Tuesday, June 1, 2021

क्षमा

 नमस्ते वणक्कम।

संगम संस्थान मध्यप्रदेश इकाई।

१-६-२०२१

विषय। क्षमा।

विधा 

 मौलिक रचना

 मौलिक विधा।

अपनी शैली।

  छिमा बडन को चाहिए, छोटन का उत्पात। रहीम्।

तमिल के संत कवि 

तिरुवल्लुवर --

 कोई बुराई करें तो उसकी भलाई ऐसी करनी है 

जिससे उसको शर्मिंदा होना पड़े।

स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै

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