Wednesday, June 2, 2021

कलम की ताकत।

 नमस्ते वणक्कम।

समतावादी कलमकार 

साहित्य मंच, भारत।

१-६-२०२१.

 विषय

कलम की ताकत।

विधा 


 मौलिक रचना 

मौलिक विधा।

   मानव श्रवण और रटन द्वारा  

 सीखता था।

 गुरु सुनाता था।

 फिर ताड़ के पत्तों में।

 लाखों की ज्ञान संपत्ति

  नदारद।

 कलम के आविष्कार

कागज़ के आविष्कार

छापेख़ाने का आविष्कार

सभी नदारद ग्रंथों को 

 स्थाई बनाया।

 अब संगणक ,

 मोबाइल हाथ में।

 कलम की ताकत

 वास्तव में बड़ी है।

पर आज ग्रंथों की बिक्री 

कम हो गयी।

 श्रवण  कम हो रहा है।

  श्रवण संपत्ति सबसे बड़ी।

 सत्संग ज्ञान प्रदान।

 सत्संग न तो कबीर नहीं।

आजकल किताब पढ़ने की आदत कम हो गई।

 सब मोबाइल, किंडिल।

मंदिरों में प्रवचन कम।।

  मोबाइल गेम,

 फेसबुक   ज्यादा।

 स्मरण शक्ति कम।

 फिर भी कलम की ताकत से

 मनुष्य के विचार बदलते हैं।

 कलम की ताकत न तो

 गुलाम भारत की स्वतंत्रता

 जागरण नहीं।

  ज्ञान का विस्फोट नहीं।

 सभ्यता नहीं।

 संस्कृति नहीं।

 देव भक्ति नहीं।

 एकता नहीं।

मानवता नहीं,

धर्म प्रचार नहीं।

 पर  मजहबी कट्टरता

 मानव एकता को

 मानवता को

नष्ट कर रही है।

 वसुधैव कुटुंबकम्।

सर्वे जना सूखिनो भवन्तु।

जय जगत 

अतिथि देवो भव।

 समरस सद्मार्ग

यही कलम की ताकत।

 भारत का मार्गदर्शन।

  जिओ और जीने दो।

अहिंसा परमो धर्म

 ये कलम की ताकतें

 स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक

No comments: