Wednesday, January 20, 2021

तम

 तिमिर/तम/अंधकार/ 

डरो मत । 

अंधेरे गुफा में मिलता 

तपोबल। 

तीर्थंकरों को मिला।

रमण को मिला।

पैगंबर मुहम्मद को मिला।

अंध कूप में तुलसी की तपस्या।

साहसी को मिलता जुगुनू से प्रकाश।।

 तम  प्रत्यय देखिए अति आश्चर्य।।

प्रियतम  शादी के बाद पता चलेगा,

प्रिय है या तम।

श्रेष्ठ तम ,उच्चतम, प्रिय तमा।

श्रेष्ठ तम से न डरने से।

अज्ञानांधकार भी है।

ज्ञान प्रकाश में बदलना।

करत करत अभ्यास करत

अज्ञानांधकार बन जाता ज्ञान प्रकाश 

 तिमिरु तमिल अर्थभेद।

तिमिरु घमंडी,उन्मत्त, गर्विष्ठ

तिमिर में पड़ जाते गर्विष्ठ।


दिलीप धींग के

 तिमिर से डरो मत।

असर पड़ा मुझ पर।।

 वे हैं श्रेष्ठतम संत ज्ञानी।

मैं हूँ अज्ञानी।

उनकी सीख से 

तम मिटता मन का।

स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृषणन।

 दिलीप जी द्वारा प्रेरित।

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