Thursday, June 3, 2021

पर्यावरण और भविष्य।

 नमस्ते वणक्कम।

सभी साहित्य संगम संस्थान की इकाइयों को समर्पण







नव साहित्य परिवार।

 पर्यावरण और हमारा भविष्य।

मौलिक रचना मौलिक विधा

  हम बुद्धिजीवी मनुष्य,

  सद्यःफल के लिए

  कारखानीकरण,

 नगरीकरण,नगरविस्तार,

 इमारतें, सुखी जीवन।

हम भूल गये भारत  हरा भरा 

खेती प्रधान देश है।

 पाश्चात्य देशों में 

भारतीय 

जलवायु नहीं है।

 यहाँ की  संजीवनी बूटियाँ,

 और कहीं नहीं।

 भारतीय त्याग और परिश्रमी।

विदेशी आक्रमण 

 लूट,विदेशी शासन।

 हमारे आडंबर रहित 

 अर्द्ध नग्न कृषी जीवन,

 संयम, विनम्र स्वभाव,

 कौपीन धारी जीवन

  संस्कृत वेद मंत्र।

 व्रत,अनशन स्वस्थ जीवन

 स्वस्थ विचार हमारे देश की भाषाओं के नीतिग्रंथ सबको

 मिटा दिया अंग्रेजों ने।

  इन सब के कारण 

 रेंजों की चोरी,

नदी तालाब झील का नदारद।

 भारत को रेगिस्तान में 

बदल दिया।

 सब से आतंकित प्रदूषण

 बहिरंग चुंबन, आलिंगन,

 पाश्चात्य सर्दी में सही,

 भारत में सही नहीं।

 शुक्ल बंधन भारतीय ऋषि मुनियों की सीख।।

  अंग्रेज़ी सीख उल्टा।

 पतिव्रता धर्म का गुणगान।

 आजकल पति बदलना,

पत्नी बदलना,

 तलाक बढ़ रहा है।

 ब्रह्मचर्य व्रत नहीं।

 चित्र पट का प्रभाव,

 एक कुतिया के पीछे

 छे सात कुत्ते ।

शिक्षित कालेज में

 प्यार न तो छात्र-छात्रा नहीं,

  का नया प्रदूषण।।

 प्यार की शादी करें तो

सरकारी प्रोत्साहन।

 तमिलनाडु में अंतर्जातीय शादी के लिए ६००००/-रू. 

 विचार प्रदूषण।।

 गणेश ,काली आदि जुलूस

 देव देवी का बहिरंग अपमान।

 पैरों तले कुचलना।

भक्ति के नाम ठगना।

 मंदिरों में मंदिर केअंदर

 दूकानें नकली चीजों का

 बहिरंग व्यापार धोखा।

पर्यावरण वायु,जल,भेमि आदि तीनों के प्रदूषण से

 अति खतरनाक

 विचारों का प्रदूषण,

 अंग्रेज़ी की प्राथमिकता।

 भारतीय संस्कृति और

भाषा और साहित्य का अवहेलना।।

 स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

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