अब तुम को सोच
बदलनी होगी।।
नगरीकरण,नगर विस्तार,
औद्योगिकीकरण,
भारत को मरुभूमि बनाना,
हरी-भरी खेती नष्ट करना,
नदी झील सूखना
पेय जल बेचने का पाप
भयंकर भूलोक नरक का सोच
बदलना होगा।।
कृषी प्रधान देश बनाना होगा।।
अब फिर सोच बदलना होगा।।
स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन,चेन्नै।
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