता  भी

 वेंडाल --न  चाहेगी

सेल्लातु --महत्त्व न रहेगा.

 अवन वायिर  सोल.--उसके मुख से निकलने वाला शब्द









    

                                           






No comments: