Wednesday, January 13, 2021

भारतीय संस्कृति

 भारतीय संस्कृति  अतिथि देवो भव।

आजादी के बाद विदेशी पूँजी देवों भव।।

खेत खलिहान नदी नाले खत्म कर।

नगर विकास नाम मरुभूमि किया करो।

स्वरचित स्वचिंतक से.अनंतकृष्णन चेन्नै

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