Wednesday, June 30, 2021

प्रतिभा

 नमस्ते वणक्कम।

साहित्य बोध असम इकाई।

साप्ताहिक आयोजन।

29-6-2021 से  6-7-2021

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प्रतिभा दिव्य शक्ति, 

दैविक देन।।

 वह मानव में कैसे आती,

 पता नहीं।

प्रतिभा  परंपरागत  थी,

राजा का पुत्र राजा, 

 राजमहल  रानियों से भरा,

 राजा  के  वंशाणु बदल ,

 अंतरवंशाणु   परिणाम  राजा के पुत्रों में

 वीर,कायर, बुद्धि मान व बुद्धू ।

प्रतिभा ईश्वरीय देन।।

 पर माया,आकर्षण इसे छिपाने,

ऋषि मूल नदी मूल न देखना।

कर्ण का जन्म सूर्य से शक्ति 

संपन्न तेजस रूप। पिता के कारण।।

विदुर चतुर तिरस्कृत, माँ के कारण।।

अंतरराष्ट्रीय शादी अस्थिर देश भक्ति।।

 देशद्रोह, आज कल भी,

मंत्री, अभिनेता , अभिनेत्री,रखैल।

 परिणाम प्रतिभा में भिन्न।।

वैद्य , गुरु परंपरा नहीं,

 परिणाम बुद्धि लब्धी  ईश्वरीय देन।।

 अंधे के पुत्र अंधे नहीं,

 डाक्टर का पुत्र स्वस्थ  नहीं,

प्राध्यापक का पुत्र अन्य क्षेत्र।।

 प्रतिभा प्रयत्न से उन्हीं को मिलती है,

 जिनको सर्वेश्वर की कृपा मिलें।।

 शूद्र  रानी ने बनवाया मंदिर।

 अपेक्षित मंदिर में  

काली की महिमा।

पुजारी बने ब्राह्मण विश्वविख्यात।।

प्रतिभा महिमा कर्मफल जान।।

स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन,चेन्नै।

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