Wednesday, February 17, 2021

कसक।

 नमस्ते वणक्कम।

कलमकार कुंभ।

विषय कसक।

विधा --अपनी शैली अपनी भावाभिव्यक्ति 

कसक  

 मानव के जीवन में,

 कसक न तो कैसे?

 इतिहासों में पुराणों में,

राम का कसक,

सीता का कसक,

द्रोपदी , पांडव कसक।

नल दमयंती का कसक।

 शकुंतला का कसक,

विदेशी शासन का कसक।

विदेशी फेशन का कसक।

अंग्रेज़ी भाषा का कसक।

कसक रहित जीवन कैसे।

चित्र पट देखते-देखते  रोने वालों का कसक।

रोग दुर्घटना का कसक।

 बचपन में एक प्रकार का,

जवानी में,नौकरी क्षेत्र में

व्यापार में बुढ़ापे में

 कसक रहित कोई नहीं जान।

स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक अनुवादक।

नमस्ते वणक्कम।

साहित्य संगम संस्थान तेलंगाना इकाई।

विषय  पर्यावरण कितना जरूरी।

विधा अपनी शैली अपनी भावाभिव्यक्ति।

१७-२-२०२१

  पर्यावरण पर्याप्त शुद्धता के बगैर स्वास्थ्य की रक्षा असंभव।

धनी हूँ , बलवान हूँ,ज्ञानी हूँ,

जो भी हूँ,  घर को बदबू रखकर  पानी ठहराकर

मक्खी मच्छर पाल नहीं सकता।

पर्यावरण की शुद्धता की खतरनाक सावधान की 

सृष्टियाँ  ईश्वर की।

पेड़ पौधों की देखरेख न करेंगे

तो कीड़े पड़ जाते हैं।

रोज झाड़ू न लगाने पर धूलधूसरित हो जाता है।

दो दिन कमरे को बंद रखने पर

 मकड़ी के जाल बन जाते हैं।

हर बात में सफाई की जरूरत है। आजादी के सत्तर साल के बाद भी हम देखते हैं कि 

 घर के कूड़े कचरे को 

गली के कूड़ेदान के बाहर 

फेंकते हैं। पढ़ें लिखे लोग भी सड़कों पर थूकते हैं।

 प्रधानमंत्री  स्वच्छ भारत का आह्वान करते हैं।

विपक्षी दल  तमिलनाडु की सड़कों पर के कूडों का चित्र खींचकर  संपर्क साधनों में सवाल उठाते हैं कि मोदी के शासन में गली पर कूड़े-कचरे।

हरे भाई!

 तुम्हारी जिम्मेदारी है कि नहीं।  

 सड़क को खुली जगहों को

टट्टी मत बनाओ के प्रचार-प्रसार दल की क्या जरूरत।

पहले  विचार प्रदूषण को रोकना है।

अब युवकों में एक नया संक्रामक रोग फैल रहा है।

आम जगह पर आलिंगन चुम्बन।  मनुष्य तो पशु नहीं।

 संयम से रहना है। संयम सीखना है। बलात्कार की खबरें रोज देखते हैं।

कारण आजकल के चित्र पट।

तुरंत कहेंगे मंदिरों की शिल्पकला। गोपुरम दर्शन कोटि पुण्य। दर्शन के बाद संयम की सीख, पूजा अर्चना पाप पुण्य कितनी बातें।

भगवान की सृष्टि में 

प्रकृति उत्तेजना वंशवृद्धि के लिए देश हैं। पर मनुष्यों को काबू में रहने रखने जितेन्द्रियता ब्रह्मचर्य का महत्व । आजकल कृत्रिम गर्भाधान केंद्र की संख्या बढ़ रही हैं। आयुर्वेद में  शुक्ल बंधन की सीख। हर बात भारतीय शास्त्रों में विस्तार से।

पर अंग्रेजी ठंड प्रदेश के व्यवहारों का पालन करते हैं।

तमिलनाडु के एक सिद्ध पुरुष

 शुक्लपतन से मानव दुखी बनेगा। पर अंग्रेज़ी  वैद्य इसका उल्टा प्रचार।

परिणाम अवैध संबंध, तलाक,आत्म हत्या।

अतः पहले विचार प्रदूषण पर ध्यान देना पड़ेगा।

 स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै।

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